जय श्री राम ............ आदरणीय मित्रो, समसामयिकता के क्रम में कई दिनों से आपसे एक ख़ास बात करनी चाह रहे थे| अब तो कई मित्रों का यह 'कड़ा प्रेमसन्देश' भी मिल चुका है कि इस मामले में क्यों देरी की जा रही है? तो लीजिए, आज प्रस्तुत कर रहे हैं वह ख़ास बात| महाराष्ट्र में सरकार के मुखिया के रूप में नये मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस शपथ ले चुके हैं| अब सबके मन में जिज्ञासा यह है कि इनकी सरकार का क्या हाल रहने वाला है? क्या यह अपना कार्यकाल पूरा कर पाएगी? तो आइए, देखते हैं इस सम्बन्ध में अंकीय विश्लेषण क्या कहता है?
महाराष्ट्र के 27 वें मुख्यमंत्री के रूप में देवेन्द्र फड़नवीस ने 'देवेन्द्र गंगाधरराव फड़नवीस' नाम से 31 अक्टूबर, 2014 (शुक्रवार) को शपथ ग्रहण की| फड़नवीस की जन्म-दिनांक 22-07-1970 है| इनका मूलांक 4 व भाग्यांक 1 है| यह सीधे-सीधे पितृ दोष के अंकों का मामला बनता है| अंक 2 परिवार का है और अंक 4 पितृ कृपा का है| ऐसे में यहाँ पारिवारिक पितृ कृपा बनती है| ऐसे लोग अपने 'पितृ पुरुष' (पिता या दादा) की मृत्यु के बाद 'उनके जूते में पाँव डालते हैं'| देवेन्द्र फड़नवीस के मामले में भी ऐसा ही हुआ है| इन्होंने अपने पिता की राजनीतिक विरासत को ही संभाला है| इनके जन्म के चलित अंकों में भी यही समीकरण है| ऐसे में इनके यहाँ दोहरे प्रभाव के कारण यह योग प्रबल हो गया है| ऐसे लोगों को अपने किसी पितृ पुरुष के कारण ही सफलता मिलती है| फड़नवीस के मुख्यमंत्री बनने के मामले में भी ऐसा ही हुआ है| नरेंद्र मोदी इनके लिए पितृ पुरुष बने| उन्हीं की 'कृपा' से ये मुख्यमंत्री बन पाये, अन्यथा यह सम्भव नहीं हो पाता|
फड़नवीस के शपथ-ग्रहण का मूलांक 4 व भाग्यांक 3 है| यह अंक 4 इनके जन्म के मूलांक 4 के साथ प्रतिरूप युति और भाग्यांक 1 के साथ पितृ दोष युति बनाता है| चलित अंक 9 के साथ यह सम भाव युति बनाता है| इनका शपथ-ग्रहण का भाग्यांक 3 इनके जन्म के मूलांक 4 व भाग्यांक 1 के साथ सम भाव युति बनाता है| यही अवस्था इनके शपथ-ग्रहण के चलित अंक 9 की है| इनका आयु-अंक 9 (45 वाँ वर्ष) है| अंक 9 अंक 3 के साथ मित्र युति बनाता है| इनके शपथ-ग्रहण के मूलांक का वृहदंक 31 है| अंक 1 नेता/नेतृत्व व अंक 3 मित्र/सहयोग/समर्थन का है| इसमें पितृ दोष युति का संयोग यह बताता है कि इन्हें अपने लिए समर्थन के मामले में बहुत ज़ोर आएगा, आसान नहीं है यह| अंक 1, अंक 4, अंक 6 व अंक 8 वाले व्यक्ति/दल इनके लिए बहुत हानिकारक सिद्ध होंगे| इस क्रम में मूलांक 1, आयु-अंक 4 वाली शिव सेना, मूलांक 4 व भाग्यांक 8 वाले अजित पवार, मूलांक-भाग्यांक 4 वाले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष माणिक राव ठाकरे व मूलांक-भाग्यांक 1 व आयु-अंक 6 वाले एन सी पी