अंक ज्योतिषी, अंग ज्योतिषी, राजनीतिक विश्लेषक-सलाहकार, नाटककार, शायर, अकादमिक, सम्प्रेरक वक्ता

बुधवार, 28 जनवरी 2015

हरियाणा विधानसभा चुनाव 2014 : हमारी भविष्यवाणी अपूर्व रूप से सही साबित

जय श्री राम ............ आदरणीय मित्रो, हमारी 'कृपात्रयी' (प. पू. गुरुदेव देवरहा बाबा, माँ बगलामुखी और घोटेवाले) की कृपा से हमारी भविष्यवाणियों के सही होने का क्रम जारी है| इसी क्रम में अब बात करते हैं हरियाणा विधानसभा के अक्टूबर, 2014 में हुए विधानसभा चुनाव की| ये चुनाव इस अर्थ में कुछ हटकर थे कि हमारी भविष्यवाणी हमारे ब्लॉगों पर दिनांक 15 अक्टूबर, 2014 (बुधवार) को प्रकाशित हुई थी| आइए, हमारी भविष्यवाणी के दायरे में देखते हैं इन चुनावों के परिणामों को|
सत्ता के एक प्रमुख दावेदार ओम प्रकाश चौटाला जेल में थे, तो भाजपा ने हरियाणा जनहित कांग्रेस से नाता तोड़ लिया था| मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा क्या पिछली बार वाला करिश्मा दोहरा पाएँगे, यह प्रश्न भी मुँह फाड़े खड़ा था| कांग्रेस की अंतर्कलह उसे कितना नुकसान पहुँचा पाती है, यह बात प्रमुख थी; तो यह बात भी बहुत मायने रखती थी कि भाजपा में आये दल-बदलू उसे कितना लाभ पहुँचाएँगे? ऐसे में इस चुनावी चौसर पर पासे किसके पक्ष में पड़ेंगे, यह बात बहुत बड़ी रोचकता ग्रहण कर चुकी थी| इस बारे में
# हमने कहा था:-"इस बार दलगत और व्यक्तिगत, दोनों ही रूपों में सत्ता-परिवर्तन तो होने जा रहा है यानी शासक दल व व्यक्ति, दोनों ही बदल सकते हैं|"
* हुआ यह:-दलगत और व्यक्तिगत, दोनों ही रूपों में सत्ता-परिवर्तन हो गया| इस बार नये व्यक्ति के रूप में मनोहर लाल खट्टर व नये दल के रूप में भाजपा ने सत्ता संभाली|
# हमने कहा था:-"भाजपा सबसे बड़ा दल बन सकती है|"
* हुआ यह:-भाजपा सबसे बड़ा दल बनी|
# हमने कहा था:-"भाजपा सरकार बनाने की दौड़ में सबसे आगे रह सकती है|"
           हमने इस पोस्ट के अतिरिक्त कुछ और पोस्ट में भी हरियाणा के इस बार के मुख्यमंत्री या सरकार को लेकर भविष्यवाणी की थी| 05 जनवरी, 2014 को 'आज की हस्ती' स्तम्भ के अंतर्गत आई इन एल डी प्रमुख ओम प्रकाश चौटाला के जन्म-दिन 01 जनवरी, 1935 के सन्दर्भ में उनके बारे में चर्चा करते हुए हमने लिखा था-"आगामी विधानसभा चुनावों के बाद मुख्यमंत्री नहीं बन पाएँगे|" ऐसा ही हुआ| चौटाला मुख्यमंत्री नहीं बन पाये| इसी पोस्ट में हमने लिखा था-"विधानसभा चुनावों में पार्टी अच्छा प्रदर्शन कर सकती है|" इन चुनावों में चौटाला की पार्टी ने 19 सीटें पायीं और दूसरे स्थान पर रही|
          इसी प्रकार 30 सितम्बर, 2014 को 'आज की हस्ती' स्तम्भ के अंतर्गत हरियाणा जनहित कांग्रेस प्रमुख कुलदीप बिश्नोई के जन्म-दिन 22 सितम्बर, 1968 के सन्दर्भ में उनके बारे में चर्चा करते हुए हमने लिखा था-"विधानसभा चुनावों के बाद मुख्यमंत्री नहीं बन पाएँगे|" ऐसा ही हुआ| बिश्नोई मुख्यमंत्री नहीं बन पाये| इसी पोस्ट में हमने लिखा था-"पार्टी का प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं रह पाएगा|" इन चुनावों में बिश्नोई की पार्टी को पिछली बार की 06 के मुकाबले मात्र 02 सीटें मिलीं|
          इसी प्रकार 30 सितम्बर, 2014 को ही 'आज की हस्ती' स्तम्भ के अंतर्गत हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के जन्म-दिन 15 सितम्बर, 1947 के सन्दर्भ में उनके बारे में चर्चा करते हुए हमने लिखा था-"मुख्यमंत्री-पद से विदाई हो जाएगी|" हुआ भी ऐसा ही| 10 वर्षों से राज कर रहे हुड्डा की चुनावों के बाद मुख्यमंत्री-पद विदाई हो गयी|
         अब आप ही देख लीजिए कि हरियाणा विधानसभा के इस बार के चुनावों को लेकर हमने कितने रूपों में कैसे-कैसे भविष्यवाणी की और वह कितनी सही साबित हुई|
        अगली पोस्ट में सही साबित भविष्यवाणियों का यह क्रम जारी रहेगा| तब तक के लिए आज्ञा दीजिए| ............ जय श्री राम|  
   

