अंक ज्योतिषी, अंग ज्योतिषी, राजनीतिक विश्लेषक-सलाहकार, नाटककार, शायर, अकादमिक, सम्प्रेरक वक्ता

रविवार, 6 जून 2010

अशोक गहलोत :::तीन बार मुख्यमंत्री बनने के योग,मगर लगातार नहीं

जय श्री राम ............ | आदरणीय मित्रो, लीजिए हम हाज़िर हैं आज की ख़ास बात करने | अब से 5 महीने पहले 05 जनवरी,2010 की पोस्ट 'भारतीय राजनीति:-भाग-4' में 'अशोक गहलोत'  के अंतर्गत  हम ने लिखा था --- "अद्भुत भाग्य के धनी अशोक गहलोत' | तब हम ने कहा था कि इस बात को फिर कभी विस्तार से बताएँगे | 
     नामांक-विश्लेषण 
                                 अशोक गहलोत का नामांक है-9 | इस का वृहदंक है-45 | अंक 4,5 व 9 का त्रिकोण 'अद्भुत पितृ-कृपा' बताता है | इन्हें इन अंकों वाले लोगों की विशेष कृपा प्राप्त रहती है | सोनिया गाँधी के यहाँ अंक 5 व 9 की प्रधानता है,इस लिए श्री गहलोत को उन की विशेष कृपा भी प्राप्त है | अंक 4 व 5 परिवर्तन,परिवर्द्धन व संशोधन बताता है | गहलोत को इन प्रक्रियाओं से हमेशा ही फ़ायदे के अच्छे योग हैं | इस वृहदंक का मूलांक समीकरण 9-9 है | यह राजनीति में प्रतिष्ठा-वृद्धि का प्रतीक है | यह चुनावी विजय भी दिलवाता है | इस मूलांक समीकरण के वृहदंकों का भी सूक्ष्म विश्लेषण कर लिया जाए | मित्रो,आज हम आप के सामने पहली बार किसी के मूलांक समीकरण का सूक्ष्म विश्लेषण कर रहे हैं | इस से आप यह जान सकेंगे कि यह सूक्ष्म विश्लेषण क्या और कैसे फल देता है ? अशोक गहलोत के मूलांक समीकरण के वृहदंक हैं-18 व 27 | अंक 18 'पितृ-द्रोह' बताता है | जिन लोगों ने निजी जीवन में इस का दंश झेल लिया होता है,उन्हें करियर में कम/नहीं झेलना पड़ता है | जिन के साथ ऐसा नहीं होता है,उन्हें करियर में ज़्यादा झेलना पड़ता है | जिन के यह पितृ-द्रोह बहुत ज़्यादा होता है,उन्हें हर रूप में झेलना पड़ता है | गहलोत के यहाँ यह पहले वाले रूप से कुछ ज़्यादा है | इन्हें पितृ-सुख अधिक या पर्याप्त रूप में नहीं मिला,यह बात तो सार्वजनिक रूप से सभी को पता है | इस लिए यह कहने में हमारा कोई ज्योतिषीय कमाल नहीं माना जाएगा | मगर एक बात ख़ास ग़ौर करने लायक है | अपनी इसी 'पितृ-द्रोह युति' के कारण अशोक गहलोत अपने पिता जी के नाम से बने ट्रस्ट को ले कर क़ानूनी परेशानी झेल रहे हैं | पितृ-दोष के वर्ष 2011 में इन की इस ट्रस्ट से सम्बन्धित परेशानियाँ बढ़ सकती हैं | यदि यह ट्रस्ट इन के पिता जी के नाम से नहीं होता तो इन्हें यह परेशानी नहीं झेलनी पड़ती | ख़ैर,यह बात तो इतनी विस्तार से इस लिए की कि आप को अशोक गहलोत के जीवन पर अंक 18 का प्रभाव समझाया जा सके | अंक 27 स्त्री अंकों का समूह है | इन का योग है-9 | यह त्रिकोण 'स्त्री-लाभ/कृपा' बताता है | इस लिए यह निश्चित रूप से माना का सकता है कि गहलोत के जीवन पर स्त्रियों की विशेष कृपा रही है व रहेगी | यह बात इन की पत्नी सुनीता जी,स्व.