अंक ज्योतिषी, अंग ज्योतिषी, राजनीतिक विश्लेषक-सलाहकार, नाटककार, शायर, अकादमिक, सम्प्रेरक वक्ता

शुक्रवार, 30 अप्रैल 2010

HOUSEFULL एवं CHASE की रिलीज़

जय श्री राम ............ | आदरणीय मित्रो,आज रिलीज़ हो रही हैं दो फ़िल्में---HOUSEFULL एवं CHASE | आज का मूलांक 3 व भाग्यांक 1 है | ये दोनों परस्पर मित्रता भाव रखते हैं | चलित का अंक है-6 (धनात्मक) | यह अंक 3 का परम मित्र है,इस लिए अंक 1 से भी अनुकूल भाव रखता है | अंक 3 व 6  अंक 9 से भी अनुकूलता रखते हैं,क्यों कि यह इन का परम मित्र है | 
HOUSEFULL
 इस फ़िल्म का अंक बनता है-1,जो कि आज का भाग्यांक होने के कारण बहुत शुभ है | इस का वृहदंक बनता है-46 | अंक 1,4 व 6 का त्रिकोण पितृ-सत्ता द्वारा धन/सुख-प्राप्ति बताता है | फ़िल्म में यह पितृ-सत्ता निर्देशक होता है | अतः यह बात फ़िल्म के निर्माता-निर्देशक साजिद खान के पक्ष में जाती है | साजिद का अंक बनता है-5 | यह आज के अंकों के संगत-भाव के कारण शुभत्व-प्राप्त है | साजिद का वृहदंक है-23 | अंक 2,3 व 5 का त्रिकोण आज के अंकों के साक्षी भाव में शुभत्व बताता है | इस का मूलांक समीकरण है 1-4 | यह फ़िल्म के नामांक त्रिकोण की ही भाँति शुभ है,मगर यह ग्रहण-दोष युक्त है | इस लिए यहाँ शुभत्व भाव दुर्बल हो जाता है | फ़िल्म के मुख्य नायक अक्षय कुमार के अंकों को लें तो,इन का मूलांक व मासांक 9 है,जो कि अनुकूल हैं | इन का भाग्यांक 5 है,जो कि आज के अंकों के संगत भाव के शुभत्व में है | इन का आयु अंक 7 (43 वाँ वर्ष) चलित वर्षांक 3 का विरोधी है | अतः यहाँ समस्त शुभत्व भाव में कटौती हो जाती है | इस समस्त विश्लेषण का निष्कर्ष यह है कि HOUSEFULL एक सफल फ़िल्म सिद्ध हो सकती है | हाँ,इस की सफलता कोई बहुत बड़ी वाली शायद न रहे |
CHASE    
  इस फ़िल्म का अंक बनता है-8,जो कि आज के अंकों से बहुत प्रतिकूलता रखता है | इस का वृहदंक बनता है-17 | अंक 1,7 व 8 का त्रिकोण पितृ-सत्ता की इच्छाओं में समझौता या कटौती बताता है | निर्माता अनुज सक्सेना का अंक बनता है-6 | यह आज के अंकों के अनुकूल है | इस का वृहदंक बनता है-33 | यह भी आज के अंकों से अनुकूलता रखता है | इस का मूलांक समीकरण है 4-2 | यह भावनात्मक झटका बताता है | चूँकि यहाँ वृहदंक 6 बनता है,इस लिए अंक 2,4 व 6 का त्रिकोण शुक्र भी ख़राब कर रहा है | इस कारण आर्थिक क्षति योग है | चूँकि अनुज फ़िल्म के नायक भी हैं,इस लिए इन के अंकीय समीकरण दोहरे रूप में प्रभावी हैं | फ़िल्म के निर्देशक जगमोहन मून्धड़ा का अंक बनता है-9,जो कि आज के अंकों से शुभ युति बनता है | इस का वृहदंक बनता है-54 | अंक 4,5 व 9 का त्रिकोण भी सफलता का ही सूचक है | हाँ,यह सफलता झटकेदार हो सकती है | इस वृहदंक का मूलांक समीकरण बनता है 9-9 | यह भी शुभ है | तो यहाँ मामला आपस में बहुत उलझ गया है | निर्देशक के अंकों की शुभता है;अनुज के अंक अनुकूल कम,प्रतिकूल अधिक हैं;और फ़िल्म के अंक तो पूरी तरह ही प्रतिकूल हैं | इस कारण यह फ़िल्म निर्माता के लिए घाटे का सौदा ही साबित हो सकती है | यह अवश्य हो सकता है कि जगमोहन मून्धड़ा पर इस का कोई ख़ास प्रभाव/नुकसान न हो |  
तो मित्रो,ये तो रही आज कि रिलीज़ हो रही फ़िल्मों की बात | अब कल सुबह जल्दी शिवपुरी के लिए रवाना होना है-ज्योतिष सम्मेलन के लिए | 4 मई को देर रात लौटेंगे | तो आप से 6 को फिर मुख़ातिब होंगे | आज बस इतना ही | ......... अब आज के आनंद की जय | ........... जय श्री राम |