मंगलवार, 27 जनवरी 2015

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव-2014 : हमारी भविष्यवाणी अपूर्व रूप से सही साबित

जय श्री राम ............ आदरणीय मित्रो, हमारी 'कृपात्रयी' (प.पू. गुरुदेव देवरहा बाबा, माँ बगलामुखी और घोटेवाले) की कृपा से हमारी भविष्यवाणियाँ सही साबित होने का क्रम जारी है| चुनावी भविष्यवाणी सही साबित होने के इस क्रम में अब करते हैं अगली बात| हालाँकि इस बात को तीन महीने हो चुके हैं, मगर अपनी व्यस्तता के चलते आपसे यह बात कर नहीं पाये थे| ख़ैर, अब कर लेते हैं| यह बात है अक्टूबर, 2014 में हुए दिनांक 13 अक्टूबर, 2014 को इसका पहला भाग 'महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव-2014 : भाग-1 : भाजपा सबसे बड़ा दल बन सकती है' तथा दिनांक 14 अक्टूबर, 2014 को दूसरा भाग 'महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव :2014 : भाग-2 : कौन बनेगा मुख्यमंत्री?' प्रकाशित हुआ था|
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की| इस बार के चुनाव बहुत ख़ास थे| एक ओर 25 वर्षों के साथी भाजपा-शिवसेना अलग हो गये तो दूसरी ओर 15 वर्षों के साथी कांग्रेस-एन सी पी भी अलग हो गयी| अब ऐसे में यह चुनावी लड़ाई बहुत रोचक हो चुकी थी| ये चुनाव चतुष्कोणीय, तो कहीं-कहीं मनसे के कारण पञ्चकोणीय भी हो गये थे| आइए, इन चुनाव-परिणामों को हमारी भविष्यवाणी के दायरे में देखें| इस बारे में हमारी भविष्यवाणी दो भागों में थी| हमारे ब्लॉगों पर
# हमने कहा था:-भाजपा सबसे बड़ा दल बन सकती है|" (भाग-1 की पोस्ट का शीर्षक)
* हुआ यह:-122 सीटों के साथ भाजपा सबसे बड़ा दल बनी|
# हमने कहा था:-"ये युतियाँ पूर्ण बहुमत की अवस्था में बाधक हैं| इस कारण किसी एक दल को बहुमत नहीं मिलेगा| सरकार तो गठबंधन से ही बनेगी|"
* हुआ यह:-बहुमत का आंकड़ा 144 सीटें किसी भी दल को नहीं मिला| भाजपा को 122, शिवसेना को 63, एन सी पी को 41, कांग्रेस को 42, मनसे को 01 व अन्य को 19 सीटें मिलीं| सरकार अंततः गठबंधन की ही बनी|
# हमने कहा था:-"इस कारण इस बार चुनाव के बाद सरकार बनाने के लिए फिर से वे दल साथ आ जाएँ तो अचम्भा नहीं है कि जो चुनाव से पहले अलग हुए हों|"
* हुआ यह:-सरकार बनाने के लिए भाजपा व शिवसेना फिर साथ आ गये, जो कि चुनाव से पहले अलग हो गये थे|
# हमने कहा था:-"इस बार 'मुखिया रूप' में परिवर्तन आ सकता है| तात्पर्य यह है कि इस बार वे दल दौड़ में आगे रह सकते हैं, जो कि अब तक 'दूसरे नंबर' पर रहा करते थे या माने जा रहे थे|"
* हुआ यह:-भाजपा हमेशा शिवसेना के साथ गठबंधन में 'दूसरे नंबर' पर रहा करती थी, मगर इस बार वह आगे रही| इस गठबंधन में हमेशा शिवसेना 'मुखिया' रहा करती थी, मगर इस बार भाजपा 'मुखिया' बन गयी|
# हमने कहा था:-"महाराष्ट्र को अभी अंक 8 की दशा चल रही है| यह वर्ष 2007 में आरम्भ हुई थी| यह दशा इस वर्ष के अंत तक चलेगी| इसने अपनी पहली अर्द्धली में वर्ष 2010 तक 3 मुख्यमंत्री दे दिये| अब यह उतरते-उतरते नया मुख्यमंत्री देगी|"
* हुआ यह:-वर्ष 2014 में ही अंक 8 की इस उतरती दशा ने महाराष्ट्र को नया मुख्यमंत्री दे दिया|
# हमने कहा था:-"इस तरह इस बार महाराष्ट्र अपना ताज किसी नये व्यक्ति के सिर पर रखने जा रहा है| इस बार नये दल के नेतृत्व में नयी सरकार बनने जा रही है|"
* हुआ यह:-इस बार महाराष्ट्र ने अपना ताज 'नये व्यक्ति' देनेद्र फड़नवीस के सिर पर रख दिया| पिछले पंद्रह वर्षों की सरकार से अलग एक नये दल भाजपा के नेतृत्व में नयी सरकार बनी|
# हमने कहा था:-कांग्रेस के लिए---"यह अवस्था सत्ता से दूर रखेगी|"
* हुआ यह:-कांग्रेस इस बार सत्ता से दूर रह गयी|
# हमने कहा था:-"इस कारण इस बार कांग्रेस का प्रदर्शन बहुत बुरा रह सकता है| यहाँ तक कि अगर कांग्रेस चौथे स्थान पर भी रह जाए तो अचम्भा नहीं होना चाहिए|"
* हुआ यह:-इस बार कांग्रेस का प्रदर्शन बहुत बुरा रहा| मात्र एक सीट के अंतर से यह चौथे नंबर पर रहने से बच गयी|
