जय श्री राम ............ | आदरणीय मित्रो,
लोकसभा चुनाव सम्पन्न हुए एक वर्ष बीत चुका है| केन्द्र की एन डी
ए सरकार
अपनी वर्षगाँठ मना रही है| इस अवसर पर हम भी इस सम्बन्ध में अपनी सही साबित कुछ
भविष्यवाणियों की बात कर लेते हैं| लोकसभा चुनाव की वर्षगाँठ का अवसर होने के कारण यह बात 'अवधिपार' भी नहीं होगी| हमारी 'कृपात्रयी' (प.पू. गुरुदेव देवरहा बाबा, माँ बगलामुखी और घोटेवाले) की कृपा से 'लोकसभा चुनाव 2014' में हमारी कई भविष्यवाणियाँ सही रही हैं| उत्तर प्रदेश के क्षेत्रीय दल समाजवादी पार्टी का प्रदर्शन बहुत बुरा रहा| हमने इसकी भविष्यवाणी कर दी थी; और वह भी एक जगह नहीं, बल्कि चार जगहों पर| अपने ब्लॉगों पर अक्टूबर, 2013 को 'आज की हस्ती' स्तम्भ के अन्तर्गत समाजवादी पार्टी के स्थापना-दिवस 04 अक्टूबर के सन्दर्भ में चर्चा करते हुए हमने साफ़-साफ़ कहा था---"लोकसभा चुनाव में प्रदर्शन कोई बहुत बढ़ा-चढ़ा नहीं रहेगा|" यही बात हमने अपने ब्लॉगों पर नवम्बर, 2013 को 'आज की हस्ती' स्तम्भ के अन्तर्गत इस दल के मुखिया मुलायम सिंह यादव के जन्म-दिन 22 नवम्बर के सन्दर्भ में चर्चा करते हुए हमने साफ़-साफ़ कहा था---"लोकसभा चुनाव में पार्टी को बहुत बड़ी सफलता मिल पाना कठिन है|" इसके अलावा अपने ब्लॉगों पर दिनांक 13 अप्रेल, 2014 को 'लोकसभा चुनाव 2014 : भाग-5 : समाजवादी पार्टी-नहीं बनवा पाएगी अपना प्रधानमन्त्री' शीर्षक आलेख में हमने साफ़-साफ़ लिखा है-"इस बार के लोकसभा चुनावों में सपा की अवस्था सुखद नहीं रहने वाली है| ........... सपा का आगामी केन्द्र सरकार पर कोई नियंत्रण नहीं होगा| यह पार्टी उस सरकार की 'पितृ अवस्था' में नहीं आ पाएगी| तब यह पार्टी 'पांच'/'सरपंच' की भूमिका में नहीं रह पाएगी| ............ इस बार की लोकतान्त्रिक लड़ाई में समाजवादी पार्टी की मनोवांछा पूरी होने के कोई आसार नज़र नहीं आते| इस बार के लोकसभा चुनावों में सपा का प्रदर्शन पिछली बार से बेहतर न रह पाये तो कोई अचम्भा नहीं होना चाहिए|" इसी तरह हमने इस दल के बारे में एक और जगह भी भविष्यवाणी की है| अपने ब्लॉगों पर दिनांक 13
अप्रेल, 2014 को ही 'लोकसभा चुनाव 2014 : भाग-6 : मुलायम सिंह यादव-नहीं बन पाएँगे प्रधानमन्त्री' शीर्षक आलेख में हमने साफ़-साफ़ लिखा है-"इन लोकसभा चुनावों में अपनी पार्टी के प्रदर्शन और अपनी अवस्था को लेकर मुलायम बहुत भ्रम में रहेंगे, किन्तु परिणाम आने पर बहुत निराश होना पडेगा| ............ मुलायम को 'नेता होने या नेतृत्व करने का सुख' नहीं मिल पाएगा यानि ये किसी तीसरे/चौथे मोर्चे का नेता बन कर देश का नेतृत्व नहीं कर पाएँगे| ............ इस बार मुलायम न तो 'किंग' बनते दिख रहे हैं और न ही 'किंगमेकर'; बल्कि इन्हें तो अपना पिछले लोकसभा चुनाव का प्रदर्शन बरक़रार रखने में भी ज़ोर आ सकता है| कहीं ऐसा न हो जाए कि मुलायम 'आगे का पाने के चक्कर' में पिछला प्रदर्शन भी खो बैठें|" आप स्वयं ही देख लीजिए कि यह बात कितनी सही साबित हुई|
मिलते हैं अगली पोस्ट के साथ| ............. जय श्री राम|
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