भिलई ज्योतिष सम्मेलन:मीडियाकर्मी बनने के योग

 जय श्री राम ............ | आदरणीय मित्रो,सब से पहले तो इस बात के लिए आप से क्षमा-प्रार्थी हैं कि पिछले सप्ताह रिलीज़ होने वाली फिल्मों कि बात आप से नहीं कर पाए | भिलई (छत्तीसगढ़) अंतरराष्ट्रीय ज्योतिष महोत्सव के लिए जाना था,सो अंतिम समय तक उसी की तैयारियों में लगे रहे | वैसे हमारी कोशिश यह रहती है कि हम फिल्मों कि रिलीज़ के मामले में आप से बात करने में चुके नहीं | भिलई में इस ज्योतिष महोत्सव का आयोजन 24-25 अप्रैल को था | बहुत ही बढ़िया आयोजन था | 26-27 अक्टूबर,2002 को हम ने पहले बार ज्योतिष सम्मेलन में भाग लिया था | तब से आज तक का यह हर दृष्टि से सर्वश्रेष्ठ आयोजन था | ज्योतिषाचार्य श्री जयंत पाण्डेय और श्री अरुण बंसल संयुक्त रूप से इस शानदार आयोजन के लिए बधाई के पत्र हैं | इन्हें साधुवाद | इस महोत्सव को अनंत विभूषित गोवर्धन मठ पुरी पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी महाराज का दिव्य आशीर्वाद प्राप्त था | महोत्सव के उद्घाटन व समापन के सत्र में जगद्गुरु उपस्थित थे | महोत्सव का विषय था---'ज्योतिष के द्वारा करियर परामर्श' | हमारा व्याख्यान दूसरे दिन था | हमारा विषय था---'मीडियाकर्मी बनने के योग:अंक ज्योतिष के आईने में' | इस अवसर पर प्रकाशित स्मारिका में यह आलेख सम्मिलित है | हम इस व्याख्यान को यहाँ आप की सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं---
           "आज के युग को यदि 'मीडिया युग' भी कह दिया जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी | लोकतंत्र के इस चौथे स्तम्भ की आज के युग में बहुत ही महती भूमिका है | इस के आकर्षण से कोई नहीं बच पा रहा है | करियर के रूप में भी यह बहुत ही पसंदीदा बन गया है | ख़ासकर आज के युवा वर्ग को इस में अपने लिए बहुत कुछ दिख रहा है | यह ग़लत भी नहीं है | इस में अच्छा पैसा और नाम जो मिलता है | आइए,जानें कि अंक ज्योतिष की दृष्टि से कौन से योग हैं,जो कि मीडियाकर्मी बनाते है | 
            सब से पहले यह जानें कि जन्मांक की रूपरेखा क्या है ? व्यक्ति के जन्मांक के तीन भाग होते हैं---(अ) मूलाधार अंक (ब)भाग्यांक अंक (स) चलित अंक | इस मूलाधार अंक के भी तीन भाग हैं---(1)मूलांक यानि जन्म की दिनांक (2) मासांक यानि जन्म के महीने का अंक और (3) वर्षांक यानि जन्म के वर्ष का अंक | इन तीनों का शताब्दी सहित योग करने पर प्राप्त 'अंतिम महायोगांक' को 'भाग्यांक' कहते हैं | चलित अंक को जानने के लिए यह देखना होता है कि व्यक्ति का जन्म किस अवधि में हुआ है ? किसी व्यक्ति में इन अंकों की प्रभावी तीव्रता इस बात पर निर्भर करती है कि उक्त अंक किस परिमाण में जीवित या मृत हैं ? 
            अब बात करते हैं---मूलांक की | दिनांक 1,10,19 और 28 को जन्मे लोगों का मूलांक 1 होता है | दिनांक 2,11,20 और 29 को जन्मे लोगों का मूलांक 2 होता है | दिनांक 3,12,21 और 30 को जन्मे लोगों का मूलांक 3 होता है | दिनांक 4,13 और 22 को जन्मे लोगों का मूलांक 4 होता है | दिनांक 5,14  और 23  को जन्मे लोगों का मूलांक 5 होता है | दिनांक 6,15 और 24 को जन्मे लोगों का मूलांक 6 होता है | दिनांक 7,16 और 25 को जन्मे लोगों का मूलांक 7 होता है | दिनांक 8,17 और 26 को जन्मे लोगों का मूलांक 8 होता है | दिनांक 9,18 और 27 को जन्मे लोगों का मूलांक 9 होता है | भाग्यांक ज्ञात करने के लिए जन्म के सभी अंकों को जोड़ लीजिए | अब इस का महायोग कर लीजिए | जैसे कि किसी का जन्म 13  दिसंबर,1956 को हुआ है,तो यहाँ हम 13+12+1956 को जोड़ेंगे | इस जोड़ का अगला चरण बना---13+12+21 | अब अगला चरण है---4+3+3 | इस का योग बना-10 | अब इस का महायोग बना-1 | यह इस व्यक्ति का भाग्यांक है | चलित के अंक जानने के लिए कैलेण्डर वर्ष के विभाजन को जानना पड़ेगा | सौर वर्ष सूर्य के 21 से 23  मार्च तक विषुवकाल में प्रवेश करने से आरम्भ होता है | सूर्य राशि-चक्र के प्रत्येक प्रतीक में से 30 डिग्री पर से गुज़रता है | इस प्रकार 365 दिनों का एक वर्ष माना जाता है | इस एक वर्ष का विभाजन इस प्रकार किया गया है---
(१) 21 मार्च से 20 अप्रेल:---अंक 9 (धनात्मक)
(२) 21 अप्रेल से 20 मई:---अंक 6 (धनात्मक)
(३) 21 मई से 20 जून:---अंक 5 (धनात्मक)
(४) 21 जून से 20 जुलाई:---अंक 2 व 7
(५) 21 जुलाई से 20 अगस्त:---अंक 1  व 4
(६) 21 अगस्त से 20 सितम्बर:---अंक 5 (ऋणात्मक)
(७) 21 सितम्बर से 20 अक्टूबर:---अंक 6 (ऋणात्मक)
(८) 21 अक्टूबर से 20 नवम्बर:---अंक 9 (ऋणात्मक)
(९) 21  नवम्बर से 19 दिसंबर:---अंक 3 (ऋणात्मक)
(१०) 20 दिसंबर से 19 जनवरी:---अंक 8 (ओज)
(११) 20 जनवरी से 19 फरवरी:---अंक 8 (सौम्य)
(१२) 20 फरवरी से 20 मार्च:---अंक 3 (धनात्मक)
               अब इस बात की चर्चा की जाए कि मीडियाकर्मी बनने के लिए किन अंकों की भूमिका रहती है ? "मीडियाकर्मी" शब्द बहुत व्यापक है | इस में रिपोर्टर,प्रोड्यूसर,न्यूज़ एडिटर,कॉपी राइटर,यहाँ तक कि सी.ई.ओ. भी आ जाता है | अंक 4 और अंक 3 की प्रधानता होनी बहुत ज़रूरी है | अंक 3 अभिव्यक्ति,ज्ञान,सम्प्रेषण,वाक्-कला,जन-संपर्क,निरीक्षण,चुनाव,चयन,कलात्मक अभिरुचि आदि का है | मीडियाकर्मी बनने के लिए ये सभी तत्त्व अति आवश्यक हैं | यदि कोई व्यक्ति मात्र कार्यालय तक सीमित नहीं रहना चाहता,बल्कि फील्ड में अपनी कामयाबी के झंडे गाड़ना चाहता है तो इन तत्त्वों का उस के व्यक्तित्व में समावेश अत्यंत आवश्यक है | अंक 4 सूर्य का ऋणात्मक है | इसे राहू का अंक भी कहते हैं | यह मस्तिष्क,विचार,मनन,मंथन,चिंतन,परिष्कृत निर्णय-क्षमता,नेतृत्व,त्वरित क्रियाविधि,पितृसत्तात्मकता,आधिकारिकता का अंक है | इस की प्रबलता व्यक्ति को मस्तिष्क से बहुत समृद्ध बना देती है | यदि यहाँ अंक 1 की भी भूमिका हो तो पत्रकारिता-तत्त्व का परिमाण बढ़ जाता है | एक उदाहरण से बात अधिक स्पष्ट हो जाएगी | देवर्षि नारद को सृष्टि का "आदि मीडियाकर्मी" माना जाता है | उन के अंक तथा बॉडी लैंग्वेज,दोनों ही बिलकुल इसी ढाँचे में हैं | उन का नामंक बनता है---13 | यहाँ नाम का मूलांक है--- 4 | वृहदंक 13 में अंक 3 जीवंत रूप में है | यहाँ अंक 1 की उपस्थिति से भाव की सघनता बढ़ गयी है | चूंकि अंक 1 व 3 पारस्परिक मित्र एवं लोकप्रियता भाव की प्रबल युति रखते हैं,इस लिए अंक 1 व 3 के इस पारस्परिक समन्वय के कारण नारद देवों,दानवों,नरों,यक्षों,गन्धर्वों आदि सभी में समान मित्र भाव से लोकप्रिय थे | नारद की पत्रकारिता कितनी उच्च कोटि की थी | इन अंकों के साथ अंक 5 की भूमिका भी अति आवश्यक है | यह लिपि-बद्धता का श्रेष्ठतम अंक है | इसी कारण महर्षि वेद व्यास ने "महाभारत" को लिपि-बद्ध करने के लिए भगवान गणेश को चुना था | मीडिया में इस लिपि-बद्धता की महत्ता से भला कौन इंकार करेगा,भले ही अब ज़्यादातर काम कम्प्यूटर पर ही हो रहा है | यह अंक 5 पूर्वाभास क्षमता का भी है | एक सफल पत्रकार होने के लिए इस क्षमता का होना भी अति आवश्यक है | इसी के बल पर कई पत्रकारों ने अपूर्व ख्याति पाई है | अंक 5 बातों को पचाने यानि गोपनीयता का भी है | मीडिया में विभिन्न सन्दर्भों में गोपनीयता की महत्ता सभी जानते और मानते हैं | यह अंक छठी इन्द्रिय का भी प्रतिनिधित्व करता है | मीडिया में यदि आप की छठी इन्द्रिय जाग्रत नहीं है तो आप किये-किराये पर पानी फिर सकता है | इस प्रकार यहाँ अंक 3,4 और 5 की तो प्रधान भूमिका ठहरती है |
               अब यहाँ यह स्वाभाविक प्रश्न भी उठता है कि जैसा हम ने पहले कहा कि "मीडियाकर्मी" शब्द के अंतर्गत तो कई रूप आते हैं,ऐसे में भला किस रूप में करियर बनने में कौन-से अंक मदद करते हैं ? आगे बढ़ने से पहले यहाँ यह बात स्पष्ट रूप से समझ लेने की आवश्यकता है कि जन्मांकों में सर्वाधिक प्रभावी भूमिका मूलांक और भाग्यांक की रहती है | इन के बाद चलित अंक,और उस के बाद मासांक और वर्षांक की भूमिका रहती है | यदि अंक 3 व 4 के साथ अंक 1 का प्रधान त्रिकोण बन रहा है तो ऐसा व्यक्ति फील्ड रिपोर्टर,प्रभारी,प्रोड्यूसर,ब्यूरो चीफ के रूप में सफल हो सकता है | यदि इस प्रधान त्रिकोण में अंक 6 है तो व्यक्ति को पर्दे पर आने वाले के रूप में सफलता मिल सकती है | ऐसा व्यक्ति सफल न्यूज़ एंकर या साक्षात्कारकर्ता  बन सकता है | यदि यहाँ अंक 5 की प्रधानता सम्मिलित हो जाए तो ऐसा व्यक्ति कॉपी राइटर,समाचार-संपादक,डेस्क प्रभारी,इन पुट/आउट पुट प्रभारी,स्टोरी मैनेजर के रूप में सफल हो सकता है | यदि यहाँ अंक 5 के साथ अंक 2 की भी भूमिका बन जाती है तो ऐसा व्यक्ति इलेक्ट्रोनिक के साथ-साथ प्रिंट मीडिया में भी सफल हो सकता है | ऐसे लोग अपने चहरे से कम,नाम से ज़्यादा जाने जाते हैं यानि कि ये लोग पर्दे पर आने की बजाय पर्दे के पीछे रह कर ज़्यादा सफल हो सकते हैं | 
            यदि उक्त त्रिकोण में अंक 7 की भी प्रधान भूमिका बनती हो तो व्यक्ति लगभग सभी तरह की भूमिकाओं में काम चला सकता है | यदि अंक 8 की प्रधानता बन जाए तो ऐसे व्यक्ति को फील्ड रिपोर्टर के रूप में अच्छी सफलता मिल सकती है,मगर ऐसे लोगों को अपना कार्य-क्षेत्र नियमित रूप से बदलते रहना चाहिए | यदि जन्मांक त्रिकोण में अंक 9 की प्रधानता आ जाए तो ऐसे व्यक्ति को दिशा-निर्देशन का प्रभार संभालना चाहिए | यदि इस के साथ इन के यहाँ अंक 1 की भी बलवती भूमिका हो तो ये लोग एक सफल सी.ई.ओ. या मुखिया सिद्ध होते हैं | यदि अंक 3 व 4 की बहुत प्रबलता नहीं है,मगर अंक 5 और 6 की प्रबलता है तो ऐसे व्यक्ति को मीडिया में मार्केटिंग में जाना चाहिए | यदि अंक 3 व 5 की प्रबलता तो है,मगर अंक 4 की नहीं,तो उसे विज्ञापन सेक्शन में जाना चाहिए | अब यदि सर्वाधिक उपयुक्त पत्रकारिता-बॉडी लैंग्वेज की बात की जाए तो महिला पत्रकारों में बरखा दत्त और पुरुषों में राजदीप सरदेसाई,करण थापर और प्रणव राय हैं | हाँ,करण थापर का अंक 1, राजदीप सरदेसाई का अंक 9 और प्रणव राय के अंक 2,7 व 6 ख़राब है | 
             किस के भाग्य में क्या बनना लिखा है,यह तो उस परमपिता ने लिख रखा है,मगर इन अंक ज्योतिषीय संकेतों को ध्यान में रखा जाए तो उस लिखे हुए को समझने में तनिक आसानी हो सकती है | इन संकेतों को समझने के बाद भी पुरुषार्थ के पथ पर तो पूर्ण समर्पण और निष्ठा से चलना ही होगा | भाग्य पुरुषार्थ का विकल्प नहीं,अपितु पूरक है |"  
            मित्रो,यह तो हमारा वहाँ व्याख्यान था | यह व्याख्यान इस महोत्सव के दूसरे दिन यानि 25 तारीख़ को पहले सत्र में था | दोपहर के भोजन के बाद 'TV TODAY' समूह के संवाददाता ने हमारा साक्षात्कार लिया | यह साक्षात्कार ललित मोदी के भविष्य को ले कर केन्द्रित था | इस में हम ने कहा---" ललित मोदी का बुरा समय अभी तो शुरू हुआ है | 20 जून के बाद इन का समय ज़्यादा विपरीत होगा | अगला डेढ़ साल इन के लिए बहुत कुछ छीनने वाला होगा | इन का मूलांक 2 व भाग्यांक 5 है | ये दोनों ही अंक ख़राब होने के कारण जो इन के ख़ैर-ख्वाह हैं,वे इन्हें छोड़ कर किनारे हो जाएँगे | इन का अंक 6 विखंडित है | ऐसे लोगों के साथ धन सम्बन्धी विचित्रताएँ चोली-दामन की भाँति जुडी होती हैं | इन का जितनी विचित्रता से उत्थान होता है,उतनी ही विचित्रता से पतन भी होता है | "  हमारे इस साक्षात्कार के कुछ घंटों बाद ही रात को मोदी को पद से निलंबित कर दिया गया | 
            कल आप की सेवा में रिलीज़ हो रही फिल्मों की बात करने उपस्थित होंगे | परसों ज्योतिष सम्मेलन के लिए शिवपुरी के लिए रवाना होना है | वहाँ से 4 मई को देर रात लौटेंगे | तब 6 मई को आप से फिर मुख़ातिब होंगे | आज बस इतना ही | ......... अब आज के आनंद की जय | ............ जय श्री राम | 