# हमने कहा था:-एन सी पी के लिए---"इस कारण इस बार यह पार्टी सरकार में नहीं आ पाएगी|"
* हुआ यह:-एन सी पी इस बार सत्ता में नहीं आ पायी|
# हमने कहा था:-एन सी पी के लिए---"इस कारण यह पार्टी सत्ता से भले ही बाहर हो जाए, मगर इसका प्रदर्शन कोई गया-गुज़रा नहीं रहेगा| यह कांग्रेस से ऊपर रह सकती है|"
* हुआ यह:-एन सी पी का प्रदर्शन गया-गुज़रा नहीं रहा| इसने कांग्रेस की टक्कर में सीटें पायीं| मात्र एक सीट के अंतर से यह कंग्रेस के बराबर आने और मात्र दो सीटों के अंतर से यह कांग्रेस से ऊपर आने रह गयी|
# हमने कहा था:-"इस बार सरकार में भाजपा की पितृ अवस्था रह सकती है| तात्पर्य यह है कि इस बार सत्ता का मुखिया भाजपा बन सकती है|"
* हुआ यह:-भाजपा सरकार की मुखिया बनी|
# हमने कहा था:-"भाजपा को अकेले पूर्ण बहुमत नहीं मिल पाएगा| इसे गठबंधन की सरकार बनानी पड़ेगी|"
* हुआ यह:-भाजपा को पूर्ण बहुमत के सभी आकलन और सर्वेक्षण (यहाँ तक की 'चाणक्य' का सर्वे भी) ग़लत साबित हुए और भाजपा को गठबंधन ही की सरकार बनानी पड़ी|
# हमने कहा था:-भाजपा के लिए---"वैसे अगर शिव सेना के साथ फिर से गठबंधन बन जाए तो अचम्भा नहीं होना चाहिए|"
* हुआ यह:-भाजपा का फिर से शिव सेना के साथ गठबंधन बना|
# हमने कहा था:-शिव सेना के लिए---"इसे चुनाव बाद उलझन या सामंजस का सामना करना पड़ सकता है|"
* हुआ यह:-चुनाव बाद शिव सेना लम्बे समय तक इस उलझन या असमंजस में रही कि भाजपा के साथ जाए या न जाए| यहाँ तक कि शिव सेना ने 'नेता प्रतिपक्ष' का पद प्राप्त भी कर लिया था|
# हमने कहा था:-शिव सेना के लिए---"यह युति इसका मुख्यमंत्री बन पाने और अकेले सरकार बना पाने या सबसे बड़े दल के रूप में उभरने में बड़ी बाधक है|"
* हुआ यह:-शिव सेना का मुख्यमंत्री नहीं बन पाया| न तो यह पार्टी अकेले सरकार बना पायी और न ही सबसे बड़ा दल बन कर उभरी|
# हमने कहा था:-महाराष्ट्र के अंकों में इस बार परिवर्तन के योग हैं| ये योग 'पूर्ण रूपेण' वाले हैं| इसका तात्पर्य यह है कि यह परिवर्तन गठबंधन, दल व व्यक्ति, तीनों रूपों में होगा| इसका अर्थ सीधा-सा यह है कि कांग्रेस व एन सी पी का गठबंधन अब सत्ता में नहीं आएगा| इसका अर्थ यह भी हुआ कि इस गठबंधन के दोनों दल, कांग्रेस व एन सी पी भी सत्ता में नहीं आएँगे|"
* हुआ यह:-महाराष्ट्र में सत्ता का रूप गठबंधन, व्यक्ति व दल; तीनों ही रूपों में बदल गया| भाजपा-शिव सेना का नया गठबंधन, नए व्यक्ति के रूप में देवेन्द्र फड़नवीस व नए दल के रूप में भाजपा सत्ता में आयी| कांग्रेस व एन सी पी सत्ता में नहीं आ पायी|
# हमने कहा था:-सीटों के मामले में शिव सेना दूसरे स्थान पर आ सकती है|"
* हुआ यह:-शिव सेना सीटों के मामले में दूसरे स्थान पर रही|
# हमने कहा था:-"भाजपा को 109 से 114 सीटें, शिव सेना को 67 से 74, एन सी पी को 40 से 47 व कांग्रेस को 29 से 37 सीटें मिल सकती हैं|"
* हुआ यह:-भाजपा को 122, शिव सेना को 63, एन सी पी को 41 व कांग्रेस को 42 सीटें मिलीं|
# हमने कहा था:-"मुख्यमंत्री का निर्णय 20 अक्टूबर तक हो पाएगा, इस बात की संभावना बहुत कम है|"
* हुआ यह:-मुख्यमंत्री का निर्णय 26 अक्टूबर के भी बाद हुआ|
# हमने कहा था:-"भाजपा का मुख्यमंत्री बनने की स्थिति में निर्णय प्रकाश जावड़ेकर, विनोद तावड़े और देवेन्द्र फड़नवीस में से होता दिख रहा है|"
* हुआ यह:-देवेन्द्र फड़नवीस मुख्यमंत्री बने|
          अब आप ख़ुद ही देख लीजिए कि हमारी उक्त भविष्यवाणी कितनी सही साबित हुई| अगली पोस्ट में हम बात करेंगे महाराष्ट्र के साथ ही हुए हरियाणा विधानसभा चुनाव के बारे में की गयी हमारी भविष्यवाणी की| तब तक के लिए आज्ञा दीजिए| ........... जय श्री राम|
          