इंदिरा गाँधी व इन की नेता सोनिया जी को ले कर कही जा सकती है | इस लिए यह भी कहा जा सकता है कि सुनीता जी से शादी ने इन का भाग्योदय करवाया | प्राप्त प्रमाणों से यह सिद्ध भी होता है | यहाँ लगे हाथों एक बात यह भी कहते चलें कि हमें श्री गहलोत की शादी की दिनांक मिली है-27-11-1977 | इस के हिसाब से शादी का मूलांक-भाग्यांक बनता है 9-8,जो कि  इन के जीवन में सुनीता जी की विशिष्टता को देखते हुए सही नहीं लग रहा | हमारे कहने का तात्पर्य यह है कि इन के फेरों का समय संभवतः आधी रात के बाद का रहा होगा | तब दिनांक 28 हो गयी थी | ऐसे में शादी का मूलांक-भाग्यांक 1-9 हो गया,जो कि सही लग रहा है | हमारे पास इस बारे में अभी कोई पुष्टि नहीं है | इन के नामांक के मूलांक समीकरण के वृहदंकों के इस सूक्ष्म विश्लेषण के पीछे हमारा हमारा उद्देश्य इन के यहाँ 'स्त्री-लाभ/कृपा' व 'पितृ-द्रोह युति' का प्रभाव बताना है | श्री गहलोत के इन नामांकों का स्वरूप-विश्लेषण बताता है कि इन का नामाक्षर (अ) इन के अनुकूल नहीं है | यह इन के बनते कामों में बाधा डालता है या उन्हें लटका देता है |       
      जन्मांक-विश्लेषण 
                                श्री गहलोत का जन्म 03 मई,1951 को हुआ | इन का जन्म का चलित अंक है-6 (धनात्मक) | इन की सूर्य राशि वृष है | यह थल त्रिकोण की प्रथम राशि है | इन का मूलांक 3,मासांक 5,वर्षांक 7,भाग्यांक 6 व संयुक्तांक भी 6 है | अभी इन्हें उम्र का 60 वाँ वर्ष चल रहा है | अतः यहाँ भी अंक 6 ही प्रभावी है | इन के शुभांक हैं-3 व 6 | कुछ कम अंशों में अंक 1 व 9 भी शुभ हैं | अंक 5 भी शुभत्व की ओर ही जाता है,मगर अंक 1 व 9 से बहुत कम (लगभग 55-60%) | इन के अशुभांक हैं-7 व 8 | साथ ही कुछ कम अंशों में अंक 2 व 4 भी अशुभ हैं | अंक 3,6 व 9 का एक समूह है | इन का अंक 3 विखंडित है | इस का तात्पर्य यह है कि इन का बृहस्पति व्यक्त नहीं,अव्यक्त है | इसी कारण इन के 'वाणी दोष'  है,जिस से उच्चारण में अस्पष्टता है | अंक 6 यानि शुक्र इन का भाग्यांक,जन्म का चलित अंक व संयुक्तांक भी है;यह विखंडित है,अंकों में भी और बॉडी लैंग्वेज में भी | इस लिए विखंडित शुक्र वाला व्यक्ति इन के लिए हमेशा परेशानी का सबब बना रहेगा | अभी इन्हें अंक 7 की दशा चल रही है,जो कि वर्ष 2012 तक रहेगी | यह दशा सब से पहले इन के जन्म से रही थी | उस के बाद दूसरी बार वर्ष 1979 से 1985 तक रही | तब इस के पूर्वार्द्ध यानि जून,1982 तक के समय ने गहलोत कि चुनावी विजय-यात्रा आरम्भ करवा दी | अब जब यह दशा तीसरी बार आरंभ हुई तो इस के पूर्वार्द्ध यानि जून,2009 तक के समय ने इन्हें मुख्यमंत्री बनवा दिया तथा लोकसभा चुनाव में राज्य से अपूर्व संख्या