अंक ज्योतिषी, अंग ज्योतिषी, राजनीतिक विश्लेषक-सलाहकार, नाटककार, शायर, अकादमिक, सम्प्रेरक वक्ता

सोमवार, 17 मई 2010

नि:शुल्क परामर्श सम्बन्धी प्रावधान में संशोधन


  जय श्री राम ............ | आदरणीय मित्रो,आज दूसरी बार आप से मुख़ातिब हो रहे हैं | अभी तो बस एक छोटी-सी बात ही करनी है | हम ने वर्ष 2007 से फ़ोन पर नि:शुल्क परामर्श आरम्भ किया था | गत वर्ष ब्लॉग शुरू किया तो BLOGSPOT वाले ब्लॉग पर प्रत्येक मंगलवार दिन भर नि:शुल्क का प्रावधान किया | इस का लाभ भी आप लोग बराबर उठा ही रहे हैं | यहाँ एक बात हमें बहुत परेशान करती है | हम बार-बार निवेदन करते हैं कि हम ने नि:शुल्क प्रावधान के लिए कुछ दिशा-निर्देश बना रखे हैं,कृपया उन का पालन सुनिश्चित रूप से करें,मगर गहरे दु:ख का विषय है कि ऐसा नहीं हो रहा | कई ऐसे महानुभाव अचानक कहीं से अवतरित होते हैं और सीधे आदेशात्मक लहजे में अपने भविष्य के बारे में बताने को कहते हैं | फिर हमें उन्हें विनम्रता-पूर्वक मना करना पड़ता है | तब कई लोग तो सीधे अभद्र भाषा पर उतर आते हैं | हमें यह सख्त नागवार है | हम नि:शुल्क परामर्श सेवा के रूप में करते हैं,अपना आत्म-सम्मान बेच कर नहीं | इस लिए बहुत सोच-समझ कर हम ने यह निर्णय किया है कि ब्लॉग पर नि:शुल्क परामर्श का प्रावधान हटा दिया जाए | ऐसा हम कल यानि दिनांक 18 मई वाले मंगलवार से ही कर रहे हैं | अब कृपया ब्लॉग या किसी अन्य साईट पर नि:शुल्क परामर्श के लिए कह कर हमें शर्मिंदा न करें | हाँ,फ़ोन पर नि:शुल्क परामर्श जारी रहेगा | वही हर मंगलवार को रात्रि 09 से 11 बजे (भारतीय समयानुसार)  के बीच | तब आप एक फ़ोन काल पर कोई भी एक संक्षिप्त सवाल पूछ सकते हैं | आप की सेवा में हम अपने फ़ोन नंबर  यहाँ रख देते हैं---ये नंबर राजस्थान सर्किल के हैं,तो आप उसी अनुसार इन में शून्य (0 ) का प्रयोग देख लें--- 99298-42668 तथा 90241-79535 | आशा है कि आप हमें इस परिवर्तन के लिए क्षमा कर देंगे | आज बस इतना ही | अब आज्ञा दीजिए | ......... आज के आनंद की जय | .......... जय श्री राम |



3 टिप्‍पणियां:

  1. पहले तो यह बताइए.... कि...यह आनंद कौन है? और इसकी जय क्यूँ करें? आपका प्रयास सराहनीय है....



    जय हिंद...

    जय श्री राम....

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  2. कुमार गणेश जी, आपने ठीक कदम उठाया....अत्यधिक व्यस्त दिनचर्या होने के बावजूद हम स्वयं पिछले दो बरसों से यही देख रहे हैं...अधिकांश लोग ये नहीं सोचते कि ये उन्हे दी गई एक सुविधा है, अधिकार नहीं...साथ ही भविष्यवक्ता की भी अपनी एक दिनचर्या है...ये नहीं कि जब दिल किया फोन घुमाया और भविष्य पूछने लगे...मानो ऎस्ट्रोलोजर हर समय फुरसत में बैठा रहता है...

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  3. मुफ्त सेवा को लोग गंभीरता से नहीं लेते. निशुल्क उन्हीं के लिए रखें जो जरूरतमंद हों.

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