सोमवार, 26 जनवरी 2015

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव 2014 : हमारी भविष्यवाणी अपूर्व रूप से सही साबित

जय श्री राम ............ आदरणीय मित्रो, आइए अब बात करते हैं हाल ही में सपन्न जम्मू और कश्मीर विधानसभा चुनाव के बारे में की गयी हमारी भविष्यवाणी की| दिनांक 11 दिसम्बर, 2014 (गुरुवार) की अपनी ब्लॉग पोस्ट में हमने यह भविष्यवाणी की थी| हमारी 'कृपात्रयी' (प.पू. गुरुदेव देवरहा बाबा, माँ बगलामुखी और घोटेवाले) की कृपा से हमारी यह भविष्यवाणी अपूर्व रूप से सही साबित हुई|
# हमने कहा था:-"इस बार के चुनाव के बाद यहाँ की लोकतांत्रिक अस्थिरता बानी रहेगी यानि किसी एक दल की सरकार नहीं बन पाएगी| स्त्री अंक 7 के कारण इस बार भी सरकार गठबंधन की बनेगी|"
* हुआ यह:-जम्मू-कश्मीर की लोकतान्त्रिक अस्थिरता बरक़रार है| किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला है| विभिन्न पार्टियों में सीटों का बँटवारा इस प्रकार हुआ है कि सरकार अगर बनेगी, तो गठबंधन की ही बनेगी| 
# हमने कहा था:-"इस बार की विधानसभा का अंक 1 राज्य के मूलांक 8 व नामांक 8 के साथ प्रबल विरोधी युति बनाता है| यह युति सत्ता/सरकार के विरुद्ध जाती है| अतः इस बार बनने वाला मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला हो ऐसा नहीं लगता| यदि नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से सत्ता में भागीदार हुई तो उमर अब्दुल्ला को मुख्यमंत्री-पद मिलता नहीं दिख रहा है|"
* हुआ यह:-स्थिति बिलकुल स्पष्ट है कि उमर अब्दुला मुख्यमंत्री नहीं हो पाएँगे; यहाँ तक कि नेशनल कॉन्फ्रेंस सत्ता में भागीदार हो जाएगी, तब भी नहीं क्योंकि उनके दल के पास इस योग्य सीटें ही नहीं हैं|| 
# हमने कहा था:-"भाजपा को 18 (कम-अधिक 3) यानि 21 सीटें मिल सकती हैं|"
* हुआ यह:-भाजपा को 25 सीटें मिलीं|
# हमने कहा था:-"पी डी पी को 31 (कम-अधिक 6) सीटें मिल सकती हैं|"
* हुआ यह:-पी डी पी को २८ सीटें मिलीं|
# हमने कहा था:-"नेशनल कॉन्फ्रेंस को 20 (कम-अधिक 4) सीटें मिल सकती हैं|"
* हुआ यह:-नेशनल कॉन्फ्रेंस को 15 सीटें मिलीं|