में सीटें भी दिलवा दीं | अंक 5 की दशा इन्हें दूसरी बार रही वर्ष 1986 से 1990 तक | इस ने गहलोत से उन का केन्द्रीय मंत्री पद छीन लिया | हाँ,मगर इन्हें पॉवर में बनाये रखा | अब यह दशा आरम्भ होगी वर्ष 2013 में | तब यह गहलोत से इन के पद/सत्ता की बलि ले लेगी | हाँ,यह दशा पूर्व ही की भाँति गहलोत को पॉवर में तो तब भी रखेगी | तभी तो हम ने इन्हें 'अद्भुत भाग्य का धनी' कहा है | 
      प्रमुख घटनाओं का विश्लेषण
                                अशोक गहलोत ने वर्ष 1974 (अंक 3) में आयु अंक 5 में एन.एस.यू.आई. के प्रदेशाध्यक्ष का दायित्व संभाला | ये इस पद पर वर्ष 1979 (अंक 8) आयु अंक 1 तक रहे | वर्ष 1979 में ही ये जोधपुर शहर कांग्रेस के अध्यक्ष बने | इस पद पर ये,वर्ष 1982 (अंक 2) आयु अंक 5 तक रहे | प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव के रूप में ये,वर्ष 1982 में रहे | कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष के रूप में ये सब से पहले वर्ष 1985 (अंक 5) आयु अंक 8 से वर्ष 1989 (अंक 9) आयु अंक 3 तक रहे | दूसरी बार इस पद पर वर्ष 1994 (अंक 5) आयु अंक 7 से वर्ष 1997 (अंक 8) आयु अंक 2 तक रहे | तीसरी बार गहलोत ने यह पद वर्ष 1997 से वर्ष 1999 (अंक 8) आयु अंक ४ तक संभाला |  
                                 अशोक गहलोत वर्ष 1980 (अंक 9) आयु अंक 3 से वर्ष 1984 (अंक 4) आयु अंक 7 तक 7 वीं लोकसभा (अंक 7) के सदस्य रहे | वर्ष 1984 से वर्ष 1989 (अंक 9) आयु अंक 3 तक 8 वीं लोकसभा (अंक 8) के सदस्य रहे | वर्ष 1991 (अंक 2) आयु अंक 5 से वर्ष 1996 (अंक 7) आयु अंक 9 तक 10 वीं लोकसभा (अंक 1) के सदस्य रहे | वर्ष 1996 से वर्ष 1998 (अंक 9) आयु अंक 3 तक 11 वीं (अंक 2) लोकसभा के सदस्य रहे | वर्ष 1998 से  वर्ष 1999 (अंक 1) आयु अंक 4 तक 12 वीं लोकसभा (अंक 3) के सदस्य रहे | श्री गहलोत वर्ष 1999 से वर्ष 2003 (अंक 5) आयु अंक 8 तक 11 वीं विधानसभा (अंक 2) के सदस्य रहे | वर्ष 2003 से वर्ष 2008 (अंक 1) आयु अंक 4 तक 12 वीं विधानसभा (अंक 3) के सदस्य रहे | अब ये वर्ष 2008 से 13 वीं विधानसभा (अंक 4) के सदस्य हैं | 
                           गहलोत 02-09-1982 (मूलांक-2,भाग्यांक-4,आयु अंक-5) से 07-02-1984 ( मूलांक-7,भाग्यांक-4,आयु अंक-6) तक केन्द्रीय पर्यटन व नागरिक उड्डयन उपमंत्री के रूप में रहे | इस के बाद 31-10-1984 (मूलांक-4,भाग्यांक-9,आयु अंक-7) तक केन्द्रीय खेल राज्यमंत्री के रूप में रहे | इसी पद पर गहलोत पुनः 12-11-1984 (मूलांक-3,भाग्यांक-9) से 31-12-1984 (मूलांक-4,भाग्यांक-2) तक रहे | 31-12-1984 से 26-09-1985 (मूलांक-8,भाग्यांक-4,आयु अंक-8) तक इन्होंने पर्यटन व नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री के रूप कार्य किया | फिर 21-06-1991 (मूलांक-3,भाग्यांक-2,आयु अंक-5) से 18-01-1993 (मूलांक-9,भाग्यांक-5,आयु अंक-7) तक ये टैक्सटाइल्स राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में रहे | राजस्थान में गहलोत ने  जून,1989 (अंक-9) आयु अंक 3 तक शिवचरण माथुर सरकार में गृह व ज.स्वा.अ.विभाग का मंत्री-पद संभाला |