बुधवार, 21 अप्रैल 2010

श्री शिरडी साई बाबा का दूसरा जन्म:श्री सत्य साई बाबा


जय श्री राम ........... | आदरणीय मित्रो,सब से पहले तो हम आप से इस बात के लिए क्षमा मांगते हैं कि अपने वादे के अनुसार हम आप की सेवा में यह आलेख कल प्रस्तुत नहीं कर सके | कल सुबह से हमारे यह 'प्रियतम बन्धु' इन्टरनेट भाई साहब ऐसे रूठे कि अभी तक रूठे हुए थे | अभी कुछ देर पहले ही माने हैं | अब दुआ कर रहा हूँ कि ये तब तक तो माने ही रहें कि जब तक यह पोस्ट आप की सेवा में उपस्थित न कर दें | ... तो हमारा आप से यह वादा था कि हम मंगलवार यानि कि बीते कल को आप से बात करेंगे श्री शिरडी साई बाबा के दूसरे जन्म की | तो एक दिन देर से ही सही,आज हम यह बात आप से करने जा रहे हैं | 09 अप्रेल,2010 के आलेख में हम ने आप के साथ विस्तार से यह चर्चा की थी कि श्री शिरडी साई बाबा के पहले जन्म का अंक ज्योतिषीय विश्लेषण क्या कहता है तथा इन का तीसरा जन्म कब होगा ? तब हम ने यह भी कहा था कि इन का दूसरा जन्म बहुत पहले हो चुका | यह जन्म है 'श्री सत्य साई बाबा' के रूप में | तो अब आज का सिलसिला यहीं से शुरू करते हैं | 
बात का आधार 
 हमारी इस बात पर कुछ लोगों को आपत्ति हो सकती है | अपनी-अपनी बात रखने का अधिकार सब को है | अगर यह अधिकार आपत्ति करने वालों को है,तो हमें भी अपनी बात रखने का अधिकार है;मगर हम एक बात का खुलासा बहुत साफ़ तौर पर कर देते हैं कि कोई आवश्यक नहीं है कि आप हमारा यह आलेख हमारी दृष्टि से देखें | आप इस आलेख को नितांत तटस्थ भाव से या किसी आलोचक भाव से भी देख सकते हैं | अब हम आप को बताते हैं कि सत्य साई बाबा को हम ने शिरडी साई बाबा का दूसरा जन्म क्यों माना ? सब से बड़ा कारण तो है शारदा देवी,चिंचोली नरेश,काका दीक्षित,उन के भतीजे एम.जी.दीक्षित आदि प्रकरण | इस के बाद कारण है हमारा विश्लेषण | इसी आलेख में हम ने यह विश्लेषण बहुत विस्तार से किया है | हमारी एक बात आप को कुछ विचित्र लग सकती है कि एक समय ऐसा भी था कि हमें सत्य साई बाबा के 'शिरडी साई बाबा के पुनर्जन्म' होने की बात पर बिलकुल भी विश्वास नहीं था | इस बात को तो छोडिए,हमें तो ज्योतिष पर भी विश्वास नहीं था | विज्ञानं के विद्यार्थी थे,इस लिए ज्योतिष,तंत्र,परा विद्याओं आदि को नितांत अविश्वास की दृष्टि से देखते थे | एक वह समय था,और एक यह समय है | आप स्वयं समझ सकते हैं कि 'वहाँ' से 'यहाँ' तक सफ़र हम ने ऐसे ही तो तय नहीं किया | कई कसौटियों पर परखा है सब कुछ | अब आप के मान में यह प्रश्न भी उठता होगा कि फिर कुछ लोग श्री सत्य साई बाबा की निंदा/आलोचना क्यों करते हैं ? इस का सीधा-सा जवाब मशहूर शायर मरहूम साहिर लुधियानवी के इस शे'र में है---"अच्छों को बुरा साबित करना,दुनिया की पुरानी आदत है " | युग-प्रवर्तकों को तो हर युग में निंदा का हलाहल पीना ही पड़ता है | वे यह विष पी कर ही तो संसार को अमृतपान करवाते हैं |     
जन्मांक-नामांक विश्लेषण 
    श्री शिरडी साई बाबा का दूसरा जन्म श्री सत्य साई बाबा के रूप में हुआ है | इन का जन्म 23-11-1926 को प्रातः 05:06 बजे आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले के पुट्टपर्ती में हुआ | यह जा रहे सोमवार और आ रहे मंगलवार का समय था | तो यहाँ मंगलवार गिना जाएगा,मगर कुछ प्रभाव सोमवार का भी रहेगा | इन के जन्म का मूलांक-5,मासांक-2,वर्षांक-9, भाग्यांक-7 हुआ | चलित का अंक 3 (ऋणात्मक) था | इन की सूर्य राशि 'धनु' है | इन के मूलांक का वृहदंक 23 पितृ-कृपा का सूचक है | ऐसे लोग अपने पिछले जन्म/जन्मों की शक्ति/शक्तियाँ साथ ले कर चलते हैं | इन शक्ति/शक्तियों का परिमाण कितना रहता है,यह निर्भर करता है इस जन्म के अंकों पर | यह अंक 2 व 3 का मेल है | पहला अंक स्त्री अंक है,जब कि दूसरा अनुयायियों/अनुसरणकर्ताओं का | इस का मूलांक है-5 | अंक 2,3 व 5 का त्रिकोण सुदृढ़ मार्गदर्शन/चमत्कार-क्षमता बताता है | ऐसे लोगों की पूर्वाभास व भविष्य-कथन-क्षमता बहुत अच्छी होती है | इन के मासांक का वृहदंक 11 दो पुरुष अंकों का मेल है,जो कि एक स्त्री अंक निर्मित करते हैं | इस का तात्पर्य यह है कि ऐसे पुरुषों का जीवन स्त्रीत्व-प्रधान होता है | यदि स्त्री अंक सकारात्मक रूप से प्रधान होते हैं तो परिवार/घर की स्त्रियों का भरपूर सुख मिलता है,किन्तु यदि स्त्री अंक नकारात्मक रूप से प्रधान होते हैं तो यह सुख बिलकुल नहीं मिलता है | हाँ,अन्य स्त्रियों का प्रेम व श्रद्धा बहुत मिलती है | इन का भाग्यांक है-7 | यह भी स्त्री अंक है | इन का जन्म ऋणात्मक समय ( अंक 3 का ) में हुआ है,इस कारण स्त्री अंक विखंडित हो गये हैं | इस कारण इन पर यह बात पूरी तरह लागू होती है | इन्हें अपने परिवार की स्त्रियों का सुख बिलकुल नहीं मिला | चूँकि ये स्त्री अंक दाम्पत्य के भी होते हैं,इस लिए इन्हें दाम्पत्य सुख भी नहीं मिला | इन्होंने विवाह नहीं किया | हाँ,इन्हें परिवार के बाहर की स्त्रियों से स्नेह व श्रद्धा अपरिमित परिमाण में मिली | इन के जन्म के समय का योग भी अंक 2 ही मिलता है | यहाँ अंक 2,5 व 6 का त्रिकोण स्त्री-सुख-विखंडन भी तो सूचित कर रहा है | तनिक हमारा विश्लेषण याद कीजिए कि श्री शिरडी साई बाबा के जीवन में ठीक-ठीक यही योग था | इन के भाग्यांक का वृहदंक है-25 | कीरो के अनुसार ऐसे लोगों को प्रारंभिक जीवन में संघर्ष के बाद ही सफलता मिलती है | हमारी पद्धति के अनुसार अंक 2 मानस/मानसिक शक्तियों तथा अंक 5 सशक्त जाग्रत छठी इन्द्रिय व का प्रतीक है | यह अंक भविष्य-कथन-क्षमता व पूर्वाभास क्षमता के दृष्टिकोण से जातक को बहुत समृद्ध बना देता है | सत्य साई बाबा के जीवन में अंक 5 की अतिशय प्रधानता है | अब तक अंक 5 की जितनी चर्चा हम कर चुके हैं,इस के अतिरिक्त और रूप भी देखिए | इन का जन्म 05 बज कर 06 मिनट पर हुआ | 04:30 बजे से 05:30 बजे तक अंक 5 होता है | इन का संयुक्तांक,'सत्य' का अंक,'साई' का अंक,'साई अवतार' की घोषणा का मूलांक,मासांक व वर्षांक भी 5 है | वह इन की उम्र का 14 वाँ वर्ष था | इस का मूलांक भी 5 बनता है | अंक 1 व 4 पितृ अंक हैं | इन की यह 'अनुलोम अवस्था' पितृ रूप की उद्घाटक/आरंभक मानी जाती है | इन की बॉडी लैंग्वेज में भी अंक 5 अपनी पूर्ण तीव्रता के साथ उपस्थित है | इन का गोलाकार चेहरा,अधिक चौड़े नथुने,फूले व गोलीय स्वरूप-संपन्न बाल,क्लीन शेव आदि | यहाँ यह बात विशेष ध्यान देने की है कि इन के बाल जब से ऐसे हुए हैं,तभी से इनके 'साई रूप' की प्रगति सामने आयी है | अंक 5 की इसी अतिशय प्रधानता के कारण ही इन का जीवन चमत्कार-प्रधान है | विखंडित शुक्र व ऋणात्मक गुरु यानि अंक 3 व अंक 6  का साथ होने पर ही इन का जीवन चमत्कारों से 'भरा' व 'झरा' होने के योग हैं | ये अंक जीवन में दो बार साथ आते हैं | पहली बार ये अंक साथ आये 'अनुलोम अवस्था' में उम्र के 36 वें वर्ष यानि वर्ष 1961-62  में | तब से इन का जीवन चमत्कारों से 'भरा' यानि भरपूर रहना आरम्भ हुआ | ये अंक दूसरी बार साथ आये 'प्रतिलोम अवस्था' में उम्र के 63 वें वर्ष यानि वर्ष 1988-89 में | | तब से इन का जीवन चमत्कारों से 'झरा' यानि हल्का होना शुरू हो जाता है | इसी प्रकार इन के जीवन पर स्त्री अंकों (अंक 2 व 7 ) का दायरा भी साफ़ तौर पर देखा जा सकता है | अपनी 'अनुलोम अवस्था' में ये अंक उम्र के 27 वें वर्ष यानि वर्ष 1952-53 में आये | तब से इन की बाह्यावास्था में अतिशय वृद्धि हुई | ये स्त्री अंक अपनी 'प्रतिलोम अवस्था' में उम्र के 72 वें वर्ष यानि वर्ष 1997-98 में आये | तब से इन की बाह्यावास्था में कमी होनी शुरू हो गयी | ये स्त्री अंक इन जीवन पर एक और रूप में भी प्रभावी हैं | वैसे तो इन के जन्म की दिनांक को मंगलवार था,मगर चूँकि वह सूर्योदय से पहले का समय था;इस लिए सोमवार का भी प्रभाव रहेगा | सोमवार के अंक ये ही स्त्री अंक (2 व 7 ) होते हैं | इन के जन्म के दिन मंगलवार का अंक है-9 | स्त्री अंकों के साथ अंक 9 की इस युति का एक फल यह भी है कि इन का सारा बल सामाजिक सद्भाव व समन्वय पर है,इसी लिए इन्होंने कोई नया पंथ या धर्म न चला कर सभी को यह कहा कि वे अपने-अपने सामाजिक व धार्मिक/सांप्रदायिक दायरे में रह कर ही अपना मानव-धर्म/कर्त्तव्य निभाएँ | इन के जन्म के वर्ष का वृहदंक है-18 | कीरो के अनुसार यह अंक क्रांतियों व सामाजिक उथल-पुथल से लाभ दिलाता है | हमारी 'युग्म अंक पद्धति' के अनुसार यह अंक पितृ-द्रोह का अंक है | यह युति 'पितृ द्रोह युति' कहलाती है | ऐसे लोगों को पितृ सुख या तो बहुत कम या फिर नहीं ही मिलता है | इन के जन्म व स्थायी निवास-स्थान 'पुट्टपर्ती' का अंक बनता है-8 | अंक 18 से इस अंक की युति इस के फल में वृद्धि करती है | श्री सत्य साई बाबा का जीवन भी यही बताता है | इन्हें बहुत कम व बाधित पितृ सुख मिला | इन अंकों के साथ विखंडित अंक 6 (शुक्र) व स्त्री अंकों (2 व 7 ) की युति चारित्रिक आक्षेप लगवाती है | इसी कारण श्री सत्य साई बाबा पर भी कुछ ऐसे आक्षेप लगे हैं | किन्तु यह युति मात्रा आक्षेपक है,आपराधिक नहीं | इस कारण बाबा पर मात्र आक्षेप ही लगे हैं,ये अपराधी नहीं ठहरे |                      
श्री सत्य साई बाबा के बचपन का नाम था-'सत्यनारायण राजू' | इस का मूलांक बनता है-5 | इन के जीवन में अंक 5 की प्रधानता का विस्तृत विश्लेषण हम इस आलेख में कर ही रहे हैं | इस का वृहदंक बनता है-41 | यह पितृ अंकों की ग्रहण-युति है | यह पितृ-सुख में बाधा बताती है,मगर साथ ही युति यह भी बताती है कि ऐसे लोगों  को स्वयं एक 'पितृ-पुरुष' के रूप में बहुत ख्याति मिलती है | 'सत्यनारायण' का अंक बनता है-4 | यह पितृ अंक है | इस का वृहदंक है-31 | यह युति ज्ञानाधारित मार्गदर्शन तथा नेतृत्व-गत निर्णयों व सफलता सूचित करती है | अंक 1,3 व 4 का त्रिकोण भी पितृ-पुरुष के रूप में उक्त बातों की ही पुष्टि मरता है | 'राजू' का अंक है-1 | यह प्रबल पितृ अंक है | यह बहुत ही शुभ अंक है | इस का वृहदंक है-10 | यह सर्वाधिक शुभ अंक है | इसे 'सौभाग्य चक्र का अंक' कहते हैं | ऐसे लोगों को ख़ूब सम्मान,आदर व यश प्राप्त होता है | इन की सभी योजनाएँ सफल होती हैं | इन का बाद का और अभी सर्व प्रचलित नाम है-'सत्य साई बाबा' | 'सत्य' का अंक है-5,जिस का वृहदंक है-14 | हम इन की बात पहले कर चुके हैं | 'साई' का अंक 5 व 'बाबा' का अंक है-6  | इन दोनों ही अंकों के प्रभाव की बात भी हम कर चुके हैं | इन के इस नाम का अंक बनता है-7,जिस का वृहदंक बनता है-25 | इन के भाग्यांक की चर्चा में हम इन अंकों की बात कर चुके हैं |  
अंक कुंडली-विश्लेषण 
   अब बात करते हैं सत्य साई बाबा की जन्म की अंक कुंडली की | इस में मात्र दो युतियाँ बन रही हैं-एक क्षैतिज व दूसरी ऊर्ध्वाधर | क्षैतिज युति में एक गुरु के साथ तीन सूर्य व एक मंगल है | यह प्रबल आध्यात्मिक अवस्था बताती है | ऐसे लोग प्रकांड विद्वान्,प्रखर वक्ता तथा सशक्त प्रेरक व मार्गदर्शक होते हैं | शुभांकों की उपस्थिति में इस युति का फल बढ़ जाता है | सत्य साई बाबा के यहाँ जन्मांकों व जन्मदिन मंगलवार के कारण यह युति वृद्धिमान अवस्था में है | इन की ऊर्ध्वाधर युति में एक गुरु,एक शुक्र व दो चन्द्रमा हैं | यह युति स्त्री अंकों की        