# हमने कहा था:-"इसका (पी डी पी का) सिर्फ़ नामांक व आयु-अंक काम लिया गया है| इस कारण इसके यहाँ भी सीटों के मामले में कुछ अंतर आ सकता है| यह अंतर इतना भी हो सकता है कि भाजपा व इसके बीच सीटों का फ़ासला अधिक न रहे|"
* हुआ यह:-पी डी पी को 28 व भाजपा को 25 सीटें मिलीं| भाजपा व पी डी पी के बीच सीटों का फ़ासला मात्र 3 सीटों का रहा|
# हमने कहा था:-"भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष जुगल किशोर शर्मा का पूर्ण जन्म-विवरण उपलब्ध नहीं है| अतः भाजपा की सीटों के मामले में कुछ और अंतर आ सकता है| यह अंतर इसे दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बना सकता है|"
* हुआ यह:-हमारी यह बात आश्चर्यजनक रूप से सही साबित हुई| भाजपा अब तक का सबसे बड़ा चमत्कार करती हुई 25 सीटों के साथ दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बन गयी|
# हमने कहा था:-"यहाँ कोई दल अकेले अपने दम पर सरकार बनाने की स्थिति में दिखाई नहीं दे रहा है| बहुमत के जादुई आंकड़े 44 को पाने के लिए इस गठबंधन तो करना पडेगा|"
* हुआ यह:-अब बिलकुल साफ़ है कि सिर्फ़ गठबंधन की सूरत में ही सरकार बन पाएगी, अन्यथा दुबारा चुनाव करवाने पड़ेंगे|
              आप स्वयं देख लीजिए कि हमारी उक्त भविष्यवाणी कितनी सही साबित हुई| इन भविष्यवाणियों का यह क्रम आगे भी बना रहेगा| आपसे फिर भेंट होगी अगली पोस्ट के साथ| तब तक के लिए आज्ञा दीजिए| ........... जय श्री राम   

