अंक ज्योतिषी, अंग ज्योतिषी, राजनीतिक विश्लेषक-सलाहकार, नाटककार, शायर, अकादमिक, सम्प्रेरक वक्ता

शुक्रवार, 30 अप्रैल 2010

भिलई ज्योतिष सम्मेलन:मीडियाकर्मी बनने के योग

 जय श्री राम ............ | आदरणीय मित्रो,सब से पहले तो इस बात के लिए आप से क्षमा-प्रार्थी हैं कि पिछले सप्ताह रिलीज़ होने वाली फिल्मों कि बात आप से नहीं कर पाए | भिलई (छत्तीसगढ़) अंतरराष्ट्रीय ज्योतिष महोत्सव के लिए जाना था,सो अंतिम समय तक उसी की तैयारियों में लगे रहे | वैसे हमारी कोशिश यह रहती है कि हम फिल्मों कि रिलीज़ के मामले में आप से बात करने में चुके नहीं | भिलई में इस ज्योतिष महोत्सव का आयोजन 24-25 अप्रैल को था | बहुत ही बढ़िया आयोजन था | 26-27 अक्टूबर,2002 को हम ने पहले बार ज्योतिष सम्मेलन में भाग लिया था | तब से आज तक का यह हर दृष्टि से सर्वश्रेष्ठ आयोजन था | ज्योतिषाचार्य श्री जयंत पाण्डेय और श्री अरुण बंसल संयुक्त रूप से इस शानदार आयोजन के लिए बधाई के पत्र हैं | इन्हें साधुवाद | इस महोत्सव को अनंत विभूषित गोवर्धन मठ पुरी पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी महाराज का दिव्य आशीर्वाद प्राप्त था | महोत्सव के उद्घाटन व समापन के सत्र में जगद्गुरु उपस्थित थे | महोत्सव का विषय था---'ज्योतिष के द्वारा करियर परामर्श' | हमारा व्याख्यान दूसरे दिन था | हमारा विषय था---'मीडियाकर्मी बनने के योग:अंक ज्योतिष के आईने में' | इस अवसर पर प्रकाशित स्मारिका में यह आलेख सम्मिलित है | हम इस व्याख्यान को यहाँ आप की सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं---
           "आज के युग को यदि 'मीडिया युग' भी कह दिया जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी | लोकतंत्र के इस चौथे स्तम्भ की आज के युग में बहुत ही महती भूमिका है | इस के आकर्षण से कोई नहीं बच पा रहा है | करियर के रूप में भी यह बहुत ही पसंदीदा बन गया है | ख़ासकर आज के युवा वर्ग को इस में अपने लिए बहुत कुछ दिख रहा है | यह ग़लत भी नहीं है | इस में अच्छा पैसा और नाम जो मिलता है | आइए,जानें कि अंक ज्योतिष की दृष्टि से कौन से योग हैं,जो कि मीडियाकर्मी बनाते है | 
            सब से पहले यह जानें कि जन्मांक की रूपरेखा क्या है ? व्यक्ति के जन्मांक के तीन भाग होते हैं---(अ) मूलाधार अंक (ब)भाग्यांक अंक (स) चलित अंक | इस मूलाधार अंक के भी तीन भाग हैं---(1)मूलांक यानि जन्म की दिनांक (2) मासांक यानि जन्म के महीने का अंक और (3) वर्षांक यानि जन्म के वर्ष का अंक | इन तीनों का शताब्दी सहित योग करने पर प्राप्त 'अंतिम महायोगांक' को 'भाग्यांक' कहते हैं | चलित अंक को जानने के लिए यह देखना होता है कि व्यक्ति का जन्म किस अवधि में हुआ है ? किसी व्यक्ति में इन अंकों की प्रभावी तीव्रता इस बात पर निर्भर करती है कि उक्त अंक किस परिमाण में जीवित या मृत हैं ? 
