जय श्री राम ...........| आदरणीय मित्रो, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष श्रीमती सुषमा स्वराज के अंकों का विश्लेषण भी कर लेते हैं| शिवसेना सुप्रीमो स्व. बाल ठाकरे ने तो इन्हें प्रधानमन्त्री पद के लिए सर्वाधिक उपयुक्त माना था|
सुषमा स्वराज : हाँ, बन सकती हैं
जन्म-दिनांक:-14-02-1952
मूलांक:-5 भाग्यांक:-6 आयु अंक:-8 (62 वाँ वर्ष) नामांक:-9 जन्म का चलित अंक:-8 (-) चलित दशा:-8 (वर्ष 2014 तक)
इनकी सूर्य राशि कुम्भ है| इनका मूलांक 5 बना है वृहदंक 14 से| यहाँ पितृ अंकों की युति बन रही है| यह युति शनि-प्रधान है क्योंकि इनका जन्म का चलित अंक 8| इसी कारण इनके पितृ पुरुष के रूप में अंक 8 की प्रधानता वाले श्री लालकृष्ण अडवाणी हैं| चूँकि इनका जन्म शनि के सौम्य अंक में हुआ है, इस कारण इनके जीवन में जो भी परिवर्तन या फेर-बदल आते हैं, वे बड़ा भूचाल नहीं पैदा करते| यह अंक 5 इनकी बॉडी लैंग्वेज में भी प्रबल अवस्था में है| इनकी उम्र के 62 वें वर्ष में ही लोकसभा चुनाव होने हैं| अतः हम इसी वर्ष को काम लेंगे| इनका यह वर्ष शुक्र की प्रधानता वाला शनि का वर्ष है क्योंकि चलित वर्ष का अंक 6 (2013) रहेगा, जबकि आयु अंक 9, जन्म का चलित का अंक 8 व चलित दशा के अंक 8 रहेगा| इनके लिए उम्र का 62 वाँ व 63 वाँ वर्षतगड़ी उछाल वाला सिद्ध हो सकता है| इनकी अंक 8 की दशा वर्ष 2014 तक चलेगी| यही इनकी उम्र के 62 वेंऔर 63 वें वर्ष का विस्तार-काल है| इसी कारण सुषमा स्वराज के लिए वर्ष 2013 व 2014 बहुत ख़ास रहनेवाला है| अंक 5 की अंक 8 की प्रधान अवस्था के साथ युति के कारण इस बार स्वराज का स्थान बदल सकता है| यह परिवर्तन सबसे पहले तो चुनाव वाली सीट ही बदलवा देगा| इसलिए यह कहा जा सकता है कि इस बार सुषमा स्वराज विदिशा से चुनाव नहीं लड़ेंगी| चुनावी वर्षांक 6 (2013) कि परिष्कृत अवस्था के कारणयह सीट विदिशा कि अपेक्षा अधिक शहरी हो सकती है| अगर सामान्य व्यावहारिक सांसारिक ज्ञान काम लेनेके प्रयास करें तो यह सीट भोपाल, इंदौर, नयी दिल्ली, चांदनी चौक जैसी कोई शहरी सीट हो सकती है| यह तो हुई छोटे स्थान-परिवर्तन की बात| अब करें बड़े स्थान-परिवर्तन यानि प्रधानमंत्री पद की बात| सुषमा स्वराज के संम्दार्भ में यह बात सिर्फ़ यहीं से पूरी नहीं की जा सकती| इसके लिए हमें नरेन्द्र मोदी के अंकों को भी साथ लेना पड़ेगा| नरेन्द्र मोदी के प्रधानमन्त्री पद पाने में सबसे बड़ी बाधा के रूप में एक यही स्त्री अंकों कीबाधा है| इस स्त्री अंकों की बाधा का सशरीरी स्वरूप है श्रीमती सुषमा स्वराज| इसलिए यह कहा जा सकता हैकि नरेन्द्र मोदी से पहले सुषमा स्वराज प्रधानमन्त्री बन सकती हैं| इनकी यह अवाधि 14-15 महीनों से लेकरमहीने रह सकती है| हाँ, यदि ये ख़ुद को पीछे कर लेती हैं तो नरेन्द्र मोदी पहले प्रधानमन्त्री बन सकते हैं| 23-24 इन्हें हम तो यही सुझाव देंगे कि माँ बगलामुखी की शरण में जाएँ|