रविवार, 25 जनवरी 2015

झारखण्ड विधानसभा चुनाव 2014 : हमारी भविष्यवाणी अपूर्व रूप से सही साबित

जय श्री राम ............ आदरणीय मित्रो, पीछे एक समय से निरंतर कोई-न-कोई चुनाव होता आ रहा है| इस कारण ऐसी कई बातें हैं, जो कि आपके साथ करनी हैं, मगर चुनाव सम्बन्धी उन व्यस्तताओं के चलते नहीं कर पाये| आज ऐसी ही दो बातें कर लेते हैं| पहली बात है हाल ही में संपन्न झारखण्ड विधानसभा चुनाव के बारे में| कोई भविष्यवाणी करने के पीछे हमारा उद्देश्य यह नहीं होता कि मात्र भविष्यवाणी कर छोड़ दिया जाए,
अपितु हमारी सोच यह रहती है कि उस घटनाक्रम के उपरांत यह भी देखा जाए कि हमारी भविष्यवाणी कितनी सही ठहरी और कितनी नहीं? उस सही ठहरने या न ठहरने के कारणों का विश्लेषण किया जाए तथा प्राप्त निष्कर्षों को भविष्य में प्रयुक्त किया जाए| आप देखेंगे कि झारखण्ड व जम्मू-कश्मीर विधानसभा के हालिया चुनावों की भविष्यवाणी के लिए हमने एक नयी विधि ईजाद की| अब देखना यह है कि यह विधि भविष्य में कितनी खरी ठहरती है?
           हमारी 'कृपात्रयी' (प. पू. गुरुदेव देवरहा बाबा, माँ बगलामुखी व घोटेवाले) की कृपा से भविष्यवाणी 'सही ठहरने' के मामले में हमारा प्रतिशत सार्वजनिक मंच पर घोषित समकालीनों में सर्वाधिक है| यही बात झारखण्ड विधानसभा चुनाव के बारे में भी कही जा सकती है| दिनांक 10 दिसंबर, 2014 की अपनी ब्लॉग पोस्ट में हमने यह भविष्यवाणी की थी| इस राज्य के बारे में हम वर्ष 2005 के चुनावों से ही सही साबित होते आ रहे हैं| उसके बाद वर्ष 2009 के चुनाव; फिर शिबू सोरेन, अर्जुन मुंडा, हेमंत सोरेन सरकार के आने-जाने व राष्ट्रपति शासन की भी हमारी भविष्यवाणी सही साबित हुई|
# हमने कहा था:-"अब उतरती यह अंक 8 की दशा इस राज्य को एक बार फिर नयी सरकार व नया मुख्यमंत्री देने जा रही है|"
* हुआ यह:-झारखण्ड को नयी सरकार व नया मुख्यमंत्री मिल गया|
# हमने कहा था:-"चुनावी वर्षांक 7 स्त्री अंक है| इसकी प्रधानता झारखण्ड में इस बार भी गठबंधन की सरकार बनवाने जा रहा है| किसी एक दल की सरकार बन पाती नहीं दिख रही है|"
* हुआ यह:-भाजपा अकेले अपने दम पर सरकार नहीं बना पायी| उसने आजसू के साथ मिलकर सरकार बनायी|
# हमने कहा था:-"अतः इतना तो तय है कि इस बार झारखण्ड मुक्ति मोर्चा व हेमंत सोरेन की सरकार नहीं बनने जा रही है|"
* हुआ यह:-झारखण्ड मुक्ति मोर्चा व हेमनट सोरेन की सरकार नहीं बनी|
# हमने कहा था:-भाजपा व आजसू को 33 (कम-अधिक 6) यानि 39 तक सीटें मिल सकती है|"
* हुआ यह:-भाजपा व आजसू को 42 सीटें मिलीं|
# हमने कहा था:-झारखण्ड मुक्ति मोर्चा को 17 (कम-अधिक 3) यानि 20 तक सीटें मिल सकती हैं|"
* हुआ यह:-झारखण्ड मुक्ति मोर्चा को 19 सीटें मिलीं|
# हमने कहा था:-"झारखण्ड विकास मोर्चा (प्रजातान्त्रिक) को 09 सीटें (कम-अधिक 2) मिल सकती हैं|"
* हुआ यह:-झारखण्ड विकास मोर्चा (प्रजातान्त्रिक) को 08 सीटें मिलीं|
       यू पी ए की सीटों के मामले में हमने निवेदन किया था---"कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष सुखदेव भगत, जद (यू) के प्रदेशाध्यक्ष जलेश्वर महतो व राजद के प्रदेशाध्यक्ष गिरिनाथ सिंह का पूर्ण जन्म-विवरण उपलब्ध नहीं है| अतः यू पी ए की सीटों के मामले में कुछ और अंतर आ सकता है|" हुआ भी यही|
              उक्त उल्लेख से आप यह भली-भाँति जान ही चुके हैं कि झारखण्ड के उक्त सन्दर्भ में हमारी भविष्यवाणी किस हद्द तक सही साबित हुई है|
              अगली पोस्ट में जम्मू और कश्मीर विधानसभा चुनाव के सम्बन्ध में की गयी भविष्यवाणी की बात लेकर उपस्थित होंगे| तब तक के लिए आज्ञा दीजिए| ........... जय श्री राम|

गुरुवार, 22 जनवरी 2015

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2015 : इस बार बाज़ी भाजपा के हाथ



