अंक ज्योतिषी, अंग ज्योतिषी, राजनीतिक विश्लेषक-सलाहकार, नाटककार, शायर, अकादमिक, सम्प्रेरक वक्ता

गुरुवार, 24 दिसंबर 2009

झारखण्ड विधानसभा चुनाव-परिणाम:हमारी भविष्यवाणी के दायरे में

                   जय श्री राम | ............झारखण्ड विधानसभा चुनाव-परिणाम आ चुके हैं | एक त्रिशंकु और अस्थिर विधानसभा फिर से झारखंड के गले पड़ गयी है | ऐसे में अब जो सरकार बननी है,वह कितने वक़्त चल पाएगी,आम आदमी के लिए यह कह पाना बहुत ही मुश्किल है | हम ने इस त्रिशंकु विधानसभा की भविष्यवाणी 10-11-2009 को ही कर दी थी | हम ने अपनी भविष्यवाणी में कहा था---".........इस बार की झारखंड विधानसभा ज़बरदस्त उठा-पटक-भरी तथा त्रिशंकु एवं अस्थिर सरकार देने वाली रहेगी | ........" परिणाम आप के सामने है | प्रमुख दलों की बात करें तो हम ने भाजपा के लिए कहा था---"........भाजपा को साझेदारी के मोर्चे पर भी झटके झेलने पड़ेंगे | जद (यू) के साथ जैसे-तैसे कर के तालमेल भले ही हो गया है,मगर यह रास्ता इतना आसान भी नहीं है | भाजपा को सत्ता के मामले में हानि उठानी पड़ सकती है | संभवतः इसे  जद (यू) के अलावा किसी और को भी सरकार बनाने के लिए साथ लेना पड़ जाए |........"  आज की तारीख़ में हालत ख़ुद बोल रहे हैं कि भाजपा सत्ता की दौड़ में कहाँ है ? इस के लिए हाथ पसारने की नौबत आ गयी है | हम ने भाजपा के भावी दुर्भाग्य को इस तरह से इंगित किया था कि---".........अतःराजानाथ सिंह के राष्ट्रीय अध्यक्ष होने का ख़ामियाजा तो पार्टी को उठाना ही होगा | सत्ता भाजपा के हाथों में समुचित रूप से नहीं आ पाएगी | हाँ,यदि राजनाथ चुनाव-परिणाम से पहले विदा हो जाएँ तो भाजपा के नुकसान का प्रतिशत कम तथा लाभ का प्रतिशत ज्यादा हो सकता है |........." राजनाथ अपने पद से विदा तो हो गये,मगर अपने दुर्भाग्य की करनी पार्टी को भुगता गये | हालाँकि उन्होंने चुनाव-परिणाम से पहले अपना पद छोड़ दिया था | इस का लाभ भाजपा को मिला है | वह सत्ता के निकट पहुँच गयी है | अगर राजनाथ पर्याप्त समय रहते पद छोड़ देते तो भाजपा साफ़ तौर पर सत्ता में आ जाती | मगर यही तो भाग्य है | दूसरी प्रमुख पार्टी कांग्रेस के लिए हम ने कहा था कि---"........हो सकता है कि इस की सीटों में पिछली बार की तुलना में वृद्धि हो जाए | ........" हमारे आकलन के अनुसार कांग्रेस को 11 से 15 सीटें मिलनी थी,जब कि इसे 14 सीटें मिली हैं | लालू प्रसाद यादव के लिए हमारा कहना था कि---"......... यह विखंडन लालू को सत्ता से दूर तो रखेगा ही,साथ ही इन की पार्टी की सीटें भी पिछली बार की तुलना में कम करवा सकता है |........" हमारे अनुसार लालू की पार्टी की सीटें पिछली बार से कम हो कर 4 से 6 मिलनी थी | लालू को इस बार 5 सीटें मिलीं,जब कि पिछली बार इन के पास 7  सीटें थीं |                              

              ये तो बातें हुई हमारी भविष्यवाणी के सफल हुए भाग की | आइए, अब चर्चा करते हैं उस हिस्से की,जो असफल रहा | शिबू सोरेन के जेएमएम,बाबू लाल मरांडी के जेवीएम और जद (यू) के बारे में हमारी कुछ बातें गलत रहीं | हालांकि शिबू सोरेन के दल के मामले में  हम सीटों की संख्या को ले कर थोड़े ही चूके हैं | हम ने कहा था कि इन्हें 10 से 13 सीटें मिल सकती हैं,जब कि इन्हें 18 सीटें मिलीं | फिर भी हम यह जो चूके हैं,इस के पीछे दो कारण संभव हैं | पहला तो यह कि जेएमएम की स्थापना की तारीख़ हमें उपलब्ध नहीं हो पायी | दूसरा यह कि हमारे पास उपलब्ध शिबू सोरेन की जन्म-दिनांक सही नहीं है | मरांडी और उन के दल के लिए हम ने अपनी भविष्यवाणी में पहले ही निवेदन कर दिया था कि बाबू लाल मरांडी की जन्म-दिनांक और उन के दल जेवीएम की स्थापना की तारीख़ हमें नहीं मिल पायी | मरांडी की पार्टी के लिए हम अपनी इस भविष्यवाणी को ले कर पूर्णतः आश्वस्त हैं कि यह दीर्घजीवी नहीं है तथा देर-सवेर इन्हें अपने पितृदल भाजपा में ही आना होगा | जद (यू) के मामले में शरद यादव के बजाय नीतीश कुमार के अंक ज्यादा लागू होते हैं (बिहार और झारखंड के मामले में) | अभी भी अगले 2-4 दिनों में हमारी इसी  भविष्यवाणी के कुछ और हिस्से भी सच होने जा रहे हैं | कृपया इंतज़ार कीजिएगा |    




















                                         

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