अंक ज्योतिषी, अंग ज्योतिषी, राजनीतिक विश्लेषक-सलाहकार, नाटककार, शायर, अकादमिक, सम्प्रेरक वक्ता

गुरुवार, 25 अक्तूबर 2012

गुजरात विधानसभा चुनाव-2012 : फिर मोदी की जेब में

जय श्री राम ............| आदरणीय मित्रो, गुजरात के विधानसभा चुनाव आ चुके हैं| इन चुनावों पर सिर्फ़ भारत भर की ही आँखें नहीं लगी हैं, बल्कि अमरीका समेत यूरोपीय संघ की भी नज़र है| नरेन्द्र मोदी की क्या करामात रहती है, यह जानने के लिए हर कोई उत्सुक है| आइए, हम देखें कि अंक ज्योतिषीय और बॉडी लैंग्वेज-विश्लेषण इस बारे में क्या कहता है? 
                                               गुजरात
निर्माण-दिनांक:-01-05-1960         मूलांक:-1              भाग्यांक:-4             आयु अंक:-8 (53 वाँ वर्ष)              नामांक:-9              निर्माण का चलित अंक:-6 (+)
                         मतदान का प्रथम चरण:-13-12-2012              मूलांक:-4             भाग्यांक:-3
                         मतदान का द्वितीय चरण:-17-12-2012             मूलांक:-8             भाग्यांक:-7
                         मतदान का चलित अंक:-3 (-)
                         मतगणना:-20-12-2012               मूलांक:-2             भाग्यांक:-1              चलित अंक:-8 (-)
         यह गुजरात की 13 वीं विधानसभा होगी| इसका अंक बनता है-4| यह अंक गुजरात के मूलांक के साथ मित्र युति और भाग्यांक के साथ प्रतिरूप युति बनाता है| अपने संगत अंकों के साथ यह अनुकूल फल देता है| इस राज्य के लिए अंक 1, अंक 4 और अंक 8 की दशा सदैव ख़ास रही है| इस राज्य को 27 वर्ष का एक आयु-चक्र वर्ष 1987 में पूर्ण हुआ| यहाँ तक यह राज्य डावांडोल की अवस्था में था| दूसरे आयु-चक्र में इसे आरम्भ में ही अंक 5 की दशा लगी| इस ने इस राज्य को कुछ स्थायित्व देने की कोशिश की, मगर संगत में अन्य अंकों की अनुकूलता में कमी के चलते पर्याप्त अनुकूल अवस्था नहीं आ पायी|  यह दशा वर्ष 1999 तक चली| इसके बाद की अंक 1 की दशा ने इस राज्य के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण भूमिका निभायी| फिर अंक 2 की दशा ने राज्य को झटका दिया| वर्ष 2002 अंक 4 का वर्ष था| इसने अपनी अनुकूलता की प्रबल अवस्था में गुजरात को अंक 8 व अंक 5 वाले नरेन्द्र मोदी दिए| वर्ष 2003 से अंक 4 की दशा शुरू हुई, जो कि वर्ष 2006 तक चली| वर्ष 2007 से गुजरात को अंक 8 की दशा आरम्भ हुई है| यह वर्ष 2014 तक चलेगी| अंक 8 लोकतंत्र का है| यह इस राज्य के वर्तमान लोकतान्त्रिक स्वरूप को बनाए रखेगी| तात्पर्य यह है कि वर्तमान की नरेन्द्र मोदी सरकार बनी रहेगी| यह अपदस्थ नहीं होगी| इसका नामांक 9 आयु अंक 8 के साथ लोकतान्त्रिक विजय की युति बना रहा है| अंक 9 गुजरात के मूलांक 1 के साथ नेतृत्व/सत्ता/सरकार के पक्ष में विजयकारी युति बनाता है| यही अंक 9 राज्य के भाग्यांक 4 के साथ पितृ सत्तात्मक स्वरूप के साथ अनुकूलता उत्पन्न करता है| एक विशेष बात और भी ध्यान दिए जाने योग्य है| गुजरात का आयु अंक 8 व नामांक 9, दोनों ही इसके निर्माण के चलित अंक 6 (+) के साथ मित्र युति बना रहे हैं| गुजरात के इस बार के चुनावों में अंक 6 व अंक 8 की बहुत ख़ास भूमिका रहेगी| राज्य का मूलांक 1 व आयु अंक 8 परस्पर पितृ द्रोह युति बना रहे हैं| चूँकि नरेन्द्र मोदी पहले से ही इस युति का सामना कर रहे हैं (केशुभाई पटेल और सुरेश मेहता जैसे पितृ पुरुष इनके खिलाफ हैं ही)| इसलिए इन्हें यह हानि नहीं उठानी  पड़ेगी|

           मतदान के प्रथम चरण का मूलांक 4 व भाग्यांक 3 गुजरात के मूलांक 1, भाग्यांक 4, नामांक 9 व निर्माण के चलित अंक 6 के साथ मित्र युति बना रहा है| गुरुवार होने के कारण इस दिन का दिन-अंक 3 हुआ| इसकी बात हम कर ही चुके हैं| मतदान के दूसरे चरण का मूलांक 8 व भाग्यांक 7 है| यहाँ परस्पर हृदय-विदारक युति बनती है| इस दिन सोमवार होने के कारण दिन-अंक 2 व 7 हैं| जिनके अंक 8 विपरीत है, उन्हें इस युति से तगड़ा झटका लग सकता है| मतगणना का मूलांक 2 व भाग्यांक 1 है| गुरुवार होने के कारण इस दिन का दिन-अंक 3 है| अंक 2 का फल अंक 7 के समान ही है| अंक 1 व अंक 3 की बात हम कर ही चुके हैं| उपर्युक्त समीकरण बताते हैं कि चुनाव परिणाम अंक 3, 5, 6, 8 व 9 की सशक्तावस्था वाले लोगों के लिए लाभकारी रहेंगे, अन्य लोगों को निराशा का सामना करना पड़ेगा| अंक 1 पितृ सत्ता तथा अंक 3 अनुगामी/विरासत का है| अतः इस बार के चुनाव गुजरात के वर्तमान नेतृत्व की विरासत का क्रम यानि वारिस तैयार करेंगे| इसका तात्पर्य यह हुआ कि इस बार के चुनाव मुख्यमंत्री पद के लिए वर्तमान मुखिया नरेन्द्र मोदी का वारिस यानि उत्तराधिकारी बनेगा यानि नरेन्द्र मोदी का यह कार्यकाल पूरा नहीं होगा| वे पद-त्याग कर दिल्ली जाएँगे| इसमें एक पेंच है| शर्त यह है कि नरेन्द्र मोदी के प्राण निरंतर बचे रहें| इसी अवधि में ही मोदी के प्राणों को खतरा है| हाँ, नरेन्द्र मोदी जब देश के प्रधानमंत्री बनेंगे तो वह नयी-नवेली लोकसभा न होकर, उसके बीच कार्यकाल का समय हो सकता है|
               मिलते हैं अगली पोस्ट के साथ| ........... जय श्री राम|

         

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