जय श्री राम ........... आदरणीय मित्रो, 'देश के दिल' यानि दिल्ली में सवा साल के भीतर ही दूसरी बार विधानसभा के चुनाव आ गये हैं| सब की आँखें इस ओर लगी हैं कि इस बार क्या रूप रहेगा दिल्ली विधानसभा का? क्या इस बार भी त्रिशंकु रहेगी या किसी एक दल को बहुमत मिलेगा? क्या दिल्ली की जनता के भाग्य में इस बार भी अस्थायी व डावांडोल सरकार लिखी है या स्थायी सरकार मिल पाएगी? तो, आइए जानें कि अंकीय समीकरण इस बारे में क्या कह रहे हैं?
दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र
01-02-1992
मूलांक:-1     भाग्यांक:-6      आयु-अंक:-6 (24 वाँ वर्ष)     नामांक:-1
मतदान:-07-02-2015  
मतगणना:-10-02-2015      मूलांक:-1     भाग्यांक:-2     दिन-अंक:-9 (मंगलवार)
                 इस सन्दर्भ में 'दिल्ली' का संवैधानिक नाम 'दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र' है| अतः इसके नामांक की गणना NATIONAL CAPITAL TERRITORY OF DELHI के नाम से की गयी है| इसका पूर्ण वृहदंक स्वरूप बनता है-27+21+28+15+18=109=1. दिल्ली का मूलांक 1 व भाग्यांक 6 बना| 24 वें वर्ष के कारण आयु-अंक बना-6| इसे अभी अंक 6 की दशा चल रही है, जो कि वर्ष 2019 तक चलेगी| इसका मूलांक 1+नामांक 1 मतगणना के मूलांक 1 के साथ प्रतिरूप युति बनाता है| 'सरकार' के दृष्टिकोण से यह एक शुभ युति है| इस का अर्थ यह हुआ कि इस बार 'सरकार' को लेकर दिल्ली को अनुकूलता देखने को मिल सकती है| दिल्ली का मूलांक 1+नामांक 1 चुनावी वर्षांक 8+चुनाव के चलित अंक 8 के साथ पितृद्रोह युति बनाता है| यह युति बताती है कि 'सरकार' का जो पिछला स्वरूप रहा है, वह अब नहीं रहेगा| अब वह खंडित/परिवर्तित हो जाएगा| अब अगर इसे राष्ट्रपति शासन माना जाए तो अब नहीं रहेगा; और अगर इसे केजरीवाल की सरकार का रूप मान लिया जाए तो वह भी इस बार नहीं रहेगा; यानि इस बार कोई नयी 'सरकार' बनने जा रही है| अब यह नयी सरकार 'किसकी' होगी, यह आगे का विश्लेषण बताएगा|
                 
दिल्ली का भाग्यांक 6+दिल्ली का आयु-अंक 6 इसके मूलांक 1+नामांक 1+मतगणना के मूलांक 1+मतगणना के चलित अंक 9 के साथ विरोधी युति बनाता है| यह युति सत्ता व उसकी शक्ति का शुक्र-भंग बताती है तथा साथ ही यह भी बताती है कि इस बार सत्ता का केंद्र/कर्ताधर्ता/कर्णधार/मुख्यमंत्री अंक 9 की प्रधानता वाला व्यक्ति होगा| भाजपा के सत्ता में आने की सूरत में तो यह सम्भव दिखता है क्योंकि उनकी तरफ़ से मुख्यमंत्री-पद की घोषित उम्मीदवार किरण बेदी अंक 9 की प्रधानता वाली हैं| इस बात को ऐसे भी कह सकते हैं कि आआपा के केजरीवाल व कांग्रेस के अजय माकन के यहाँ अंक 9 की यह प्रधानता नहीं है| इस तरह यह तो कहा जा सकता है कि भाजपा ने किरण बेदी को आगे कर मुख्यमंत्री व सरकार के मामले में अपने प्रतिद्वंद्वियों से बाज़ी मार ली है| एक बात और| दिल्ली का भाग्यांक 6+आयु-अंक 6 मतगणना के भाग्यांक 2 के साथ मित्र युति बनाता है| अंक 2 स्त्री अंक है| यह अंक गठबंधन का भी है| अतः इस बार दिल्ली में गठबंधन सरकार बन सकती है| अंक 6 व अंक 2 की यह मित्र युति यह भी बताती है कि इस बार प्रथमतः स्त्री और द्वितीयतः स्त्री अंक वाले पुरुष मुख्यमंत्री बनने के मामले में अधिक लाभ की स्थिति में रह सकता है| इसके अनुसार किरण बेदी दोहरे रूप में आगे हैं; एक तो वे स्त्री हैं व दूसरे कि वे भाग्यांक 2 वाली हैं| मूलांक 7 वाले होने के कारण इनके बाद अरविन्द केजरीवाल का नंबर आता है, मगर वे किरण बेदी के मुक़ाबले आधे होने के कारण दोनों की तुलना में मुख्यमंत्री-पद अरविन्द केजरीवाल की अपेक्षा किरण बेदी की तरफ़ जाता दिखायी दे रहा है| अंक 6 की दशा के इस दूसरे वर्ष में दिल्ली में बन रही यह विधानसभा पूरी चल सकती है व भाजपा सरकार कार्यकाल पूरा कर सकती है; किन्तु 'किरण बेदी की सरकार' कार्यकाल पूरा करे, इस में संदेह है| उन पर उम्र के 68 वें, 69 वें व (विशेषकर) 70 वाँ वर्ष भारी पड़ेगा| ये वर्ष इनके मुख्यमंत्री-पद की बलि ले लेंगे तो अचम्भा नहीं होगा| इस विधानसभा के अन्तिम डेढ़-दो साल में मुख्यमंत्री बदल सकता है| किरण बेदी का शरीर भरा-पूरा न होकर सूखा है| इस कारण उनके शरीर में शुक्र विखंडित है, जबकि दिल्ली का भाग्यांक 6 है, दिल्ली का आयु-अंक 6 है तथा दिल्ली की चलित दशा का अंक भी 6 है| दूसरी तरफ़ उन किरण बेदी के 70 वें वर्ष में ही दिल्ली की अंक 6 की दशा समाप्त हो रही होगी| अतः यदि उम्र के 68 वें+69 वें+70 वें वर्ष की इस अवधि के बाद भी किरण बेदी मुख्यमंत्री-पद पर आसीन रहती हैं, तो यह अत्यधिक आश्चर्य का विषय होगा|  
इस गणना में उक्त 10 अंक काम लिये गये हैं:-दिल्ली का मूलांक 1, भाग्यांक 6, आयु-अंक 6, नामांक 1, मतगणना का मूलांक 1, भाग्यांक 2, चलित अंक 8, दिन-अंक 9, चुनावी वर्षांक 8, विधानसभा अंक 6 (छठी विधानसभा)



