अंक ज्योतिषी, अंग ज्योतिषी, राजनीतिक विश्लेषक-सलाहकार, नाटककार, शायर, अकादमिक, सम्प्रेरक वक्ता

मंगलवार, 16 मार्च 2010

नव संवत्सर पर एक भेंट:गर्व कीजिए अपने भारतीय होने पर

जय श्री राम ........... | आदरणीय मित्रो,वैसे तो आप के साथ होने वाली प्रत्येक चर्चा महत्त्वपूर्ण ही होती है,मगर जो चर्चा हम आज करने जा रहे हैं;उस से आप की 'भारतीय' होने की गर्वीली भावना आसमान छू लेगी | यूँ तो वैश्विक समुदाय को 'भारत की देन' की बात करें तो बहुत लम्बी सूची बन जाएगी,मगर यहाँ ग़ैर-इतिहास-प्रिय और ग़ैर-साहित्यिक लोगों के लिए इतना ही पर्याप्त होगा कि वे मनोज कुमार जी की फ़िल्म 'पूरब और पश्चिम' के लिए स्व.इन्दीवर का लिखा गीत " जब ज़ीरो दिया मेरे भारत ने ......... "  सुन लें | इस सहज,सरल और हृदयंगम होने वाले फ़िल्मी गीत की भारत-गौरव-गाथा के आगे बड़े-बड़े कवियों की जटिल कविताएँ पानी भरती हैं | 
तो क्यों न हो जाए यह गीत ---
                       " जब ज़ीरो दिया मेरे भारत ने,
                         भारत ने,मेरे भारत ने,
                         दुनिया को तब गिनती आयी,
                         तारों की भाषा भारत ने,
                         दुनिया को पहले सिखलायी,
                          देता न दशमलव भारत तो,
                         यूँ चाँद पे जाना मुश्किल था,
                         धरती और चाँद की दूरी का,
                         अंदाज़ा लगाना मुश्किल था,
                         सभ्यता जहाँ पहले आयी,
                         पहले जन्मी है जहाँ पे कला,
                          अपना भारत वो भारत है,
                          जिस के पीछे संसार चला,
                          संसार चला और आगे बढ़ा,
                          यूँ आगे बढ़ा बढ़ता ही गया,
                          भगवान करे ये और बढे,
                          बढ़ता ही रहे और फूले-फले,
                                   बढ़ता ही रहे और फूले-फले | "
                    हमारी विभिन्न श्रेष्ठ उपलब्धियों को 'मिथक मात्र' कह कर खारिज कर देने वाले ही अब इन के आगे नतमस्तक हो रहे हैं | हमारा पुष्पक विमान हो या फिर राम सेतु,ये सब आज विश्व भर के सामने हमारी श्रेष्ठता के झंडाबरदार हैं | हालांकि हमारी तथाकथित 'सेक्यूलर' सरकार ने तो अदालत में यह हलफ़नामा भी दे दिया था कि (भगवान) राम के होने का कोई प्रमाण नहीं है | ये लोग तो कल को यह हलफ़नामा भी दे सकते हैं कि इन के अपने बाप के होने का भी प्रमाण नहीं है | मित्रो, यदि यहाँ हमारी भाषा कुछ कड़वी हो गयी है तो हमें क्षमा करें | भगवान राम के बारे में ऐसा कहने वालों को हम जन्म-जन्मान्तर क्षमा नहीं कर सकते,क्यों कि हमारे जीवन का तो आधार ही यह है कि " जो न हमारे राम का,वो न हमारे काम का " | 
                   मित्रो,बात आज से लगभग साधे छब्बीस साल पहले की है | 24 नवम्बर,1983 के 'नवभारत टाइम्स' की एक कटिंग है | यह बिहार के गया जिले से सम्बन्धित है | इस में पिछले दिन यानि 23 नवम्बर,1983 का समाचार है | यह इस प्रकार है---" गया,23 नवम्बर | जिले के आमस प्रखंड में खंडवा पहाड़ी की खुदाई के के दौरान सूर्य मंदिर,तलब,प्राचीन प्रस्तर मूर्तियों के अवशेष तथा तीन सिक्के बरामद हुए हैं | इस मंदिर में सात घोड़ों पर सवार सूर्य की मूर्ति,काले पत्थर का शिवलिंग,गणेश,कार्ति और बुद्ध की मूर्ति मिली है | खुदाई के दौरान शिवलिंग अलग हो गया था,जिस में से एक सिक्का निकला | इस सिक्के में एक तरफ़ राम,लक्ष्मण,भरत,शत्रुघ्न,सीता और हनुमान के