के प्रदेशाध्यक्ष सुनील तत्कारे फड़नवीस के लिए बहुत नुकसान कर सकते हैं| इस कारण फड़नवीस को अपनी सरकार के लिए समर्थन जुटाने में कठिनाई भी बहुत होगी और जुटा भी लिया तो सरकार चलने में बहुत ज़ोर आएगा| अभी अगर ये किसी तरह समर्थन जुटा भी लेंगे तो इनके आयु-अंक 1 (46 वें) व चलित वर्षांक 8 (वर्ष 2015) में इनकी सरकार जा सकती है| शिव सेना के हिसाब से देखें तो उसके आयु-अंक 6 (51 वाँ वर्ष) में वह इनकी सरकार गिरा सकती है| यह बात 'शिव सेना के 51 वें वर्ष तक' भी हो सकती है| अभी शिव सेना को 49 वाँ वर्ष चल रहा है|
यहाँ एक और बात का उल्लेख कर देना नितांत प्रासंगिक रहेगा| विगत 27 अक्टूबर को दिन में 02:30 बजे हमने अपने फेसबुक स्टेटस में साफ़-साफ़ लिखा था-"सुनने में आ रहा है कि महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री 29 अक्टूबर को शपथ लेगा। हरियाणा के बाद इस मामले में यह भाजपा वालों की लगातार दूसरी मूर्खता होगी। अगर महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री यह चाहता है कि वह अधिक अच्छे ढंग से काम कर सके, तो उसे और किसी भी तारीख़ को नहीं, बल्कि सिर्फ़ और सिर्फ़ 30 अक्टूबर को ही शपथ ग्रहण करनी चाहिए और कार्यभार 31 को।" ... अब चूँकि देवेन्द्र फड़नवीस इस दायरे से बाहर रह गये हैं, इसलिए यह कहना पड़ेगा कि इनकी सरकार अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाएगी| भाजपा की सरकार कितनी चलेगी; वह अलग विषय है, किन्तु फड़नवीस को अपने अधूरे कार्यकाल में पद-त्याग करना पड़ सकता है|
मिलते हैं आज ही एक बार फिर से, अक्टूबर माह की 'आज की हस्ती' की पोस्ट लेकर| ............ जय श्री राम|
महाराष्ट्र के 27 वें मुख्यमंत्री के रूप में देवेन्द्र फड़नवीस ने 'देवेन्द्र गंगाधरराव फड़नवीस' नाम से 31 अक्टूबर, 2014 (शुक्रवार) को शपथ ग्रहण की| फड़नवीस की जन्म-दिनांक 22-07-1970 है| इनका मूलांक 4 व भाग्यांक 1 है| यह सीधे-सीधे पितृ दोष के अंकों का मामला बनता है| अंक 2 परिवार का है और अंक 4 पितृ कृपा का है| ऐसे में यहाँ पारिवारिक पितृ कृपा बनती है| ऐसे लोग अपने 'पितृ पुरुष' (पिता या दादा) की मृत्यु के बाद 'उनके जूते में पाँव डालते हैं'| देवेन्द्र फड़नवीस के मामले में भी ऐसा ही हुआ है| इन्होंने अपने पिता की राजनीतिक विरासत को ही संभाला है| इनके जन्म के चलित अंकों में भी यही समीकरण है| ऐसे में इनके यहाँ दोहरे प्रभाव के कारण यह योग प्रबल हो गया है| ऐसे लोगों को अपने किसी पितृ पुरुष के कारण ही सफलता मिलती है| फड़नवीस के मुख्यमंत्री बनने के मामले में भी ऐसा ही हुआ है| नरेंद्र मोदी इनके लिए पितृ पुरुष बने| उन्हीं की 'कृपा' से ये मुख्यमंत्री बन पाये, अन्यथा यह सम्भव नहीं हो पाता|