वही नकारात्मक अवस्था बताती है,जिस की चर्चा हम पूर्व में कर चुके हैं | इसी युति के कारण ही अंक 5 की अतिशय प्रधानता के बाद भी सत्य साई बाबा की बॉडी लैंग्वेज में चपलता नहीं,शिथिलता है | इन की अंक कुंडली में प्रकट की अपेक्षा परोक्ष युतियाँ अधिक प्रभावी हैं | 
कब होगा देहांत ?
वैसे तो श्री सत्य साई बाबा ने स्वयं यह कहा रख है कि वे 93 वें वर्ष तक यह शरीर रखेंगे;तथा उस के 8 साल बाद फिर जन्म लेंगे | यह तो बात हुई बाबा के कहने कि,मगर हम अंकज्योतिष के गणित से देखते हैं कि बाबा का देहांत व अगला जन्म कब होगा ? शिरडी साई बाबा के देहांत का भाग्यांक है-8 | इसे उन के देहांत के वर्ष 1918  में जोड़ने पर वर्ष आता है-1926 |  यह शिरडी साई बाबा के के दूसरे जन्म यानि सत्य साई बाबा के जन्म का वर्ष है | जन्म के कारक अंक हैं-1 व 2 | शिरडी साई बाबा की आयु थी-81 वर्ष | इस में जन्म के कारक अंकों की 'अनुलोम अवस्था' जोड़ने पर आता है-93 वर्ष | यह बाबा के दूसरे जन्म यानि सत्य साई बाबा के शरीर की आयु है | इस का तात्पर्य यह हुआ कि सत्य साई बाबा का देहांत वर्ष 2019 में होगा | इन का जन्म का चलित अंक है-3 (ऋणात्मक ) | वर्ष 2019 में अंक 3 दो बार आएगा | पहली बार 20 फरवरी से 20 मार्च तथा दूसरी बार 21 नवम्बर से 19 दिसंबर तक | 7 दिन संक्रमण काल के जोड़ दें तो यह अवधि 27 मार्च और 26 दिसंबर तक हो जाती है | अब हमारे गणित काल में 20 फरवरी से 27 मार्च वाली अवधि अधिक उपयुक्त ठहरती है | फिर भी कमोबेश यह वर्ष 2019 ही रहना है,ऐसी आशा है | सत्य साई बाबा के देहांत का दिन मंगलवार,बुधवार या गुरुवार हो सकता है,क्यों कि इन के सर्वाधिक प्रभावी अंक हैं-3,5 व 9 | 'पुनर्क्रम निर्धारण पद्धति' से देखा जाए तो सत्य साई बाबा के देहांत का मूलांक/भाग्यांक 2,4 य़ा 7 हो सकता है | 
अगला जन्म कब ?
    मित्रो,अब इस चर्चा में कुछ बातें शिरडी साई बाबा वाले आलेख से दोहरानी पड़ेंगी | ऐसा करने के पीछे हमारा उद्देश्य पिष्टपेषण करना नहीं है | ऐसा करना इस विषय को सम्पूर्णतः विश्लेषित करने के लिए आवश्यक है | अभी विगत विश्लेषण में हम ने देखा कि सत्य साई बाबा के देहांत का वर्ष ठहरता है-2019 | इस में देहांत के कारक अंक 8 को जोड़ने पर इन के अगले जन्म का वर्ष मिल जाता है;और यह आता है-2027 | 
 बाबा का पहला जन्म हुआ अंक 2 के वर्ष में यानि कि वर्ष 1838 में | बाबा का दूसरा जन्म हुआ अंक 9 के वर्ष में यानि कि वर्ष 1926 में | 'पुनर्क्रम निर्धारण विधि' से बाबा का अगला जन्म अब फिर से अंक 2 के ही वर्ष में होना है | अब प्रश्न उठता है कि यह वर्ष कौनसा होगा ? तो यह जानने के लिए बाबा के पहले जन्म के अंकों की शरण में चलते हैं | बाबा के पहले जन्म के मूलांक का वृहदंक है-27 व वर्ष का वृहदंक है-20 | इस युति को पहले तो सीधे-सीधे देखें तो यह वर्ष बनता है-2720,जो कि दूसरे जन्म की वर्तमान अवस्था को दृष्टिगत रखते हुए संभव नहीं है,क्यों कि दैहिक धर्म की भी अपनी सीमा होती है | बाबा के दूसरे जन्म के शरीर की वर्तमान अवस्था लगभग चौरासी साल है,और वर्ष 2720 से कुछ वर्ष पहले भी इस की पूर्णाहुति मान ली जाए,तब भी यह देह-यात्रा लगभग 800 वर्ष की हो जाएगी,जो कि दैहिक धर्म के अनुकूल नहीं बैठ रही है | अब बात करते हैं दूसरे विकल्प की | दूसरा विकल्प यह है कि जन्म के वर्ष और मूलांक के संयुक्तांक की 'विरुद्ध युति' बना ली जाए | यह युति बनती है-वर्ष 2027 | बाबा के पहले जन्म के पहले जन्म के अंकों से ये दो ही विकल्प बनते हैं | इस प्रकार बाबा के तीसरे जन्म का वर्ष ठहरता है-2027 | एक और विधि भी है | जन्म के कारक अंक होते हैं-1 व 2 | अंक 1 पुरुष व अंक 2 स्त्री का होता है | इन के मेल से अंक 3 का जन्म होता है | इस बात को सांसारिक या दैहिक स्तर पर इस प्रकार समझिए कि पुरुष व स्त्री के मेल से संतान पैदा होती है | तब अंक 1 पिता व अंक 2 माता का हो जाता है |  अब तनिक यह भी देख लिया जाए कि वर्ष 2027 में किस समय में बाबा फिर से अवतरित होंगे ? बाबा का पहला जन्म हुआ अंक 6 ( ऋणात्मक) में | उन का दूसरा जन्म हुआ अंक 3 (ऋणात्मक) में | अंक 3,6 व 9 के समूह का अब शेष रहा अंक है-9 | अब इसी का क्रम है | अंक 9 एक कैलेण्डर वर्ष में दो बार आता है | 21 मार्च से 20 अप्रेल (धनात्मक) और 21 अक्टूबर से 20 नवम्बर (ऋणात्मक) | इस में भी 21 अक्टूबर से 20 नवम्बर वाली अवधि अधिक जमती है,क्यों कि पहली बात तो यह कि इस में चलित की ऋणात्मकता की क्रमबद्धता जारी रहती है,दूसरी बात यह कि बाबा के पहले जन्म के देहांत के 9 वें वर्ष में दूसरा जन्म हुआ | अब तीसरे जन्म के वर्ष 2027 में इस परिधि में तो 21 अक्टूबर से 20 नवम्बर वाला समय ही आ रहा है | इस में यदि संक्रमण काल के सात दिन सम्मिलित कर लिये जाएँ तो यह अवधि बढ़ कर 27 नवम्बर तक हो जाती है | उस दिनांक को गुरुवार,मंगलवार या शुक्रवार हो सकता है | इस नाते अक्टूबर महीने की 21 और नवम्बर महीने की 5,9,11,18 व 23 तारीख़ मिलती है | फिर भी मोटे तौर पर यह वर्ष 2027 ठहरता है | एक बात और | बाबा के अगले जन्म के शरीर की आयु 105 वर्ष सम्भव है | 
           मित्रो,इस प्रकार हम शिरडी साई बाबा के तीनों जन्मों के बारे में बात कर चुके हैं | अपनी व्यक्तिगत मान्यता के ढाँचे में हो सकता है कि कोई व्यक्ति हमारी इन बातों से असहमत हो | अपनी असहमति का सब को अधिकार है | मगर ऐसे असहमत बंधुओं से हम यह निवेदन करना चाहेंगे कि वे इस विश्लेषण को किसी भक्त/श्रद्धालु की दृष्टि से न सही,किन्तु अंक ज्योतिषीय विश्लेषण-क्षमता से परिचित होने के दृष्टिकोण से ही अवश्य पढ़ें | आप के सुझावों का तो सदा ही स्वागत है | आज बस इतना ही | जय साई नाथ |........ अब आज के आनंद की जय | ........... जय श्री राम | 

सोमवार, 19 अप्रैल 2010

शशि थरूर का इस्तीफ़ा:हम ने पहले ही संकेत कर दिया था


     जय श्री राम ............ | आदरणीय मित्रो,वैसे तो हम ने यह कहा था कि हम आप की सेवा में मंगलवार को उपस्थित होंगे,किन्तु कल देर रात हुए एक घटनाक्रम ने आज भेज भेज दिया है | आज भी सुबह से यह पोस्ट डालने की कोशिश कर रहे हैं,मगर अब जा कर कामयाबी मिल रही है | पिछले कुछ दिनों से चल रही बातों ने कल अंतिम परिणिति का  का रूप ले लिया | जी हाँ,हमारा संकेत 'ललित मोदी-शशि थरूर विवाद' की ओर है | आखिरकार इस विवाद ने थरूर के मंत्री-पद की बलि ले ही ली | हम यहाँ इस बात की चर्चा इस लिए कर  रहे हैं क्यों कि हम इस बारे में पहले ही संकेत कर चुके थे | 01 जनवरी,2010 की अपनी पोस्ट ' वर्ष 2010 में भारतीय राजनीति;भाग-1' में 'इंडियन नेशनल कांग्रेस' शीर्षक के अंतर्गत हम ने लिखा था---" ... चूँकि देश की कमान इस पार्टी के 8 वाले व्यक्ति के हाथों में है,इस लिए इस पार्टी और इस की केंद्र सरकार को अंक 8 के प्रभाव से बहुत परेशानी का सामना करना पड़ेगा | अंक 8 की दिशा दक्षिण है | इस कारण कांग्रेस और इस की केंद्र सरकार को दक्षिण भारत से सम्बन्धित मसलों को ले कर ख़ासा परेशान होना पड़ेगा | ये मसले क्षेत्रों या व्यक्तियों से सम्बन्धित हो सकते हैं | ... " इसी पोस्ट में 'सोनिया गाँधी' शीर्षक के अंतर्गत हम ने लिखा था---" ... सोनिया जी को कांग्रेस की ही भाँति अंक 8 से बचना चाहिए,साथ ही अंक 4 से भी | ... " अपनी एक दूसरी पोस्ट में तो हम ने इस बारे में और भी अधिक स्पष्ट रूप से संकेत किया था | 07 जनवरी,2010 को अपनी पोस्ट 'भारतीय राजनीति:-भाग-5' में 'डॉ.'मनमोहन सिंह' शीर्षक  के अंतर्गत हम ने लिखा था --- "... अंक 7 भावनाओं का तथा अंक 8 लोकतंत्र,लोकतांत्रिक व्यवस्था,उठापटक,उठापटक और दक्षिण दिशा तथा अंक 6 सुख का है | इस लिए 7-8-6 चलित वर्षांक 3 के साथ युति यह बताती है कि मनमोहन सिंह को दक्षिण भारत में लोकतान्त्रिक/संवैधानिक ढांचे और क़ानून व व्यवस्था सम्बन्धी तगड़ी परेशानी झेलनी पड़ सकती है | इन्हें अपने दक्षिण भारतीय साथियों को ले कर भी परेशान होना पड़ सकता है |"     
                         मित्रो,आप स्वयं ही देख सकते हैं कि हमारी इन भविष्यवाणियों की परिधि में 'शशि थरूर प्रकरण' स्पष्टतः आ जाता है | इस प्रकार हमारी एक और भविष्यवाणी सही सिद्ध हुई | अभी हमारी इन भविष्यवाणियों के बहुत-से भाग हैं,जो कि सही सिद्ध होने हैं | प्रभु-कृपा से ऐसा भी होगा | चलते-चलते आप से एक और ख़ास बात | हमारे कई शुभचिंतकों का आग्रह है कि इन दिनों के सब से बड़े इवेंट आई पी एल के बारे में भी हम भविष्यवाणी करें | उन में से अधिकांश हमारे बहुत पुराने परिचित हैं,जिन्हें पता है कि हम इस तरह की प्रतियोगताओं की भविष्यवाणी करते थे | इस बारे में निवेदन यह कि ऐसी भविष्यवाणियाँ हम अब भी करते हैं,मगर सार्वजनिक रूप से नहीं | इस लिए आई पी एल की हम कोई सार्वजनिक भविष्यवाणी नहीं कर रहे हैं | हाँ,यदि किसी को निजी तौर पर जानना हो तो सेवा हाज़िर है | 
           कल आप की सेवा में फिर उपस्थित होंगे | आज बस इतना | ........ अब आज के आनंद की जय | जय श्री राम |         



    

शुक्रवार, 16 अप्रैल 2010

आज की रिलीज़ फ़िल्में:'पाठशाला' मार सकती है मार्केट में 'फूँक 2'