चित्र हैं तथा दूसरी तरफ़ राम वन-गमन का दृश्य अंकित है | इस के अतिरिक्त बरामद दो अन्य सिक्के लगभग 50 हज़ार वर्ष पुराने हैं | पुरातत्त्व के जानकर लोगों के अनुसार ये सिक्के अत्यंत ही महत्त्वपूर्ण हैं और इस से पुरातत्त्व के क्षेत्र में नया मोड़ आ सकता है | (हनुमान सन) एक सिक्के में देवनागरी लिपि में 'राजा राम,सीता,लक्ष्मण की जय' अंकित है | बीच में हनुमान का चित्र है तथा नीचे लिखा है 'हनुमान सन 47340' | इस से स्पष्ट होता है कि लगभग पाँच हज़ार वर्षों का सांस्कृतिक इतिहास इस सिक्के में सन्निहित है | "
                   क्या आप में से किसी ने 'हनुमान सन' का नाम पहले कभी सुना है ? नहीं न | आज अगर किसी सिक्के पर यह लिखा है ---'ईस्वी सन 2009';इस का मतलब यह हुआ कि जब वह सिक्का बना तब उस सन का 2009 वाँ वर्ष चल रहा था | अब आप ख़ुद ही सोचिए कि यदि 'उस' सिक्के पर 'हनुमान सन 47340, लिखा है तो इस का अर्थ यही हुआ न कि जब यह सिक्का बना,तब इस नाम के सन का 47340 वाँ वर्ष चल रहा था | अब इन 47340 वर्षों में बाद के सारे वर्ष जोड़ कर देखा जाएगा तो पता चलेगा कि इस सिक्के की सभ्यता को कुल कितने वर्ष हो चुके हैं ? इस आधार पर हमारी सतयुगकालीन सभ्यता के वर्षों की प्रमाणिकता सिद्ध की जा सकती है, और ऐसा आज नहीं तो कल हो ही जाएगा | तब उन लोगों को तगड़ा सबक मिल जाएगा,जिन्हें हमारे गर्व के कारकों को ले कर नाक-भौं सिकोड़ने की बीमारी है | प्रभु श्री राम की कृपा से हमारा भारतवर्ष फिर से 'जगद्गुरु' होगा | मगर यह कितने दुःख और क्षोभ की बात है कि प्रभु श्री राम की इस पावन जन्म -भूमि पर उन्हीं का मंदिर नहीं बन पा रहा है | 
                     आदरणीय मित्रो,एक बात और | इस आलेख के साथ हम उस अख़बार की इस कटिंग की कॉपी भी दे रहे हैं | इस कटिंग पर वहाँ मिले राम-वन-गमन वाले सिक्के की ज़िरोक्स भी है,जो कि बहुत धुंधली होने के कारण आप शायद देख न पाएँ | यह हमारा सौभाग्य है कि यह सिक्का हम ने देखा है | इस कटिंग पर सिक्के की यह जो ज़िरोक्स आप देख रहे हैं,यह हम ने ख़ुद करवायी थी |   
                       बहुत जल्दी हम आप की सेवा में एक ऐसे व्यक्तित्व का विश्लेषण ले कर उपस्थित होंगे,जिस ने करोड़ों लोगों के जीवन को नया अर्थ दिया है | आप और हम इस विभूति के बारे में बात कर धन्य हो जाएँगे | आज के लिए बस इतना ही | ........ अब आज के आनंद की जय | ............ जय श्री राम |  











3 टिप्‍पणियां:

  1. हाँ अब दिखाई दिया कमेन्ट बॉक्स.
    बहुत ही नायाब जानकारी है और सिक्के की कॉपी भी देखी कुछ साफ़ नहीं दिख रहा.अख़बार कि कटिंग इतने वर्षों से संभाली हुई है..!!!!वह भी पढ़ी.इस अद्भुत जानकारी हमसे बांटने के लिए आभार.
    नववर्ष की शुभकामनाएं.

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  2. शानदार जानकारी.


    नव संवत्सर 2067 व नवरात्रों की हार्दिक शुभकामनाएं.

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  3. In 2012…..after July….One Tuesday just after day light( In India) three psychological gunman’s quickly kill one world class leader of western world ……deep. Mystery….will …solve after high specialists forces of U.K..as kings have long arms…..My Name Is ……. MAHESH KUMAR SUNEJA OR “IMAM MEHNDI ANGELO” OR “ELECTRIFYING KALANKI “ OR ‘GURUBADSHAH’, DUBAI, UAE & I am not a terrorists ……I AM A SELF MADE MAN WHO IS ABLE TO SEE…ALL… UN-SEEN-SIGHTS OF THIS GREAT UNIVERSE.

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