      मुख्यमंत्री के रूप में 
                            अशोक गहलोत ने राजस्थान के 21 वें (अंक 3) मुख्यमंत्री के रूप में 01-12-1998 को प्रातः 11:30 बजे शपथ ली |   इस का मूलांक-1,मासांक-3,वर्षांक-9 व भाग्यांक 4 है | तब इन्हें उम्र का 48 वाँ (अंक 3) वर्ष चल रहा था | तब चलित का अंक था-3 (ऋणात्मक ) | अंक 4 व 8 गहलोत के लिए अशुभ हैं | अंक 1,3 व 9 की अनुकूलता ने गहलोत को ताज तो दिला दिया,मगर आयु अंक में अंक 4 व 8 की युति तथा शपथ-ग्रहण के भाग्यांक 4 ने अगली बार इन के मुख्यमंत्री न बन पाने की नींव भी रख दी थी | जब आयु-अंक 8 (53 वाँ वर्ष) आया तो उस ने इन से ताज छीन लिया | ये 08-12-2003 तक इस पद पर रहे | यहाँ मूलांक-8 तथा भाग्यांक 7 है | आप ख़ुद ही देख लीजिए कि यहाँ भी गहलोत के अशुभ अंकों ने अपना कमाल दिखाया है | | गहलोत ने राजस्थान के 23 वें मुख्यमंत्री के रूप में दूसरी बार पद की शपथ ली 13-12-2008,शनिवार को |
      क्या है भविष्य ?
                           दूसरी बार मुख्यमंत्री के रूप में श्री गहलोत ने शपथ-ग्रहण का यह दिन क्यों चुना ? यह हमारी समझ के बाहर की बात है | यहाँ उन के लिए प्रबल अशुभ अंकों---मूलांक 4 तथा भाग्यांक 8 का सीधा-सा समीकरण बन रहा है | साथ ही शनिवार का अंक भी है-8 | अब अशुभ अंकों का यह जमावड़ा कैसे भला कर/करवा पाएगा ? इस शपथ-ग्रहण में ही यह बात सम्मिलित है कि श्री अशोक गहलोत की सरकार अगली बार नहीं बन पाएगी |  इस का तात्पर्य यह है कि अशोक गहलोत अगली बार यानि 14 वीं विधानसभा के चुनावों के बाद मुख्यमंत्री नहीं बन पाएँगे | गहलोत के अंक यह बताते हैं कि ये तीन बार मुख्यमंत्री-पद सुशोभित करेंगे,मगर विखंडित अंक 3 के कारण ऐसा लगातार नहीं हो पाएगा | अपनी उम्र के 69 वें वर्ष तक ये फिर से मुख्यमंत्री-पद पर आसीन हो सकते हैं | हाँ,एक ख़ास बात और | अशोक गहलोत के केंद्र में 6 बार मंत्री बनने के योग हैं | अब अगर केन्द्रीय खेल राज्यमंत्री के रूप में इन के 11 दिनों के अंतराल वाले कार्यकाल को एक माना जाए तो गहलोत अभी दो बार और केन्द्रीय मंत्री बनेंगे;और अगर उस कार्यकाल को दो माना जाए तो गहलोत अभी एक बार और केन्द्रीय मंत्री बनेंगे | 