जय श्री राम ............ | आदरणीय मित्रो,दिनांक 13-04-2010 के आलेख में हम ने नि:शुल्क परामर्श के सन्दर्भ में आप से निवेदन किया था,आप ने हमारी उस भावना को यथा-तथ्य स्वीकार किया;इस के लिए आप का बहुत-बहुत  आभार | इसी प्रकार कृपा बनाये रखिए | हमारे पास आप के साथ बाँटने के लिए बहुत कुछ है,मगर अन्य व्यस्तताओं के चलते चाहते हुए भी हम आप की सेवा में ज़्यादा उपस्थित नहीं हो पाते हैं | अब प्रयास करेंगे कि आप के लिए और अधिक समय निकालें व अंकज्योतिष की और अधिक बातें आप के साथ बाँटें | आज हम आप के साथ बाँटने आये हैं आज रिलीज़ हो रही फ़िल्मों की बात | 
आज के अंकीय समीकरण
आज  का मूलांक 7 व भाग्यांक 5 है | मासांक 4 है | चलित तो आप को ज्ञात ही है कि अंक 9 (धनात्मक) है | यह चलित अभी 20 मई तक रहेगा | अंक 7 अंक 3 का विरोधी है,इस लिए अंक 9 के साथ कोई ज़्यादा शुभ नहीं है,मगर अंक 9 पराक्रम,प्रतिस्पर्द्धा में विजय व प्रतिष्ठा-वृद्धि का है तथा यह चलित वर्षांक (3) के साथ शुभ युति बना रहा है;इस लिए अंक 3 व अंक 9 आज शुभ फलदायी हैं | इन का मित्र होने के कारण अंक 6 भी आज शुभ फल देगा | चूँकि अंक 5 संगत के अनुसार फल देता है,इस लिए अंक 3,6 व 9 के तिगड्डे की संगत में आज यह शुभ फल देगा,यदि इस के साथ कोई अशुभ अंक युति नहीं कर रहा हो | यदि ऐसा हो रहा होगा तो उस अशुभ अंक की सशक्तावास्था के परिमाण में ही अंक 5 का शुभाशुभ फल रहेगा | 
PAATHSHAALA    
      शाहिद कपूर,आयशा टाकिया व नाना पाटेकर स्टारर इस फ़िल्म का अंक बनता है-6,जो कि आज शुभ है | इस का वृहदंक है-33 | यहाँ अंक 3 के प्राधान्य के कारण नामांक 6 व चलितांक 9 की शुभावस्था बढ़ गयी है | हाँ,आज के मूलांक 7 की अंक 3 के साथ विरोधावस्था के कारण इस शुभत्व में कुछ कमी हो जाएगी | चलित वर्षांक 3 की युति से यह कमी थोड़ी-सी बढ़ सकती है | फ़िल्म के निर्माता अहमद खान का अंक बनता है-5 | यह आज का भाग्यांक होने के कारण शुभ है | हम पहले बात कर चुके हैं कि आज के अन्य समीकरणों के हिसाब से भी यह अंक शुभ है | इस का वृहदंक है-32 | अंक 2,3 व 5 का त्रिकोण शुभ युति निर्मित कर रहा है | इस का मूलांक समीकरण 1-4 है | हालांकि ये अंक मासांक के प्रतिरूप व मित्र अंक हैं,इस कारण शुभ हैं;मगर इन में 'पितृदोष युति' होने के कारण इन की लाभावस्था में कुछ कमी हो जाएगी | निर्देशक मिलिंद उके का भी अंक बनता है-5 | इस का वृहदंक भी बनता है-32 | इन दोनों अंकों के शुभाशुभ की आज के सन्दर्भ में हम चर्चा कर ही चुके हैं | मिलिंद के नाम का मूलांक समीकरण बनता है 9-5 | यह आज के भाग्यांक व चलितांक की युति होने कारण बहुत शुभ है | अतः यह आशा की जानी चाहिए कि 'पाठशाला' बॉक्स ऑफिस पर भले ही कोई ब्लाकबस्टर ना सिद्ध हो,मगर सफल रह सकती है | साथ ही इसे अच्छी टिप्पणी,समीक्षा,प्रशंसा व पुरस्कार की प्राप्ति हो सकती है | 
PHOONK 2
             नए कलाकारों को ले कर बनी रामगोपाल वर्मा की इस फ़िल्म का नामांक बनता है-9 | आज के सन्दर्भ में यह शुभ फलदायी है | इस का मूलांक समीकरण है 7-2 | ये दोनों अंक मित्र हैं | अंक 7 आज का मूलांक भी है | अतः इन अंकों की अवस्था भी शुभ फलदायी है | इस फ़िल्म के निर्माता दो हैं | पहले निर्माता प्रशांत बुर्रा का अंक बनता है-6,जो कि आज के सन्दर्भों में कुछ शुभ है | इस का वृहदंक बनता है-42 | यह शुक्र-भंग करता है | इस का मूलांक समीकरण बनता है 2-4 | अंक 2,4 व 6 का त्रिकोण भी शुक्र-भंग करता है | इस का अर्थ यह है कि फ़िल्म का आर्थिक पक्ष ख़राब रह सकता है | दूसरे निर्माता पी.चंद्रशेखर का अंक बनता है-7 | आज का मूलांक होने के कारण यह शुभ है | इस का वृहदंक बनता है-52 | अंक 2 अंक 7 का मित्र है तथा अंक 5 आज का भाग्यांक है,इस कारण यह वृहदंक शुभ है | इस का मूलांक समीकरण बनता है 8-8 | यह अशुभ है | यह तो हीनता में वृद्धि करता है | यह युति वृहदंक व नामांक के शुभत्व में कमी कर देती है | फ़िल्म के निर्देशक मिलिंद गदगकर का अंक बनता है-8,जो कि आज अशुभ है | इस का वृहदंक बनता है-35 | अंक 3 व अंक 5 आज के सन्दर्भ में शुभ है,किन्तु इन का योग अंक 8 इन के शुभत्व में कमी कर रहा है | मिलिंद के नामांक का मूलांक समीकरण है 9-8 | यह अशुभ है,क्यों कि यहाँ अंक 8 की प्रधानता हो गयी है,जो कि आज के सभी अंकीय समीकरणों के विपरीत बैठ रहा है | अतः यह फ़िल्म सफलता के लिहाज से संभवतः 'पाठशाला' से थोड़ी-सी कम रह सकती है;फिर भी अपनी लागत निकाल लेगी व कम लेगी यह उम्मीद की जा सकती है |
 तो मित्रो,आज की फ़िल्मों से यह आशा कर सकते हैं कि असफलता की लू में झुलस रहे हमारे फिल्मोद्योग को ज़्यादा न सही,किन्तु राहत के कुछ छींटे दे सकती हैं | ... एक बात और | हम ने आप के साथ शिरडी के साई बाबा के पहले व तीसरे जन्म की बात तो कर ही ली है | हमारा आप से वादा था कि बहुत जल्दी ही हम उन के दूसरे जन्म के बारे में भी चर्चा करेंगे | तो अब आ गया है वह समय | हम आगामी मंगलवार यानि 20-04-2010 को यह चर्चा करेंगे | प्रतीक्षा कीजिए तब तक | आज बस इतना ही | ......... अब आज के आनंद की जय | ............ जय श्री राम |   




मंगलवार, 13 अप्रैल 2010

एक निवेदन नि:शुल्क परामर्श के सन्दर्भ में

       जय श्री राम ........... | आदरणीय मित्रो, आज सुबह से आप की सेवा में एक निवेदन ले कर उपस्थित होना चाह रहे थे,मगर हमारी कोशिश सफल नहीं हो रही थी | कारण था कि इन्टरनेट साथ नहीं दे रहा था | अब जा कर कुछ काम बनता दिख रहा है | हमें यह कहने में किसी भी प्रकार का कोई संकोच नहीं है कि अंक ज्योतिष को हम ने पूर्ण-कालिक कार्य के रूप में अपना रखा है,जिस का सीधा-सा तात्पर्य यह है कि यह हमारी आजीविका का साधन भी है | इसी के लिए हम ने महाविद्यालय व्याख्याता की सेवा ( विभागाध्यक्ष के पद से ) छोड़ी | अंक ज्योतिष और बॉडी लैंग्वेज को हम ने मात्र पेट-भराई के लिए नहीं अपना रखा है,अपितु हम इस क्षेत्र में निरंतर शोधरत भी हैं | हमारे इस श्रम का परिणाम भी आप हमारी गणनाओं में देख भी रहे हैं | किन्तु जैसा कि हर व्यवसाय में कुछ-न-कुछ परमार्थ कि गुंजाइश भी रहती है,सो इस में हम ने भी बना रखी है | अपने अन्तरंग मित्रों के लिए तो हमारी सेवा सदैव ही नि:शुल्क है,भले ही चाहे वे घर पर हमारे सामने हों,फ़ोन पर हों  या फिर किसी साईट पर ऑन लाइन | कुछ बन्धु कहते हैं कि हम तो आप की मित्र-सूची में सम्मिलित हैं,अब हमें तो नि:शुल्क बताइए;और फिर वे एक लम्बी-चौड़ी प्रश्नावली हमारे सामने रख देते हैं | यह उन की अनधिकृत चेष्टा है | एक बात और भी यहाँ सपष्ट कर दें कि किसी साईट पर मित्र-सूची में सम्मिलित होने का अर्थ यह नहीं है कि आप 'अन्तरंग मित्र' की परिभाषा में आ गये |   विगत सात वर्षों से हम औपचारिक रूप से प्रत्येक मंगलवार फ़ोन पर नि:शुल्क परामर्श देते हैं | वर्ष 2003-04 में यह समय दिन में 11:30 बजे से से 12:30 बजे था | वर्ष 2005 से सितम्बर 2006 तक यह रात्रि 9 बजे से था | उस के बाद से यह समय रात्रि 9 बजे से 11 बजे तक है | इस समयावधि में कोई भी व्यक्ति एक फ़ोन कॉल पर एक सवाल कर सकता है | हाँ,प्रश्न अवश्य संक्षिप्त रहना चाहिए | इस समय दो फ़ोन लाइनें खुली रहती हैं | प्रभु-कृपा से अच्छी-ख़ासी तादाद में फ़ोन कॉल आते हैं | इस समय प्रश्न पूछने के लिए किसी परिचय की आवश्यकता नहीं रहती है | दिसंबर 2009 से हम ने नि:शुल्क परामर्श की यह सुविधा अपने ब्लॉग पर भी आरम्भ कर दी है | मंगलवार को पूरे दिन यह सुविधा उपलब्ध है | हाँ,इस सेवा के लिए हम ने कुछ प्रावधान नियत कर रखे हैं |  मंगलवार को आप हमारे BLOG  SPOT वाले ब्लॉग पर जाएँ और वहाँ समर्थकों की सूची में अपनी प्रविष्टि करने के उपरान्त  अपने ई मेल पते के साथ एक संक्षिप्त प्रश्न रखें | उत्तर हम आप को आप के ई मेल से निजी रूप से भेजेंगे | आप को समर्थक-सूची में अपनी प्रविष्टि करने और प्रश्न के संक्षिप्त होने के विशेष ध्यान रखना है | हमारी यह नि:शुल्क परामर्श की सेवा सिर्फ़ BLOG SPOT वाले ब्लॉग पर उपलब्ध है,WORD PRESS और MEDIA CLUB OF INDIA   ब्लॉग पर नहीं | कुछ मित्र हमारे प्रावधानों का पूरी तरह पालन किये बिना या अन्य स्थानों (FECEBOOK,ORKUT,IBIBO,WORDPRESS,MEDIA CLUB OF INDIA आदि) पर नि:शुल्क परामर्श के लिए प्रश्न रख देते हैं | ऐसे में हमें बहुत खेद के साथ वहाँ मना करना पड़ता है | ऐसा करते हुए बिलकुल भी अच्छा नहीं लगता,मगर व्यवस्था-निर्वाह के लिए ऐसा आवश्यक होता है | तब प्रश्न पूछने वाले बन्धु बुरा मान जाते हैं | मित्रो,ऐसा कदापि न करें | नि:शुल्क परामर्श की हमारी अपनी सीमाएँ हैं | हम उन के दायरे में ही आप की सेवा कर सकते हैं | अब उन सेवाओं का लाभ लेने के लिए हमारे तयशुदा प्रावधानों का पालन तो करना ही होगा | यदि कोई ऐसा नहीं करता है,तो वह हमें नि:शुल्क परामर्श के लिए बिलकुल क्षमा करे | इतना व्यवस्थागत शिष्टाचार तो आप को निभाना ही होगा | हम अपने फ़ोन नंबर और नि:शुल्क सेवा वाले ब्लॉग का पता आप को बता देते हैं | हमारे ये फ़ोन नम्बर राजस्थान सर्किल के हैं | तो आप कॉल करते समय उसी हिसाब से 0 लगाएँ या न लगाएँ |  फ़ोन नम्बर-99298-42668,90241-79535 --- | ब्लॉग है---http://ankjyotish369.blogspot.com.---ध्यान रखिए फ़ोन पर नि:शुल्क सेवा का समय है-प्रत्येक मंगलवार रात्रि 9 बजे से 11 बजे ( भारतीय समयानुसार ) | आप से पुनः कर-बद्ध निवेदन है कि प्रश्न पूछते समय हमारे नियत प्रावधानों का पालन अवश्य करें |   
              आशा है कि आप हमारी किसी भी बात को अन्यथा न लेते हुए सहयोग करेंगे और अपना आशीर्वाद व स्नेह सदैव बनाये रखेंगे | तो मित्रो,आज बस इतना ही | ........ अब आज के आनंद की जय | ............ जय श्री राम |





शुक्रवार, 9 अप्रैल 2010

शिरडी वाले साई बाबा:" साई नाथ तेरे हजारों हाथ..."