  क्रमांक
पार्टी/व्यक्ति
   मूलांक
  भाग्यांक
 आयु-अंक
  नामांक
      कुल
     1.
भाजपा
06-04-1980
      6
      3+
      8
      4+
    8(35)
      0
      2
      8+
15/4=3.75+
     2.
अमित शाह
22-10-1964
     4
     4-
      7
      5+
    6 (51)
      3+
      6
      3+
7/4=1.75+
     3.
सतीश उपाध्याय
06-03-1962
     6
     3+
      9
      +
    8 (53)
       0
      8
      0
4/4=+
     4.
कांग्रेस
22-11-1969
     4
     4-
      4
      4-
    1 (46)
      4+
      3
      6+
2/5=.5+
     5.
सोनिया गांधी
09-12-1946
     9
     +
      5
      3+
    7 (70)
       5+
      9
      +
10/4=2.5+
     6.
अरविंदर सिंह लवली
03-01-1965

     3
     6+
      7
      5+
    6 (51)
       3+
      5
      3+
17/4=4.25+
     7.
आआपा
26-11-2012
     8
     0
      6
      3+
    3 (3)
      6+
      6
      3+
12/4=3+
     8.
अरविन्द केजरीवाल
16-08-1968
     7
     5+
      3
      6+
    2 (47)
      8+
      4
      4-
15/4=3.75+
     9.
अकाली दल
14-12-1920
     5
     3+
      2
      8+
    5 (95)
      3+
      9
      +
15/4=3.75+
         10.
प्रकाश सिंह बादल
08-12-1927
     8
     0
      3
      6+
    7 (88)
       5+
      5
      3+
14/4=3.5+
         11.
मंजीत सिंह जी के
18-07-1958
     9
     +
      3
      6+
    3 (57)
       6+
      2
      8+ 
21/4=5.25+


भाजपा+अमित शाह+सतीश उपाध्याय=6.5/3=2.16+
कांग्रेस+सोनिया गांधी+अरविंदर सिंह लवली=7.25/3=2.41+
आआपा+अरविन्द केजरीवाल=6.75/2=3.37+  
अकाली दल+प्रकाश सिंह बादल+मंजीत सिंह जी के=12.5/3=4.16+
कुल=2.16+2.41+3.37+4.16=12.10        कुल सीटें=70
भाजपा+अकाली दल=2.16+4.16=6.32/12.10=52.23#70=36.56=37 सीटें (कम-अधिक 6)
कांग्रेस=2.41/12.10=19.91#70=13.94=14 सीटें (कम-अधिक 3)
आआपा=3.37/12.10=27.85#70=19.5=20 सीटें (कम-अधिक 4)
                  इस तरह इस विश्लेषण से तो यह लग रहा है कि इस बार दिल्ली में भाजपा सरकार बनने जा रही है| इस बार दिल्ली को पार्टीगत रूप से स्थिर सरकार मिल सकती है| हाँ, यह सरकार मुख्यमंत्री के मामले में सम्भवतः स्थिर न हो| अन्तिम रूप तो जैसा प्रभु को स्वीकार हो| ......... आज के आनन्द की जय| ........... जय श्री राम |