फड़नवीस के शपथ-ग्रहण का मूलांक 4 व भाग्यांक 3 है| यह अंक 4 इनके जन्म के मूलांक 4 के साथ प्रतिरूप युति और भाग्यांक 1 के साथ पितृ दोष युति बनाता है| चलित अंक 9 के साथ यह सम भाव युति बनाता है| इनका शपथ-ग्रहण का भाग्यांक 3 इनके जन्म के मूलांक 4 व भाग्यांक 1 के साथ सम भाव युति बनाता है| यही अवस्था इनके शपथ-ग्रहण के चलित अंक 9 की है| इनका आयु-अंक 9 (45 वाँ वर्ष) है| अंक 9 अंक 3 के साथ मित्र युति बनाता है| इनके शपथ-ग्रहण के मूलांक का वृहदंक 31 है| अंक 1 नेता/नेतृत्व व अंक 3 मित्र/सहयोग/समर्थन का है| इसमें पितृ दोष युति का संयोग यह बताता है कि इन्हें अपने लिए समर्थन के मामले में बहुत ज़ोर आएगा, आसान नहीं है यह| अंक 1, अंक 4, अंक 6 व अंक 8 वाले व्यक्ति/दल इनके लिए बहुत हानिकारक सिद्ध होंगे| इस क्रम में मूलांक 1, आयु-अंक 4 वाली शिव सेना, मूलांक 4 व भाग्यांक 8 वाले अजित पवार, मूलांक-भाग्यांक 4 वाले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष माणिक राव ठाकरे व मूलांक-भाग्यांक 1 व आयु-अंक 6 वाले एन सी पी के प्रदेशाध्यक्ष सुनील तत्कारे फड़नवीस के लिए बहुत नुकसान कर सकते हैं| इस कारण फड़नवीस को अपनी सरकार के लिए समर्थन जुटाने में कठिनाई भी बहुत होगी और जुटा भी लिया तो सरकार चलने में बहुत ज़ोर आएगा| अभी अगर ये किसी तरह समर्थन जुटा भी लेंगे तो इनके आयु-अंक 1 (46 वें) व चलित वर्षांक 8 (वर्ष 2015) में इनकी सरकार जा सकती है| शिव सेना के हिसाब से देखें तो उसके आयु-अंक 6 (51 वाँ वर्ष) में वह इनकी सरकार गिरा सकती है| यह बात 'शिव सेना के 51 वें वर्ष तक' भी हो सकती है| अभी शिव सेना को 49 वाँ वर्ष चल रहा है|
यहाँ एक और बात का उल्लेख कर देना नितांत प्रासंगिक रहेगा| विगत 27 अक्टूबर को दिन में 02:30 बजे हमने अपने फेसबुक स्टेटस में साफ़-साफ़ लिखा था-"सुनने में आ रहा है कि महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री 29 अक्टूबर को शपथ लेगा। हरियाणा के बाद इस मामले में यह भाजपा वालों की लगातार दूसरी मूर्खता होगी। अगर महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री यह चाहता है कि वह अधिक अच्छे ढंग से काम कर सके, तो उसे और किसी भी तारीख़ को नहीं, बल्कि सिर्फ़ और सिर्फ़ 30 अक्टूबर को ही शपथ ग्रहण करनी चाहिए और कार्यभार 31 को।" ... अब चूँकि देवेन्द्र फड़नवीस इस दायरे से बाहर रह गये हैं, इसलिए यह कहना पड़ेगा कि इनकी सरकार अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाएगी| भाजपा की सरकार कितनी चलेगी; वह अलग विषय है, किन्तु फड़नवीस को अपने अधूरे कार्यकाल में पद-त्याग करना पड़ सकता है|
मिलते हैं आज ही एक बार फिर से, अक्टूबर माह की 'आज की हस्ती' की पोस्ट लेकर| ............ जय श्री राम|

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