    जय श्री राम ............ | आदरणीय मित्रो,आज हम एक बार फिर उपस्थित हैं आप की सेवा में अपने वचन के अनुसार | कई दिनों से जो बात करने की चर्चा कर रहे थे,अब वह बात करने का समय भी आ गया है | हम ने कहा था कि हम आप से उस अप्रतिम विभूति की चर्चा करेंगे,जिस ने असंख्य लोगों का जीवन ही बदल कर रख दिया | इस आलेख के शीर्षक से ही आप समझ गये होंगे की हम किन की बात कर रहे हैं ? जी हाँ,हम आज आप से बात करने जा रहे हैं 'शिरडी वाले साई बाबा' की | जिन के दिये दो मूल मन्त्रों---'श्रद्धा' (विश्वास) और 'सबूरी' (धीरज)---के सहारे न जाने कितने लोगों का जीवन शक्तिमय है | बाबा को किसी प्रकार की चर्चा में सीमित कर पाना हमारी क्षमताओं से सर्वथा बाहर की बात थी | ऐसा कर पाने के लिए हम ने उन्हीं से अनुमति ली | यह हमारा सौभाग्य है कि हमें उन की अनुमति मिली | इस से भी बढ़ कर हम तो यह कहेंगे कि इस आलेख के लिए हमें उन का ही आदेश मिला है | हम जो अब यहाँ चर्चा करने जा रहे हैं,यह उन्हीं की प्रेरणा से हो रही है | तो आइए,साई नाथ का नाम ले कर आरम्भ करते हैं यह पावन चर्चा |
     जन्म-दिनांक सम्बन्धी विभिन्न मत 
      बाबा की जन्म-दिनांक को ले कर विभिन्न मत प्रचलित हैं | हमें बाबा की तीन जन्म-दिनांक मिलीं | एक थी 18-05-1837,रात्रि 08 बजे,ग्राम-पथरी,महाराष्ट्र | दूसरी थी 28-09-1835 | तीसरी थी 27-09-1838,आन्ध्र प्रदेश | हम कई दिनों तक तो इस जन्म-दिनांक-पहेली को हल नहीं कर पाये | फिर उसी युक्ति को काम लिया | कौनसी ? अरे वही,'तेरा तुझ को अर्पण' वाली | हम ने यह दायित्व बाबा पर ही छोड़ दिया कि वे स्वयं बताएँ कि उन की सही जन्म-दिनांक क्या है ? इस के बाद फिर उन्हीं की कृपा से हमें सही जन्म-दिनांक मिली | हाँ,दिनांक ही,जन्म-स्थान नहीं | हम ने बाबा की जन्म-दिनांक के रूप में 27-09-1838 को पाया | फिर जब अंक ज्योतिषीय विश्लेषण की कसौटियों पर कसा तो वहाँ भी इसे खरा पाया | अभी यहाँ 'जन्मांक-नामांक विश्लेषण' में आप स्वयं इस बात के साक्षी बनेंगे | हाँ,इस जन्म-दिनांक के साथ जुड़े स्थान (आन्ध्र प्रदेश ) से हम सहमत नहीं हैं | 
      जन्मांक-नामांक विश्लेषण 
       बाबा का जन्म 27-09-1838 को हुआ | इस का मूलांक-9,मासांक-9,वर्षांक-2 और भाग्यांक भी 2 हुआ | चलित का अंक 6 (ऋणात्मक) था | बाबा की सूर्य राशि 'तुला' ठहरी | जन्म का मूलांक 27 रचनात्मकता का प्रतीक है | यह उच्च सम्मान की प्राप्ति करवाता है | जन्म का वर्षं 20 जागरण,न्याय-प्रियता व योजनाओं में सफलता पाने का अंक है | इतना अवश्य है की यह सफलता देरी से मिलती है | ऐसे लोगों की उपमा एक देवदूत से दी जाती है | चूँकि यह अंक बाबा का भाग्यांक भी है,इस लिए इस के फल का प्रभाव दोहरा हो जाता है | यहाँ देखिये बाबा के जन्म के मूलांक में बैठे दोनों अंक (2 व 7) सहोदर हैं | ये स्त्री अंक कहलाते हैं | ये अंक माता,पत्नी,परिवार,बहन व विश्वास के हैं | बाबा के यहाँ ये अंक सशक्त अवस्था में तो हैं,किन्तु यह अवस्था विखंडित है,क्यों कि इन का जन्म अंक 6 के ऋणात्मक समय में हुआ है | अंक 6 यानि शुक्र यानि सुख | इन के साथ बाबा के भाग्यांक 2 की युति भी विश्लेषित की जाए तो इस अवस्था का विषैलापन बढ़ जाता है | इस सशक्तावस्था के कारण ही बाबा के जीवन में माता,पत्नी,परिवार,बहन और पारिवारिक दायरे में विश्वास का सर्वथा अभाव रहा | इन्हें माता का सुख बिलकुल नहीं मिला | बहन का सुख भी कहाँ मिला ? पिता ने तो जन्म से पहले ही छोड़ दिया था | तो ऐसे में भला परिवार का सुख कहाँ रहा ? इसी प्रबल शुक्र विखंडनावस्था के कारण ही बाबा को स्त्री सुख यानि पत्नी का सुख नहीं मिला | उन्होंने विवाह नहीं किया | अंक 6 की यह अवस्था उन की बॉडी लैंग्वेज में भी साफ़ दिखाई पड़ती है | उन का शरीर विखंडित व विमंदित शुक्र वाला था | 'था' का मतलब अब उन का शरीर नहीं है,वे तो सदा सर्वदा अपने भक्तों के साथ हैं ही | अब देखिए कमाल इन स्त्री अंकों (2 व 7) की इस सशक्त विखंडनावस्था का | ये अंक अपना ऋणात्मक फल देते हैं,मगर पारिवारिक दायरे में ही | परिवार से बाहर यही अवस्था धनात्मक फल देती है | इसी लिए साई बाबा को अन्य स्त्रियों का अपार स्नेह मिला,भले ही वह वायजा बाई हो या कोई और | इस के अलावा उन्हें अपने मुरीदों का एक अनंत परिवार भी मिला | इस श्रद्धा और स्नेह के आगे तो परिवार का स्नेह फीका पड़ जाता है | बाबा के जन्म का मूलांक 9 और भी बहुत कुछ बताता है | अंक 2,7 व 9 का यह त्रिकोण स्त्रीत्व प्रधानता से धर्म व अध्यात्म के प्रसार को भी इंगित करता है,किन्तु यह प्रसार सामाजिकता प्रधान होता है | इसी लिए बाबा का सारा ज़ोर सामाजिकता व मानवता पर ही है | 
             बाबा का जन्म गुरुवार को हुआ | इस का अंक है-3 | बाबा के 'साई बाबा' नाम के अंक बनाते हैं-१० | इसे 'सौभाग्य का चक्र' भी कहते हैं | यह आत्मविश्वास,निष्ठा व सम्मान का प्रतीक है | ऐसे लोगों के जीवन में उतर-चढ़ाव बहुत आते हैं | बाबा का तो समस्त जीवन इस बात का साक्षी है | इस नामांक को भाग्यांक में जोड़ दिया जाए तो अंक 3 उन का संयुक्तांक भी ठहरता है | बाबा का समस्त जीवन अंक 3 की प्रधानता वाला है | यह अंक प्रवचन,उपदेश,मार्गदर्शन,गुरु,ज्ञान आदि का है | 'साई' का तो अर्थ ही 'ज्ञान-संपन्न' होता है | अपने भाग्यांक 2 की अंक 3 से प्रच्छन्न युति के कारण ही बाबा औपचारिक स्वरूप में किसी पीठ या गद्दी पर आसीन हो कर प्रवचन नहीं करते थे | यह युति व्यास-पीठ-नुमा प्रवचनकर्ता नहीं बनने देती है | इन का बचपन का नाम 'बाबू' था | इस का अंक बनता है-11,जिस का प्रतीकार्थ यह है कि ऐसे लोगों को अन्य लोगों से भय रहता है | इन्हें दूसरों से धोखा मिलता है | इन के मार्ग में कई कठिनाइयाँ आती हैं |  इस नामांक का मूलांक बनता है-2 | यह अंक जन्म के अंकों के साथ मिल कर पूर्व में उल्लेखित स्त्री अंकों के दोष को बढ़ाता  है | इस लिए जब तक बाबा का नाम 'बाबू' चला,वे बहुत दुखी और परेशान रहे | जब से उन का नाम 'साई बाबा' पड़ा,तब से उन के जीवन की समूची दशा ही बदल गयी | यह है नाम की महिमा | 
          बाबा की अंक कुण्डली
           अब बात करते हैं बाबा की जन्म की अंक कुंडली की | यहाँ हम सब से पहले चर्चा करेंगे 'पितृद्रोह युति' यानि 'GODFTHER PROBLEM ' की | यह दो प्रकार की होती है---(1) उच्चस्थ,और (2) निम्नस्थ | (1) उच्चस्थ:---इस का तात्पर्य यह है कि जातक को अपने पिता,पिता-समक्ष,संरक्षक,गुरु या ख़ैर-ख्वाह का सुख नहीं मिलता है | (2) निम्नस्थ:---जातक स्वयं जिन का पितृ-परुष यानि पिता,पिता-समकक्ष,गुरु,संरक्षक या ख़ैर-ख्वाह होता है,उन के कारण उसे दुःख उठाना पड़ता है | यह 'पितृद्रोहात्मक युति' जितनी प्रबल होती है,यह सुख उतना ही कम मिलता है | अभी पहले हम बाबा के यहाँ इस युति की उच्चस्थ अवस्था का विश्लेषण करते हैं ,निम्नस्थ अवस्था का विश्लेषण उन के देहांत के अंकों के विश्लेषण के समय करेंगे | बाबा की अंक कुंडली में अंक 1 के साथ दोहरी भूमिका में अंक 8 बैठा है | इस से पितृद्रोह की अवस्था बहुत प्रबल हो गयी है | यह बात इन के जीवन-वृत्त की घटनाओं से भी सिद्ध होती है | इस का सब से पहला प्रभाव दिखता है कि इन के पिता श्री गंगा भावडिया इन्हें इन के जन्म से पहले ही (गृह-त्याग के रूप में) छोड़ कर चले गये थे | तो इन्हें पिता का सुख कहाँ मिला ? फिर जिस मुस्लिम परिवार ने इन्हें अपनाया,उस का मुखिया भी इन्हें अपनाने के मात्र चार साल बाद ही चल बसा | हुआ भी क्या था उसे ? दो-चार दिन बस मामूली बुख़ार | तो बाबा को यहाँ भी पितृ-सुख नहीं मिला | इस के बाद पालनहारी मुस्लिम माँ ने वेकुशा महाराज (कुछ मतों के अनुसार बैकुंठ महाराज) के आश्रम में डाल दिया | मगर यह सुख भी बाबा के भाग्य में अधिक कहाँ लिखा था ? मात्र 12 वर्षों के बाद ही ये महाराज भी स्वर्ग सिधार गये | अब यह बालक ( हमारे साई बाबा ) पूर्णतः पितृ-विहीन हो गये | तो ऐसा होता है कुण्डली की इस 'पितृद्रोह युति' का फल | ठीक ऐसा ही गोस्वामी तुलसीदास जी के साथ भी हुआ था | मित्रो,हम ने जो आप से निवेदन किया था न कि बाबा की यह जन्म-दिनांक हमें सही लग रही है,तो उस का कारण भी यहाँ हम ने बता दिया है | अब आप स्वयं ही देखिए कि बाबा के अब तक के इस जीवन-वृत्त से क्या ऐसा सिद्ध नहीं हो रहा है ? इस लिए ही तो बाबा ने स्वयं हमें अपनी सही जन्म-दिनांक की प्रेरणा दी या बतायी 