            अब बात करते हैं---मूलांक की | दिनांक 1,10,19 और 28 को जन्मे लोगों का मूलांक 1 होता है | दिनांक 2,11,20 और 29 को जन्मे लोगों का मूलांक 2 होता है | दिनांक 3,12,21 और 30 को जन्मे लोगों का मूलांक 3 होता है | दिनांक 4,13 और 22 को जन्मे लोगों का मूलांक 4 होता है | दिनांक 5,14  और 23  को जन्मे लोगों का मूलांक 5 होता है | दिनांक 6,15 और 24 को जन्मे लोगों का मूलांक 6 होता है | दिनांक 7,16 और 25 को जन्मे लोगों का मूलांक 7 होता है | दिनांक 8,17 और 26 को जन्मे लोगों का मूलांक 8 होता है | दिनांक 9,18 और 27 को जन्मे लोगों का मूलांक 9 होता है | भाग्यांक ज्ञात करने के लिए जन्म के सभी अंकों को जोड़ लीजिए | अब इस का महायोग कर लीजिए | जैसे कि किसी का जन्म 13  दिसंबर,1956 को हुआ है,तो यहाँ हम 13+12+1956 को जोड़ेंगे | इस जोड़ का अगला चरण बना---13+12+21 | अब अगला चरण है---4+3+3 | इस का योग बना-10 | अब इस का महायोग बना-1 | यह इस व्यक्ति का भाग्यांक है | चलित के अंक जानने के लिए कैलेण्डर वर्ष के विभाजन को जानना पड़ेगा | सौर वर्ष सूर्य के 21 से 23  मार्च तक विषुवकाल में प्रवेश करने से आरम्भ होता है | सूर्य राशि-चक्र के प्रत्येक प्रतीक में से 30 डिग्री पर से गुज़रता है | इस प्रकार 365 दिनों का एक वर्ष माना जाता है | इस एक वर्ष का विभाजन इस प्रकार किया गया है---
(१) 21 मार्च से 20 अप्रेल:---अंक 9 (धनात्मक)
(२) 21 अप्रेल से 20 मई:---अंक 6 (धनात्मक)
(३) 21 मई से 20 जून:---अंक 5 (धनात्मक)
(४) 21 जून से 20 जुलाई:---अंक 2 व 7
(५) 21 जुलाई से 20 अगस्त:---अंक 1  व 4
(६) 21 अगस्त से 20 सितम्बर:---अंक 5 (ऋणात्मक)
(७) 21 सितम्बर से 20 अक्टूबर:---अंक 6 (ऋणात्मक)
(८) 21 अक्टूबर से 20 नवम्बर:---अंक 9 (ऋणात्मक)
(९) 21  नवम्बर से 19 दिसंबर:---अंक 3 (ऋणात्मक)
(१०) 20 दिसंबर से 19 जनवरी:---अंक 8 (ओज)
(११) 20 जनवरी से 19 फरवरी:---अंक 8 (सौम्य)
(१२) 20 फरवरी से 20 मार्च:---अंक 3 (धनात्मक)
               अब इस बात की चर्चा की जाए कि मीडियाकर्मी बनने के लिए किन अंकों की भूमिका रहती है ? "मीडियाकर्मी" शब्द बहुत व्यापक है | इस में रिपोर्टर,प्रोड्यूसर,न्यूज़ एडिटर,कॉपी राइटर,यहाँ तक कि सी.ई.ओ. भी आ जाता है | अंक 4 और अंक 3 की प्रधानता होनी बहुत ज़रूरी है | अंक 3 अभिव्यक्ति,ज्ञान,सम्प्रेषण,वाक्-कला,जन-संपर्क,निरीक्षण,चुनाव,चयन,कलात्मक अभिरुचि आदि का है | मीडियाकर्मी बनने के लिए ये सभी तत्त्व अति आवश्यक हैं | यदि कोई व्यक्ति मात्र कार्यालय तक सीमित नहीं रहना चाहता,बल्कि फील्ड में अपनी कामयाबी के झंडे गाड़ना चाहता है तो इन तत्त्वों का उस के व्यक्तित्व में समावेश अत्यंत आवश्यक है | अंक 4 सूर्य का ऋणात्मक है | इसे राहू का अंक भी कहते हैं | यह मस्तिष्क,विचार,मनन,मंथन,चिंतन,परिष्कृत निर्णय-क्षमता,नेतृत्व,त्वरित क्रियाविधि,पितृसत्तात्मकता,आधिकारिकता का अंक है | इस की प्रबलता व्यक्ति को मस्तिष्क से