                            अशोक गहलोत को अभी 60 वाँ वर्ष चल रहा है | 60 वें से 69 वें वर्ष का समय इन के लिए प्रतिष्ठा-वृद्धि का है | हाँ,इस यात्रा में इन्हें कुछ झटके भी लग सकते हैं | उम्र के 70 वें वर्ष से इन का ख़राब समय आरम्भ होगा,जो कि पार्टी आलाकमान के यहाँ इन्हें कमज़ोर करवा सकता है | यह भी हो सकता है कि तब तक आलाकमान ही बदल जाए और जो तब का आलाकमान होगा,वह इन के अनुकूल न हो | उस दौर में इन का स्वास्थय भी ख़राब रह सकता है | इन्हें स्त्रियों/परिवार की स्त्रियों/परिवार के लोगों से सम्बन्धित चिन्ताएँ रह सकती हैं | 
                             अशोक गहलोत के लिए उम्र का 61 वाँ वर्ष (अंक 7) तथा 62 वाँ वर्ष  (अंक 8) ख़राब रह सकता है | 61 वें वर्ष में कुछ झटके लग सकते हैं | मंत्रिमंडल में परिवर्तन भी करना पड़ सकता है | 62 वें वर्ष में इन के मुख्यमंत्री-पद को ख़तरा संभव है | यह ख़तरा आलाकमान/केन्द्रीय राजनीति/राज्य के बाहर अवस्थित लोगों के कारण हो सकता है | यह समय निकाल लिया तो गहलोत अपने पाँच साल पूरे कर लेंगे | 
       कौन ले सकता है जगह ?
                             अब जब कि हमारी गणना के मुताबिक यह लग रहा है कि अगली बार अशोक गहलोत मुख्यमंत्री नहीं बन पाएँगे;तो प्रश्न यह उठता है कि क्या इस का मतलब सिर्फ़ इतना ही है कि गहलोत ही मुख्यमंत्री नहीं बन पाएँगे,या फिर कांग्रेस सरकार भी नहीं बन पाएगी ? तो हमारा उत्तर यह है कि कांग्रेस की सरकार भी नहीं बन पाएगी | अगली भाजपा की बनेगी | गहलोत के स्थान पर मुख्यमंत्री-पद वह व्यक्ति बैठेगा जिस पर अंक 2,7 व 8 का प्रभाव होगा, साथ ही अंक 6 व 9 भी अच्छी स्थिति में होंगे | आइए,अब इस व्यक्ति के बारे में भी खुलासा हो जाए | वे व्यक्ति है-वसुंधरा राजे | 09 जनवरी,2010 की पोस्ट 'वसुंधरा राजे:फिर बनेंगी सुपर पॉवर' में हम ने साफ़-साफ़ लिखा है---"...इन्हें चलित दशा की तीसरी चौथाई जून,2012 से सितम्बर,2014 तक चलेगी | यह इन के लिए बहुत शुभ रहेगी | इसी अवधि में उम्र के 61 वें वर्ष में ये पुनः राजस्थान की मुख्यमंत्री बनेंगी | ..."
        श्री अशोक गहलोत के लिए सुझाव                 
                     (1) इस प्रकार योजना बनाएँ कि अगले विधानसभा चुनावों के परिणाम का कार्यक्रम 21 अक्टूबर से 20 नवम्बर के     बीच संपन्न हो जाए | तब हानि कम-से-कम होगी |   
                     (2) मुख्यमंत्री निवास का पता '8,सिविल लाइंस' से बदल कर '9,सिविल लाइंस' कर दिया जाए | 
                     (3) 'RAJASTHAN' की वर्तनी बदल कर 'RAAJASTHAN' या RAJASTTHAN' कर दी जाए | 
                              तो मित्रो,हमारा प्रयास तो यह रहा है कि  यह पोस्ट आज यानि 06-06-2010 को आप की सेवा में हाज़िर कर दी जाए,मगर हमें लगता है कि प्रक्रिया पूरी करते-करते हो सकता है कि घडी कुछ मिनट 07 तारीख़ से ले ले | आज बस इतना ही | ......... अब आज के आनंद की जय | ............ जय श्री राम | 

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