              वैसे तो मित्रो,बाबा का जीवन अपार घटनाक्रम-भरा रहा | उन की किस घटना की बात करें और किसे छोड़ें ? मगर कुछ बातों को ज्योतिषीय विश्लेषण की दृष्टि से आवश्यक समझ कर ले रहे हैं,जिस से कि आप अंक ज्योतिष के दायरे में रोचक ढंग से इस विश्लेषण को समझ सकें | अंक ज्योतिष में अंक 3,6 व 9 का समूह 'सर्वश्रेष्ठ' कहलाता है | बाबा के जीवन पर इस अंक-समूह का सघन प्रभाव स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है | अंक 3 के कुछ प्रभाव की बात तो हम पूर्व में कर ही चुके हैं | अब इस विश्लेषण को आगे बढ़ाते हैं | बाबा वेकुशा महाराज के आश्रम में १२ वर्ष रहे | इस का अंक बनता है-3 | यह समयावधि थी वर्ष 1842 से वर्ष 1854 | 1842 का अंक बनता है-6 और 1854 का अंक बनता है-9 | वर्ष 1854 में ये शिरडी पहुँचे,मगर दो महीनों के बाद ही चुपचाप निकल पड़े | दुबारा ये शिरडी पहुँचे 3 साल बाद वर्ष 1857 में | इस वर्ष का अंक बनता है-3 | इस वर्ष ने भारतीय समाज का हुलिया ही बदल कर रख दिया | ईश्वर की असीम अनुकम्पा से इधर साई बाबा ने शिरडी में अलख जगाना शुरू किया, और उधर पराधीन भारत ने अंग्रेजों के विरुद्ध आज़ादी का अलख जगाना | क्या इन दोनों बातों का एक साथ होना मात्र एक संयोग था ? नहीं,इस के पीछे प्रभु का कोई विशिष्ट मंतव्य अवश्य था |         
             देहांत 
           बाबा का देहांत हुआ 15-10-1918 को | हम ने यहाँ 'देहांत' शब्द प्रयुक्त किया है,'निधन' नहीं | कारण बहुत स्पष्ट है | 'निधन' का अर्थ है 'नाश','मरण' व मृत्यु' | बाबा का ना तो 'नाश' हुआ,ना ही 'मरण' और ना ही 'मृत्यु' | उन का तो बस,'देहांत' हुआ था | हमारी नज़रों के आगे से उन की देह विलुप्त हो गयी | बाबा तो हैं ही | तो उन के देहांत की दिनांक का मूलांक बनता है-6 | इस का मासांक-1,वर्षांक-भी 1 और भाग्यांक बनता है-8 | हम ने बाबा के जन्मंकों का विश्लेषण करते समय शुक्र की जिस सशक्त विखंडनावस्था का उल्लेख किया था,वह यहाँ भी सिद्ध होती है | देहांत के मूलांक 6 और भाग्यांक 8 की पारस्परिक युति शुक्र को विखंडित कर देती है | बाबा के देहांत का चलित था-अंक 6 (ऋणात्मक) | तनिक ध्यान दीजिए,यह वही चलित है जो कि उन के जन्म का है;यानि बाबा के जन्म और देहांत का चलित समय एक ही है | क्या अद्भुत संयोग है !!! बाबा का देहांत मंगलवार को हुआ था,जिस का अंक है-9 | उन के देहांत का समय था 02 बज कर 30 मिनट यानि कि तब 02 बज कर 31 वाँ मिनट चल रहा था | इन का अंक बनता है-6 | बाबा को तब आयु का 81 वाँ वर्ष चल रहा था | इस का अंक बनता है-9 | बाबा के यहाँ जिस 'पितृद्रोह युति' या 'GODFATHER PROBLEM ' की निम्नस्थ अवस्था का हम ने यहाँ पूर्व में उल्लेख किया है, वह देहांत के इन अंकों से होती है | बाबा का आयु अंक इस बात का प्रमाण प्रस्तुत करता है | 81 वें वर्ष में अंक 1 व 8 में यही युति बन रही है | कहा भी जाता है कि बाबा ने अपने एक भक्त की बीमारी अपने पर ले ली थी,और उसी बीमारी के कारण वे चल बसे;यानि कि वे जिस के पितृ-पुरुष थे,उस के कारण उन का यह सुख नष्ट हो गया | देहांत की दिनांक के अंकों की व्याख्या करें तो देहांत का मूलांक 15 मन्त्र,जादू व रहस्य से सम्बन्धित है | बाबा के देहांत के बाद भी उन का जादू यानि चमत्कार जारी है,'साई' नाम अपने-आप में सब से विलक्षण मन्त्र की भूमिका निभा ही रहा है | रहा सवाल रहस्य का,तो बाबा के चमत्कारों और उन की कृपा का रहस्य भला समझ ही कौन सका है ? जब तक बाबा की स्वयं की ही अहैतुकी कृपा न हो,तब तक भला उसे समझा भी कैसे जा सकता है ? बाबा के देहांत के वर्ष का संयुक्तांक है-19 | यह सूर्य का प्रतीक है | ऐसे व्यक्ति की सभी योजनाएँ  सफल होती हैं | ऐसे व्यक्ति को अपार आदर-सम्मान व सफलता मिलती है | 
              तीसरा जन्म कब ? 
               मित्रो,आप आश्चर्य कर रहे होंगे कि साई बाबा के पुनर्जन्म के क्रम में हम दूसरे जन्म की बजाय यह तीसरे जन्म का जिक्र क्यों कर रहे हैं ? इस बात से तनिक भी आश्चर्य-चकित मत होइए,क्यों कि बाबा का दूसरा जन्म तो आज से लगभग चौरासी साल पहले हो चुका है | इस बारे में हम अगले आलेख में विस्तार से चर्चा करेंगे | आप ही बताइए कि जब दूसरा जन्म हो चुका है तो हम तीसरे जन्म के बारे में ही तो बात करेंगे न | बाबा का पहला जन्म हुआ अंक 2 के वर्ष में यानि कि वर्ष 1838 में | बाबा का दूसरा जन्म हुआ अंक 9 के वर्ष में यानि कि वर्ष 1926 में | 'पुनर्क्रम निर्धारण विधि' से बाबा का अगला जन्म अब फिर से अंक 2 के ही वर्ष में होना है | अब प्रश्न उठता है कि यह वर्ष कौनसा होगा ? तो यह जानने के लिए बाबा के पहले जन्म के अंकों की शरण में चलते हैं | बाबा के पहले जन्म के मूलांक का वृहदंक है-27 व वर्ष का वृहदंक है-20 | इस युति को पहले तो सीधे-सीधे देखें तो यह वर्ष बनता है-2720,जो कि दूसरे जन्म की वर्तमान अवस्था को दृष्टिगत रखते हुए संभव नहीं है,क्यों कि दैहिक धर्म की भी अपनी सीमा होती है | बाबा के दूसरे जन्म के शरीर की वर्तमान अवस्था लगभग चौरासी साल है,और वर्ष 2720 से कुछ वर्ष पहले भी इस की पूर्णाहुति मान ली जाए,तब भी यह देह-यात्रा लगभग 800 वर्ष की हो जाएगी,जो कि दैहिक धर्म के अनुकूल नहीं बैठ रही है | अब बात करते हैं दूसरे विकल्प की | दूसरा विकल्प यह है कि जन्म के वर्ष और मूलांक के संयुक्तांक की 'विरुद्ध युति' बना ली जाए | यह युति बनती है-वर्ष 2027 | बाबा के पहले जन्म के पहले जन्म के अंकों से ये दो ही विकल्प बनते हैं | इस प्रकार बाबा के तीसरे जन्म का वर्ष ठहरता है-2027 |
    एक और विधि भी है | जन्म के कारक अंक होते हैं-1 व 2 | अंक 1 पुरुष व अंक 2 स्त्री का होता है | इन के मेल से अंक 3 का जन्म होता है | इस बात को सांसारिक या दैहिक स्तर पर इस प्रकार समझिए कि पुरुष व स्त्री के मेल से संतान पैदा होती है | तब अंक 1 पिता व अंक 2 माता का हो जाता है | उन के देहांत का भाग्यांक है-8 | उन के देहांत के वर्ष 1918 में इस अंक 8 को जोड़ देने से बाबा के अगले यानि दूसरे जन्म का वर्ष प्राप्त होता है-1926 | बाबा के पहले जन्म की आयु थी-81 वाँ वर्ष | इस में जन्म के कारक संयुक्तांक 12 को जोड़ दें तो आती है-संख्या 93 | यह बाबा के दूसरे जन्म के शरीर की आयु  है | इस का तात्पर्य यह हुआ कि बाबा के दूसरे जन्म का देहांत होगा वर्ष 2019 में | अब इस में देहांत के कारक अंक 8 को जोड़ दिया जाए तो बाबा के अगले यानि तीसरे जन्म का वर्ष मिल जाता है | यह मिलता है-वर्ष 2027 | अब तनिक यह भी देख लिया जाए कि वर्ष 2027 में किस समय में बाबा फिर से अवतरित होंगे ? बाबा का पहला जन्म हुआ अंक 6 ( ऋणात्मक) में | उन का दूसरा जन्म हुआ अंक 3 (ऋणात्मक) में | अंक 3,6 व 9 के समूह का अब शेष रहा अंक है-9 | अब इसी का क्रम है | अंक 9 एक कैलेण्डर वर्ष में दो बार आता है | 21 मार्च से 20 अप्रेल (धनात्मक) और 21 अक्टूबर से 20 नवम्बर (ऋणात्मक) | इस में भी 21 अक्टूबर से 20 नवम्बर वाली अवधि अधिक जमती है,क्यों कि पहली बात तो यह कि इस में चलित की ऋणात्मकता की क्रमबद्धता जारी रहती है,दूसरी बात यह कि बाबा के पहले जन्म के देहांत के 9 वें वर्ष में दूसरा जन्म हुआ | अब तीसरे जन्म के वर्ष 2027 में इस परिधि में तो 21 अक्टूबर से 20 नवम्बर वाला समय ही आ रहा है | इस में यदि संक्रमण काल के सात दिन सम्मिलित कर लिये जाएँ तो यह अवधि बढ़ कर 27 नवम्बर तक हो जाती है | उस दिनांक को गुरुवार,मंगलवार या शुक्रवार हो सकता है | इस नाते अक्टूबर महीने की 21 और नवम्बर महीने की 5,9,11,18 व 23 तारीख़ मिलती है | फिर भी मोटे तौर पर यह वर्ष 2027 ठहरता है | अब वास्तव में बाबा का जन्म किस दिन व दिनांक को होगा,यह तो स्वयं बाबा ही जानते हैं,हम ने तो बस अपनी तुच्छ बुद्धि से तनिक गणित लगा कर यह जानने का बस एक विनम्र प्रयास भर किया है | बाबा हमें इस धृष्टता के लिए अवश्य ही क्षमा कर रहे होंगे |                                                                                                                                                     
             तो मित्रो,हम ने आप की सेवा में साई बाबा के जीवन व आगामी संभाव्य को अंक ज्योतिषीय दृष्टिकोण से रखने का यह प्रयास किया है | अपनी तुच्छ क्षमता से जो भी बन सकता था,हम ने वह करने की पूरी ईमानदारी से कोशिश की है | इस में रही त्रुटियों के लिए हम सर्वप्रथम तो बाबा से और फिर आप से क्षमा माँगते हैं | बाबा हमें और अधिक सक्षम बनाएँ,जिससे हम अधिक सक्षम हो कर अपनी गणनाएँ कर सकें | आज के लिए बस इतना ही | हाँ,अगले आलेख में हम बात करेंगे बाबा के दूसरे जन्म के बारे में |  ......... अब आज के आनंद की जय | जय साई नाथ | ............ जय श्री राम |  