बहुत समृद्ध बना देती है | यदि यहाँ अंक 1 की भी भूमिका हो तो पत्रकारिता-तत्त्व का परिमाण बढ़ जाता है | एक उदाहरण से बात अधिक स्पष्ट हो जाएगी | देवर्षि नारद को सृष्टि का "आदि मीडियाकर्मी" माना जाता है | उन के अंक तथा बॉडी लैंग्वेज,दोनों ही बिलकुल इसी ढाँचे में हैं | उन का नामंक बनता है---13 | यहाँ नाम का मूलांक है--- 4 | वृहदंक 13 में अंक 3 जीवंत रूप में है | यहाँ अंक 1 की उपस्थिति से भाव की सघनता बढ़ गयी है | चूंकि अंक 1 व 3 पारस्परिक मित्र एवं लोकप्रियता भाव की प्रबल युति रखते हैं,इस लिए अंक 1 व 3 के इस पारस्परिक समन्वय के कारण नारद देवों,दानवों,नरों,यक्षों,गन्धर्वों आदि सभी में समान मित्र भाव से लोकप्रिय थे | नारद की पत्रकारिता कितनी उच्च कोटि की थी | इन अंकों के साथ अंक 5 की भूमिका भी अति आवश्यक है | यह लिपि-बद्धता का श्रेष्ठतम अंक है | इसी कारण महर्षि वेद व्यास ने "महाभारत" को लिपि-बद्ध करने के लिए भगवान गणेश को चुना था | मीडिया में इस लिपि-बद्धता की महत्ता से भला कौन इंकार करेगा,भले ही अब ज़्यादातर काम कम्प्यूटर पर ही हो रहा है | यह अंक 5 पूर्वाभास क्षमता का भी है | एक सफल पत्रकार होने के लिए इस क्षमता का होना भी अति आवश्यक है | इसी के बल पर कई पत्रकारों ने अपूर्व ख्याति पाई है | अंक 5 बातों को पचाने यानि गोपनीयता का भी है | मीडिया में विभिन्न सन्दर्भों में गोपनीयता की महत्ता सभी जानते और मानते हैं | यह अंक छठी इन्द्रिय का भी प्रतिनिधित्व करता है | मीडिया में यदि आप की छठी इन्द्रिय जाग्रत नहीं है तो आप किये-किराये पर पानी फिर सकता है | इस प्रकार यहाँ अंक 3,4 और 5 की तो प्रधान भूमिका ठहरती है |
               अब यहाँ यह स्वाभाविक प्रश्न भी उठता है कि जैसा हम ने पहले कहा कि "मीडियाकर्मी" शब्द के अंतर्गत तो कई रूप आते हैं,ऐसे में भला किस रूप में करियर बनने में कौन-से अंक मदद करते हैं ? आगे बढ़ने से पहले यहाँ यह बात स्पष्ट रूप से समझ लेने की आवश्यकता है कि जन्मांकों में सर्वाधिक प्रभावी भूमिका मूलांक और भाग्यांक की रहती है | इन के बाद चलित अंक,और उस के बाद मासांक और वर्षांक की भूमिका रहती है | यदि अंक 3 व 4 के साथ अंक 1 का प्रधान त्रिकोण बन रहा है तो ऐसा व्यक्ति फील्ड रिपोर्टर,प्रभारी,प्रोड्यूसर,ब्यूरो चीफ के रूप में सफल हो सकता है | यदि इस प्रधान त्रिकोण में अंक 6 है तो व्यक्ति को पर्दे पर आने वाले के रूप में सफलता मिल सकती है | ऐसा व्यक्ति सफल न्यूज़ एंकर या साक्षात्कारकर्ता  बन सकता है | यदि यहाँ अंक 5 की प्रधानता सम्मिलित हो जाए तो ऐसा व्यक्ति कॉपी राइटर,समाचार-संपादक,डेस्क प्रभारी,इन पुट/आउट पुट प्रभारी,स्टोरी मैनेजर के रूप में सफल हो सकता है | यदि यहाँ अंक 5 के साथ अंक 2 की भी भूमिका बन जाती है तो ऐसा व्यक्ति इलेक्ट्रोनिक के साथ-साथ प्रिंट मीडिया में भी सफल हो सकता है | ऐसे लोग अपने चहरे से कम,नाम से ज़्यादा जाने जाते हैं यानि कि ये लोग पर्दे पर आने की बजाय पर्दे के पीछे रह कर ज़्यादा सफल हो सकते हैं | 
