जय श्री राम ......... आदरणीय मित्रो, आपकी सेवा में एक बार पुनः उपस्थिति हैं| अभी हम चर्चा करेंगे अपनी सटीक ठहरी भविष्यवाणी की| हमारी ‘कृपात्रयी’ (प.पू. गुरुदेव देवरहा बाबा, माँ बगलामुखी और घोटेवाले) और हमारी कुलदेवी माँ हिंगलाज भवानी की कृपा से असम से संबंधित भविष्यवाणियों के क्रम में आइए अब बात करते हैं इस राज्य के नव पदस्थापित मुख्यमंत्री हेमंत विश्व शर्मा की| भारतीय जनता पार्टी के शासन के पहले कार्यकाल में सर्वानंद सोनोवाल ने मुख्यमंत्री पद का दायित्व निभाया, किंतु पार्टी के दूसरे कार्यकाल में अर्थात वर्ष 2021 के विधानसभा चुनाव में विजय के पश्चात पार्टी ने सोनोवाल की अपेक्षा हेमंता बिस्वासरमा को अपना नेता चुना और उन्हें मुख्यमंत्री बनने का अवसर दिया है| हेमंता बिस्वासरमा ने जिस मुहूर्त में शपथ ग्रहण की है, वह मुहूर्त अच्छा है| हमने वर्ष 2021 के नव वर्ष के भविष्यवाणी के वीडियो के क्रम में दिनांक 08 जनवरी, 2021 को you tube पर डाले भारतीय जनता पार्टी के बारे में वीडियो में भविष्यवाणी की थी---“असम में यदि विधानसभा चुनाव में विजय के पश्चात भारतीय जनता पार्टी सर्बानंद सोनोवाल को मुख्यमंत्री बनाती है तो वे मुख्यमंत्री के रूप में 5 साल पूरे करेंगे, किंतु यदि ऐसा नहीं होता है तो यह विधानसभा कम से कम 2 मुख्यमंत्री देखेगी|” इसका तात्पर्य यह हुआ है कि हेमंता बिस्वासरमा मुख्यमंत्री के रूप में अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाएँगे| यद्यपि बिस्वासरमा ने जिस मुहूर्त में शपथ ग्रहण की है, हमने इस मुहूर्त को लेकर भी सुझाव दिया था| फर्स्ट इंडिया न्यूज़ चैनल को दिनांक 9 मई, 2021 को दिए गए साक्षात्कार में हमने यह कहा था कि यदि विश्वास शर्मा 11 मई, 2021 (मंगलवार) को दोपहर में 10:30 से 1:30 के बीच मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण करते हैं तो उनका कार्यकाल तो हालाँकि पूरा नहीं होना है, किंतु जितना भी कार्यकाल रहेगा; वह यशदायी रहेगा| उतना कार्यकाल भी उन्हें प्रतिष्ठा अवश्य देगा| हम आज इस पोस्ट में उस चैनल को दिये अपने साक्षात्कार की उस भविष्यवाणी में यह जोड़ रहे हैं कि शुभ मुहूर्त में ली गयी शपथ के कारण से बिस्वासरमा का यह कार्यकाल इनके लिए अवसानकारी नहीं रहेगा| जब भी इनके मुख्यमंत्री पद की बलि चढ़ेगी अर्थात इनका मुख्यमंत्री पद छिनेगा तो यह शुभ मुहूर्त में ली गई शपथ इनका राजयोग बनाए रखेगी| तात्पर्य यह है कि किसी न किसी रूप में बिस्वासरमा का राजयोग बना रहेगा| तब यह हो सकता है कि इन्हें राज्य से हटा कर केंद्र में मंत्री पद दे दिया जाए| इसके अलावा यह भी संभव है कि उन्हें संगठन के स्तर पर कोई महत्वपूर्ण पद मिले, किंतु इसमें भी संगठन की अपेक्षा सत्ता में भागीदारी के योग प्रबल है अर्थात मंत्री पद पर विराजमान होने के योग प्रबल हैं|
मिलते
हैं अगली पोस्ट में एक और भविष्यवाणी की चर्चा के साथ| .......... जय श्री
राम|
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