                         






                               
























आज की रिलीज़ फ़िल्में:फ़्लॉप की तिकड़ी


            जय श्री राम ......... | आदरणीय मित्रो,वैशाख मास आरम्भ हो चुका है | कहा जाता है कि पुण्य कमाने की दृष्टि से यह मास विशिष्ट महत्त्व रखता है | वैसे तो पुण्य कमाने या परोपकार के लिए तो बारहों महीने ही विशिष्ट हैं | कहते न हैं कि " सबै भूमि गोपाल की" | तो उसी तर्ज पर यह कि " सबै मास गोपाल के" | इस बार वैशाख मास की विशिष्टता 'अतिविशिष्टता' में परिवर्तित हो गयी है,क्यों कि पुरुषोत्तम मास जो है | यह आरम्भ होगा इस महीने की 15 तारीख़ से | अब गर्मियों का मौसम भी शुरू हो चुका है | सूर्य भगवान अपने पूरे जलाल-ओ-जवाल पर आते जा रहे हैं | ऐसे में मारे गर्मी के,इंसानों की हालत ख़राब हो रही है | अब जब इंसानों की यह हालत है तो ज़रा सोचिए पक्षियों के बारे में | इन बेचारे बेजुबानों पर क्या बीत रही है ? ऐसे में और कुछ बहुत ज़्यादा नहीं तो हम इतना तो कर ही कर सकते हैं कि अपनी पहुँच के क्षेत्र में इन के पीने के लिए मिटटी के पात्रों (परिंडों/पालसियों) में पानी भर कर रख दें | इस पानी में उचित मात्रा में गुड और नमक अवश्य मिला दें | इस पानी को प्रतिदिन बदलते रहें | ... यह बात पुण्य कमाने की नहीं,कर्त्तव्य की है | यह हमारा इंसानी फ़र्ज़ है | नहीं निभाएँगे तो उस परम पिता परमात्मा के प्रति एहसानफरामोश होंगे,जो कि हमें नहीं होना है |
            अब जब बात कर्त्तव्य निभाने की आयी है तो आज के दिन हमारा भी एक कर्त्तव्य होता है---आज के दिन रिलीज़ होने वाली फ़िल्मों की बात करने का | तो आइए,शुरू करते हैं यह सिलसिला | 
             आज के अंकीय समीकरण 
             सब से पहले बात करते हैं आज के अंकीय समीकरणों की | आज का मूलांक 9 व भाग्यांक 7 है | चलित अंक है-9 (धनात्मक) | मासांक है-4 | आज के समीकरण पिछले सप्ताह से कोई ज़्यादा अलग नहीं हैं | पिछले सप्ताह मूलांक 2 व भाग्यांक 9 था | आज का भाग्यांक 7 अंक 2 का सहोदर है | आज का भाग्यांक 7 अंक 3 का विरोधी है | अतः आज के मूलांक 9 का परम मित्र अंक 3 आज कोई ख़ास लाभ नहीं दे पाएगा | अंक 6 की स्थिति तो आज और भी हल्की है | अंक 2 आज ठीक-ठाक है | विपरीत अंकों की उपस्थिति में यह आज अधिक बलवान अवस्था में नहीं है | 
              PRINCE 
       यह एक बहु प्रतीक्षित बड़े बज़ट की फ़िल्म है | पहले इस की रिलीज़ 26 मार्च को होनी थी | देखते हैं कि आज के आईने में इस फ़िल्म की क्या तस्वीर उभरती है ? इस का नामांक बनाता है-6 | यह आज ठीक-ठाक अनुकूल है | इस का वृहदंक है-24 | यहाँ ग्रहण योग बन रहा है | यह अशुभ है | अंक 2 और अंक 4 का योग भावनाओं पर आघात बताता है | यह इच्छाओं पर तुषारापात  करता है | अंक 2,4 व 6 का त्रिकोण शुक्र भी भ्रष्ट कर देता है | इस का सीधा-सा तात्पर्य यह है कि फ़िल्म का आर्थिक/कमाई पक्ष दुष्प्रभावित हो गया है | निर्देशक कुकी गुलाटी का अंक भी है-6 | इस का वृहदंक बनाता है-42 | अंक 2 व 4 के तालमेल के बारे में हम बात कर ही चुके हैं | इस का मूलांक समीकरण है 6-9 | यह शुभ है | अतः यह हो सकता है कि कुकी को इस फ़िल्म के परिणाम का अधिक दंड नहीं भुगतना पड़ेगा | ये बतौर निर्देशक वर्ष 2013 या उस के आस-पास के समय में फिर कोई फ़िल्म ला सकते हैं | संभवतः वह फ़िल्म इन्हें इतना निराश नहीं करेगी | निर्माता कुमार एस.तौरानी का अंक बनाता है-2,जो कि आज ठीक-ठाक है | इस का वृहदंक बनता है-38 | यहाँ अंक 3 व 8 की युति ग़लत निर्णय बताती है | हो सकता है कि कुमार एस. तौरानी को यह अनुभव हो कि उन्होंने यह फ़िल्म बनाने या इस की कास्ट के मामले में ग़लत निर्णय लिया था | फ़िल्म के नायक विवेक ओबेरॉय का अंक बनता है-7 | यह आज का भाग्यांक होने के कारण अकेला तो शुभ अवस्था में है | अब इस की युतियाँ देखते हैं | इस अंक 7  का वृहदंक है-43 | अंक 3,4 व 7 का त्रिकोण अशुभ है | यहाँ अंक 3 व 7 परस्पर विरोधी हैं और अंक 4 व 7 भावनाओं/इच्छाओं की पूर्ति में बाधाएँ बताता है | फ़िल्म की एक नायिका नंदना सेन का अंक है-8 | यह आज के मूलांक का धुर विरोधी है और आज के भाग्यांक के साथ अशुभ युति बनता है | इस का वृहदंक है-35 | अंक 3,5 व 8 का त्रिकोण अस्थिरता व निर्णयगत  विषमता बताता है | दूसरी नायिका अरुणा शील्ड्स का अंक है-3 | यह आज कुछ ख़ास कर पाने की स्थिति में नहीं है,क्यों कि जहाँ एक ओर यह आज के मूलांक का परम मित्र है तो वहीं दूसरी ओर आज के भाग्यांक का विरोधी है | इस का वृहदंक है-39 | इस का शुभत्व कुछ अधिक है | इस का फल यह है कि इस फ़िल्म के परिणाम से अप्रभावित रहते हुए अरुणा को अच्छी और बड़ी फ़िल्में/आसानी से फ़िल्में मिल सकती हैं | कुल मिला कर जहाँ तक इस फ़िल्म का सवाल है तो ऐसा लगता है कि यह फ़िल्म बॉक्स ऑफिस पर निराश ही करेगी |     
              JAANE KAHAN SE AAYI HAI  
              इस फ़िल्म का अंक बनता है-3,जो कि आज कोई ख़ास फ़ायदा देने कि स्थिति में नहीं है | इस का वृहदंक बनता है-39 | इस का शुभत्व अधिक है,क्यों कि यहाँ अंक 9 की उपस्थिति से अंक 3 का शुभत्व योग बढ़ गया है | इस का मूलांक समीकरण है 4-5-8-4 | इस ने सारा मामला गड़बड़ कर दिया | इस ने अंक 3 व 9 की समस्त शुभत्व अवस्था पर पानी फेर दिया | इस मूलांक समीकरण में अंक 5 डावांडोल स्थिति बताता है | अंक 4 पितृदोष का होने के कारण फ़िल्म के निर्देशक और नायक के लिए अच्छा नहीं है | इस की दोहरी स्थिति के कारण इस का प्रभाव भी दोहरा हो गया है | इन अंकों के साथ अंक 8 की युति विखंडन पैदा करती है | निर्देशक मिलाप जावेरी का अंक है-3 | इस का वृहदंक है-39 | इन दोनों ही अंकों की बात हम कर ही चुके हैं | इस का मूलांक समीकरण है 8-4 | यह अशुभ है | अंक 4,8 व 3 का त्रिकोण अनुकूल निर्णय की अवस्था भंग करता है | फ़िल्म के निर्माता दो हैं | पहले निर्माता निखिल अडवानी का अंक बनता है-8 | यह तो आज तनिक भी शुभ नहीं है | इस का वृहदंक है-35 | अंक 3 व 5 की युति निर्णयगत डावांडोल अवस्था और अनुकूलता में अस्थिरता बताती है | अंक 3,5 व 8 का त्रिकोण प्रबल विखंडन बताता है | इस वृहदंक का मूलांक समीकरण 8-9 है | दूसरे निर्माता मुकेश तलरेजा का अंक है-6,जो कि आज कोई प्रभावी भूमिका में नहीं है | इस का वृहदंक है-42 | इस युति कि व्याख्या फ़िल्म "प्रिंस" के सिलसिले में हम पूर्व में ही कर चुके हैं | इस का मूलांक समीकरण है 7-8 | यह युति भावनाओं/इच्छाओं पर आघात बताती है | अंक 6,7 व 8 का त्रिकोण शुक्र भंग योग बना रहा है,जिस का सीधा-सा यह तात्पर्य यह है कि फ़िल्म को आर्थिक हानि हो सकती है | अता यह विश्लेषण तो इसी बात की ओर संकेत कर रहा है कि इस फ़िल्म को बॉक्स ऑफिस पर पिटना पड़ सकता है |
           THE JAPANESE WIFE    
            इस फ़िल्म का अंक बनता है-9,जो कि आज शुभ अवस्था में है | इस का वृहदंक है-63 | यह भी शुभ है;क्यों कि ये दोनों ही अंक जहाँ एक ओर परस्पर अच्छे मित्र हैं,वहीं दूसरी ओर आज के मूलांक 9 के भी परम मित्र है | हाँ,आज के भाग्यांक 7 के साथ अंक 3 के विरोधी समीकरण और अंक 6 के साथ ठीक-ठाक वाली बात के कारण इस युति के भाव की प्रबलता में कमी अवश्य आ गयी है | इस वृहदंक का मूलांक समीकरण बनता है 5-2-2 | लाभकारी है,क्यों कि अंक 2 आज के भाग्यांक 7 का सहोदर है | दोहरी अवस्था के कारण इस का प्रभाव भी दोहरा हो गया है | अंक 5 अवश्य कुछ नुकसान कर रहा है,क्यों कि यह डावांडोल अवस्था सूचित कर रहा है | निर्देशक अपर्णा सेन का अंक है-4 | यह आज के भाग्यांक 7 के साथ अशुभ युति बना रहा है | आज के मूलांक 9 के साथ यह फ़िल्म के नायक/निर्देशक के लिए नुकसानदायक अवस्था बना रहा है | इस का मूलांक समीकरण बनता है 9-4 | इस युति की व्याख्या हम अभी-अभी कर ही चुके हैं | फ़िल्म की मधु मन्तेना का अंक है-9,जो कि शुभ है | इस का वृहदंक है-45 | यह अशुभ है | अंक 4 व 5 की युति डावांडोल की अवस्था में वृद्धि कर रही है | इस का मूलांक समीकरण है 2-5 | यह आज अपेक्षाकृत रूप से कुछ शुभ है | अतः इस विश्लेषण से यह संकेत मिलता है कि यह फ़िल्म भी बॉक्स ऑफिस पर हिट नहीं होगी | हाँ,इस के लिए यह तसल्लीबख्श बात रहा सकती है कि यह अपनी लागत निकाल ले | इस फ़िल्म को अच्छी समीक्षा/टिप्पणी,प्रशंसा और पुरस्कार की प्राप्ति हो सकती है |
              तो मित्रो,आज फ़्लॉप फ़िल्मों की तिकड़ी होने जा रही है,मगर हम इस में कर भी क्या सकते हैं | लेकिन आज अभी " आज के आनंद की जय " नहीं कहेंगे,क्यों कि कुछ ही देर में हम फिर उपस्थित होंगे उस अप्रतिम विभूति से सम्बन्धित आलेख ले कर,जिन के बारे में हम आप को पिछली कई बार से कहते आ रहे हैं | आप की वह प्रतीक्षा बस कुछ ही देर में समाप्त होने वाली है | तो हाज़िर हो रहे हैं थोड़ी ही देर में | हाँ, .......... जय श्री राम |