            यदि उक्त त्रिकोण में अंक 7 की भी प्रधान भूमिका बनती हो तो व्यक्ति लगभग सभी तरह की भूमिकाओं में काम चला सकता है | यदि अंक 8 की प्रधानता बन जाए तो ऐसे व्यक्ति को फील्ड रिपोर्टर के रूप में अच्छी सफलता मिल सकती है,मगर ऐसे लोगों को अपना कार्य-क्षेत्र नियमित रूप से बदलते रहना चाहिए | यदि जन्मांक त्रिकोण में अंक 9 की प्रधानता आ जाए तो ऐसे व्यक्ति को दिशा-निर्देशन का प्रभार संभालना चाहिए | यदि इस के साथ इन के यहाँ अंक 1 की भी बलवती भूमिका हो तो ये लोग एक सफल सी.ई.ओ. या मुखिया सिद्ध होते हैं | यदि अंक 3 व 4 की बहुत प्रबलता नहीं है,मगर अंक 5 और 6 की प्रबलता है तो ऐसे व्यक्ति को मीडिया में मार्केटिंग में जाना चाहिए | यदि अंक 3 व 5 की प्रबलता तो है,मगर अंक 4 की नहीं,तो उसे विज्ञापन सेक्शन में जाना चाहिए | अब यदि सर्वाधिक उपयुक्त पत्रकारिता-बॉडी लैंग्वेज की बात की जाए तो महिला पत्रकारों में बरखा दत्त और पुरुषों में राजदीप सरदेसाई,करण थापर और प्रणव राय हैं | हाँ,करण थापर का अंक 1, राजदीप सरदेसाई का अंक 9 और प्रणव राय के अंक 2,7 व 6 ख़राब है | 
             किस के भाग्य में क्या बनना लिखा है,यह तो उस परमपिता ने लिख रखा है,मगर इन अंक ज्योतिषीय संकेतों को ध्यान में रखा जाए तो उस लिखे हुए को समझने में तनिक आसानी हो सकती है | इन संकेतों को समझने के बाद भी पुरुषार्थ के पथ पर तो पूर्ण समर्पण और निष्ठा से चलना ही होगा | भाग्य पुरुषार्थ का विकल्प नहीं,अपितु पूरक है |"  
            मित्रो,यह तो हमारा वहाँ व्याख्यान था | यह व्याख्यान इस महोत्सव के दूसरे दिन यानि 25 तारीख़ को पहले सत्र में था | दोपहर के भोजन के बाद 'TV TODAY' समूह के संवाददाता ने हमारा साक्षात्कार लिया | यह साक्षात्कार ललित मोदी के भविष्य को ले कर केन्द्रित था | इस में हम ने कहा---" ललित मोदी का बुरा समय अभी तो शुरू हुआ है | 20 जून के बाद इन का समय ज़्यादा विपरीत होगा | अगला डेढ़ साल इन के लिए बहुत कुछ छीनने वाला होगा | इन का मूलांक 2 व भाग्यांक 5 है | ये दोनों ही अंक ख़राब होने के कारण जो इन के ख़ैर-ख्वाह हैं,वे इन्हें छोड़ कर किनारे हो जाएँगे | इन का अंक 6 विखंडित है | ऐसे लोगों के साथ धन सम्बन्धी विचित्रताएँ चोली-दामन की भाँति जुडी होती हैं | इन का जितनी विचित्रता से उत्थान होता है,उतनी ही विचित्रता से पतन भी होता है | "  हमारे इस साक्षात्कार के कुछ घंटों बाद ही रात को मोदी को पद से निलंबित कर दिया गया | 
            कल आप की सेवा में रिलीज़ हो रही फिल्मों की बात करने उपस्थित होंगे | परसों ज्योतिष सम्मेलन के लिए शिवपुरी के लिए रवाना होना है | वहाँ से 4 मई को देर रात लौटेंगे | तब 6 मई को आप से फिर मुख़ातिब होंगे | आज बस इतना ही | ......... अब आज के आनंद की जय | ............ जय श्री राम | 




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