मिलते हैं इस शृंखला के अगले भाग के साथ| ............ जय श्री राम|
सुषमा स्वराज : हाँ, बन सकती हैं
जन्म-दिनांक:-14-02-1952
मूलांक:-5 भाग्यांक:-6 आयु अंक:-8 (62 वाँ वर्ष) नामांक:-9 जन्म का चलित अंक:-8 (-) चलित दशा:-8 (वर्ष 2014 तक)
इनकी सूर्य राशि कुम्भ है| इनका मूलांक 5 बना है वृहदंक 14 से| यहाँ पितृ अंकों की युति बन रही है| यह युति शनि-प्रधान है क्योंकि इनका जन्म का चलित अंक 8| इसी कारण इनके पितृ पुरुष के रूप में अंक 8 की प्रधानता वाले श्री लालकृष्ण अडवाणी हैं| चूँकि इनका जन्म शनि के सौम्य अंक में हुआ है, इस कारण इनके जीवन में जो भी परिवर्तन या फेर-बदल आते हैं, वे बड़ा भूचाल नहीं पैदा करते| यह अंक 5 इनकी बॉडी लैंग्वेज में भी प्रबल अवस्था में है| इनकी उम्र के 62 वें वर्ष में ही लोकसभा चुनाव होने हैं| अतः हम इसी वर्ष को काम लेंगे| इनका यह वर्ष शुक्र की प्रधानता वाला शनि का वर्ष है क्योंकि चलित वर्ष का अंक 6 (2013) रहेगा, जबकि आयु अंक 9, जन्म का चलित का अंक 8 व चलित दशा के अंक 8 रहेगा| इनके लिए उम्र का 62 वाँ व 63 वाँ वर्षतगड़ी उछाल वाला सिद्ध हो सकता है| इनकी अंक 8 की दशा वर्ष 2014 तक चलेगी| यही इनकी उम्र के 62 वेंऔर 63 वें वर्ष का विस्तार-काल है| इसी कारण सुषमा स्वराज के लिए वर्ष 2013 व 2014 बहुत ख़ास रहनेवाला है| अंक 5 की अंक 8 की प्रधान अवस्था के साथ युति के कारण इस बार स्वराज का स्थान बदल सकता है| यह परिवर्तन सबसे पहले तो चुनाव वाली सीट ही बदलवा देगा| इसलिए यह कहा जा सकता है कि इस बार सुषमा स्वराज विदिशा से चुनाव नहीं लड़ेंगी| चुनावी वर्षांक 6 (2013) कि परिष्कृत अवस्था के कारणयह सीट विदिशा कि अपेक्षा अधिक शहरी हो सकती है| अगर सामान्य व्यावहारिक सांसारिक ज्ञान काम लेनेके प्रयास करें तो यह सीट भोपाल, इंदौर, नयी दिल्ली, चांदनी चौक जैसी कोई शहरी सीट हो सकती है| यह तो हुई छोटे स्थान-परिवर्तन की बात| अब करें बड़े स्थान-परिवर्तन यानि प्रधानमंत्री पद की बात| सुषमा स्वराज के संम्दार्भ में यह बात सिर्फ़ यहीं से पूरी नहीं की जा सकती| इसके लिए हमें नरेन्द्र मोदी के अंकों को भी साथ लेना पड़ेगा| नरेन्द्र मोदी के प्रधानमन्त्री पद पाने में सबसे बड़ी बाधा के रूप में एक यही स्त्री अंकों कीबाधा है| इस स्त्री अंकों की बाधा का सशरीरी स्वरूप है श्रीमती सुषमा स्वराज| इसलिए यह कहा जा सकता हैकि नरेन्द्र मोदी से पहले सुषमा स्वराज प्रधानमन्त्री बन सकती हैं| इनकी यह अवाधि 14-15 महीनों से लेकरमहीने रह सकती है| हाँ, यदि ये ख़ुद को पीछे कर लेती हैं तो नरेन्द्र मोदी पहले प्रधानमन्त्री बन सकते हैं| 23-24 इन्हें हम तो यही सुझाव देंगे कि माँ बगलामुखी की शरण में जाएँ|
मिलते हैं इस शृंखला के अगले भाग के साथ| ............ जय श्री राम|
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